ठीक है अगर-मगर तुम्हारा...
पर जो छोड़ जाऊँ मैं तो बेवफ़ा ना कहना...!!
हाँ इश्क़ आज भी है तुमसे...
मगर मंजूर नहीं अब मुझे यूँ ही तन्हा रहना...!!
जो भी है साफ-साफ कहो ना मुझसे...
अच्छा नहीं लगता इधर-उधर का कुछ भी कहना...!!
इश्क़ है अगर अब भी तुमको मुझसे... #ज़िन्दगी
DrUsha Kushwaha
सुनो न,,,
जिन्दगी के खाली पन्नों पर,
आज कुछ लिखने चली हूं,
यादो की तार में टंके हुये लमहों का हिसाब
आज करने चली हूं।
अतुलनीय रिश्तों के विश्वास का आधार
खोजने चली हूं,
कल्पनाओं के रंग प्यार में भरने चली हूं। #लव
#standout सुनो!
जरा बताना
कहां मिलेंगे वो एकांत
जहां मैं गुनगुना सकूं,
अपनी कविताओं में एक नये गीत,
जो अंकुरित होने से पहले ही
भेद दी जाती है
मेरे कानों के जरिए मेरे मन तक। #विचार#स्वरचित
प्रेम है मुझे तन्हाइयों से
सुनी सी मचलती धारों से
शांत,मौन सी मैं खुद को तराशती
हवाओं के झरोखे से बच
मैं सूनेपन को निहारती
देर तलक बैठ अकेली
पर मैं ना लौटना चाहती
एकांत को जी कर मैं #विचार
DrUsha Kushwaha
तुम्हें पाना मुमकिन न था...
पर तुम्हें भूलना भी कभी कहा़
आया मुझे,
दूर से तुम्हे तकना,
और देर तक तुम्हारी राह देखना..
इस के अलावा प्यार करना
कभी कहा आया मुझे,