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bwilliams3084
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Beauty Kumari

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Beauty Kumari

हूं मैं किसी और की चाहत;
हैं मेरे कोई और चाहत;
बन गई किसी और की चाहत;
ये क़िस्मत की बातें क़िस्मत ही जानें।।

                          🥀🥀

©Beauty Kumari #चाहतें 
#qutoes #कुछ_अनकही_बातें 

#betrayal
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Beauty Kumari

शृंगार__
१                                                                                                २

आप हैं तो मांग भरी है।                                         जो विद्यमान वात्सल्य, स्नेह
आप हैं तो मंगलसूत्र बंधी है।                                  कोमलता ,दया ।।
आप हैं तो बिंदी सजी है।                                       है जो सहजता, सौम्यता, विनम्रता....
आपसे ही कलाइयों की खनक है।                          बनाए रखना तुम; 
आपसे ही पायल की शोर है।                                 क्यूंकि  जीती तुझमें ये ______
आंखों की काजल; मेहंदी की लाली।                      लहलहाती, गुनगुनाती, बुदबुदाती तुझमें..
फूलों का गजरा; कानों में कुंडल।                           इठलाती, अकड़ती, गुमढ़ती..
बचपन में ही पीड़ाएं लिए बैठी है।                           ढूंढती अपना सर्वस्व तुममें।
आपसे ही नथ जुड़ी है।                                          बस अपने समतुल्य रख स्नेह से हाथ फेर देना __
आपसे ही सोलह शृंगार;                                        बिन कहे सारी बातें समझ लेना __
आपके लिए ही बत्तीस आभूषण।।                         इसके अस्तित्व को मिटने न देना।।
 इस शृंगार के महत्ता को समझना तुम।                   क्यूंकि ये अपना सर्वस्व सौप देती तुमको।।
                                                                           इसका मान रखना तुम।।
             _Meri lekhni

©Beauty Kumari #श्रृंगार #Women_Special 
#कुछ_अनकही_बातें 

#Women
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Beauty Kumari

ये कुछ ऐसे मुखौटे _

                          जीना चाहती हूं, बचपन बनके __
थोड़ी अल्हड़पन, थोड़ी शरारतें
वेतुकी बातें, बेवजह मुस्कुराते रहना।
                          जीना चाहती हूं लड़की बनके __
थोड़ी संवरना, थोड़ी शरमाना
बेवजह तारीफें सुनना।
वेश_भूसा के जंजीरों से मुक्त होकर;
कलम की तलवार से युक्त होकर;
कुरीतियों को नष्ट करके;
 भ्रष्टाचार को भ्रष्ट करके।
सभ्यता को सुस्त करके।
संस्कृति को चुस्त करके।।
कभी झांसी, कभी मीरा, राधा, द्रोपदी आदि...
भरके उड़ान उन्मुक्त गगन में
जीना चाहती हूं लड़की बनके __
                          जीना चाहती हूं, लड़का बनके ___
थोड़ी वारिस का एहसास करना।
थोड़ी बहनों की जिम्मेदारी लेना

©Beauty Kumari #ज़िंदगी #चाहत
#बचपन  

#Fun
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Beauty Kumari

भक्ति में प्रेम...
भक्ति में कृष्ण; शक्ति में कृष्ण।
राधा में कृष्ण; कृष्ण में राधा।
प्रेम ही कृष्ण;  घृणा ही कृष्ण।।
हर्ष में कृष्ण; विषाद में कृष्ण।
मुझमें कृष्ण; आपमें कृष्ण।
हम सब में कृष्ण।।
कण_कण में कृष्ण।
सर्वज्ञ कृष्ण.....
कृष्ण ही कृष्ण। कृष्ण ही कृष्ण।।

            _Meri lekhni

©Beauty Kumari 
  #Happy_janmashtami
#nojoto #hindi_poem
#qutoes #Krishna_janmashtami
#radhekrishna
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Beauty Kumari

हर_घर_तिरंगा

होगा हर घर तिरंगा जब, हरेक के पास घर होगा।
होंगे सब प्रेरित, जब पेट में अन्न का दाना व मुंह में निवाला होगा।
होगा देश उन्नत, जब बेरोजगारों के पास रोजगार होगा।
होगा चैन, होगी शांति जब,,,हरेक के हाथ लिखना सीख लेगा।
बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ के नारे पर अमल होगा।
खिलेगा चमन जब, सब माताएं_बहनें अमन से घूमेंगी।
मुस्कुराएगा देश जब फसलें लहलाएगी।
होगी सबकी कैफियत खुशमिजाज जब
किसानों के अधरों पर स्मित मुस्कान होगी।
बढ़ेगा आगे, जब हर घर पढ़ेगा।
तब स्वत:" देश_भक्ति" अंत: करण से फूट पड़ेगी।
होगी खुशियां चारों ओर जब प्रकृति झूमेगी।
पशु_पक्षी_जानवर, पेड़_पौधे चैन की सांस लेंगे।
होगा भाई_चारा, एकता, शांति,
जीने लगेंगे दूसरों के लिए जब, तब
नदियों, पहाड़ों, झीलों से भी वंदे_मातरम गूंजेगा।
तब शायद नहीं ज़रूरत पड़ेगी,,2/2की फोटो social media में डालने की।
नहीं देनी होगी तिलस्मी फ़ोटो से देश_भक्ति का प्रमाण।
नहीं जरूरत पड़ेगी मुस्कान का तत्क्षण आवरण ओढ़ लेने की।
नहीं ज़रूरत पड़ेगी मानसून देश_भक्ति की,
जो राष्ट्रीय दिवसों पर झंकझोर के जगाया जाय।
यद्यपि, आज़ादी का तात्पर्य स्वतंत्रता/गणतंत्र के एक दिन का नहीं होगा।
तथापि हरेक दिन, हरेक पल, हरेक छन् *जय_ हिंद*का स्वर गूंजेगा।
हरेक की जुबां देश_भक्ति का नगमा गुनगुनाएगी।
हरेक दिन उत्सव होगा।।        
                                     ~Meri lekhni

©Beauty Kumari #हर_घर_तिरंगा
#हिन्दीकविता
#देशभक्ति #देशप्रेम 

#IndiaLoveNojoto
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Beauty Kumari

15 अगस्त के मध्य अपने घर पर तिरंगा झंडा अवश्य लगाएं।
और
आसपास के लोगों को प्रेरित करें।।
                                ~Meri lekhni

©Beauty Kumari #vichar
#hindi_poem 
#ChineseAppsBan
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Beauty Kumari

रातों की सिसकती रातों की कहानी...

                    रात्रि इतनी सन्नाटा, इतनी स्तबधता क्यूं तुझमें?
                    मौन,, चुप्पी लिए क्यूं हो?
                    चीखती, चिल्लाती क्यूं नहीं?
                    इतनी खामोशी लिए क्यूं हो?
                    लहलहाती क्यूं नहीं? बुदबुदाती क्यूं नहीं?
                     इतनी शांति क्यूं? तू पीड़ा/ कष्ट में तो नहीं? 
                     इतना सुकून; पुनीत अनुभूति कैसे उत्पन्न कर लेती?
    झींगुर, मेढ़ेकों के संगीत तुम्हारे पवित्रता का सबूत पेश करते।
   भाती हो मन को तुम, जीते हैं सब  तुझमें चैन से...
    गहरी सांसें लेते; अपनी थकान तुझे पिला।
    तन्हाई में साथ हो लेती; 
    शीतलता का आभास कराती;
    स्मित मुस्कान लिए अहा,! की आवाज़ निकल पड़ती।
    तू इतनी सहज और सरल कैसे?
    कहीं तू मां तो नहीं?

                                     ~Meri lekhni

©Beauty Kumari #रात #हिंदी_कविता 
#हिंदीनोजोटो 
#विचार 

#Night
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Beauty Kumari

गुलाब
           ________
                                      खिला ये मेरे बागवानी में,
                                     जो कहलाते पुष्पराज ।
                                      रहा सदा मेरा प्रिय,
                                      मोहक; लाल, पीला, नीला, सफ़ेद प्रसून।
                                      कांटों में भी मुस्कान लिए,
                                      खिला ये गुलाब का फूल।
कहीं प्रेम का प्रतीक।
कभी इत्र बन महकाती।
तो कहीं औषधि बन उपयोगी।
बंद रखती जब तुम खुद को..
कली कहलाती जब तुम।
हम तुम्हारे स्मित मुस्कान की प्रतीक्षा करते।
एक गंध बसी है मन में,
जिससे लगता सारा जग मधुबन।
भोरें गीत सुनाते तुम्हें,
तितली देख इतराती तुम्हें।
                                      जरा बताओ _____
                                      कैसे रह लेती इन काटों के बीच..
                                      तुझसे जीना सीखूंगी .. तुझसे हंसना सीखूंगी।।
                                      क्या चाह नहीं तुझे अपनी अभिलाषाओ की?
                                      टूट जाती डाली से जब तुम,
                                      न शोक मनाती जीवन में।
                                      तू मुरझाईं जब.. स्वयं बिखरने वाली जब तुम।
                                      पंखुड़ियों को छूकर बिखरा देता जब कोई।
                                       क्या चाह नहीं झल्लाने की उनपर...?
                                       है जो तुझे मसलता,, खुशबू छोड़ जाती;
                                       कष्ट सहकर अमृत बरसाने वाली।
                                       तू गुलाब ही हो सकती।।
  सीखी मैं तुझसे आज ______
  जो खिला कष्ट_कंटकों में,
  गौरव गंध उन्हें यत्र_तत्र_सर्वत्र मिला।             _Meri lekhni

©Beauty Kumari #hindipoem
#kavita #rosespecial 

#roseday
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Beauty Kumari

कल, कल अपना संबंध बनाए हुए हैं...
आज को अकेले छोड़े हुए हैं...
यद्यपि कल के बाद आज आती...
वहीं कल के पहले भी आज आती..
अकेली होकर भी आज सबल है, दीर्घायु है।
आज की आयु कल से ज्यादा है।
कल करे वो आज करो..
देखो आज को, जियो आज को...
रहो आज में.....🌻

               _Meri lekhni

©Beauty Kumari #GoodMorning 
#qutoes #thought 

#Tea
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Beauty Kumari

® शोक_संदेश

बहुत स्नेह है न मुझसे..
बेहद मोहबब्त है न..मोह है न ?
फिर क्यूं छुआछूत करते.
और लगते भी तो कपड़े, नाखूनों, बालों तक..
फेंक देते जला देते जो तुम मेरे सारे सामान/तोफे..
जो था मेरे सामानों पर अधिकार..था ये सब दिखावा.
                                                             क्या न लगता महंगे सामानों पर ये कालिख..
                                                      कहीं यह आज़ भरी आज़दार्ह तो नहीं..
                                                 उधेड़ दो ना इन चमडियों को तुम..
                                                                 या,, कर लेते क्यूं न अग्नि में परिशुद्ध ख़ुद को..
                                                    और लगते भी ये सिर्फ रिश्तों में ही..
                                           हो किस परंपरा में बंधे तुम..
लाखों अम्वात होते...देख आ जरा मरघट पर।
रो_रो कर बड़े ढकोसले करते हो।
फुकत जो फुवाद में,,कहीं सब बेतासीर तो नहीं।
अहजान मनाते हो या पाखंडी कह दूं।
फिर १२दिनों का त्योहार मना,मजे लेते भंडारे के।
बड़ी विडंबना है ।
  कालग्रस्त है ये समय या आपकी सोच..
                                                             बड़ी_बड़ी कसमें वादे किए थे साथ रह...
                                           खुद को समाज कहते हो।
                                                     जरा तू भी निश्चल प्यार कर लेते।
                                                           क्या कसर रह गई थी मेरी उल्फत में..
                                                  अरे!! एक दिन तू भी आएगा।
                                                                  अब वादे ना कर बैठना किसी मेरे जैसों से...
                                          जरा सहृदय विदा देना..

||भावभीनी श्रद्धांजलि||        
                                                    🙏                                   ....Meri lekhni ...

©Beauty Kumari #hindikavita
#hindipoem
#sociatyculture 

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