जफा ए जुनून बढ़ न जाए हमें फ़िक्र उसकी है
सड़कों पे हूजूम बढ़ न जाए हमें फ़िक्र उसकी है
कौन सही कौन गलत हम जानते नहीं
ये जो वक्त की पेशानी पर लिखा जा रहा है
बाबा मुझे डर लगता है ___
निकलती हूं घर से जब देर से कभी
बाबा मुझे डर लगता है ।
वो पान की दुकान पर खड़ा होकर मुझे घूरता है
बाबा मुझे डर लगता है ।
सोचती हूं पान की दुकान की तरफ से न जाऊंगी