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अतुल कुमार मिश्रा

मै अतुल कुमार मिश्रा । हिन्दी और मैथिली मे कविता लिखता हुँ । पुस्तक कें माध्यम से प्रकाशित किया हुँ ।

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अतुल कुमार मिश्रा

सुनियौ दुर्गा मईया यै

सुनियौ दुर्गा मईया यै #संगीत

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अतुल कुमार मिश्रा

MAITHILI STARTING GEET

MAITHILI STARTING GEET

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अतुल कुमार मिश्रा

JIN RAHO PE

JIN RAHO PE #कविता

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अतुल कुमार मिश्रा

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2368602273397656&id=100007437188978&sfnsn=mo

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अतुल कुमार मिश्रा

आँसु भी क्या चीज होती है,
आँसु होती है तो अपना,
लेकिन रोता है किसी, 
और कें लिये हि।
©अतुल कुमार मिश्रा
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अतुल कुमार मिश्रा

#OpenPoetry पानी  ना  आये तो मुआवजा,
पानी आ  जाये तो मुआवजा।
         ©अतुल कुमार मिश्रा
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अतुल कुमार मिश्रा

#OpenPoetry यौ आहाँ प्रेम करूँ गाँछ-वृक्ष साँ,
आय नैय ता कायल अहि कें,
जौं प्रेम करब लड़की साँ,
त आय आहाँ कें कायल,
ककरो और कें।  
                ©अतुल कुमार मिश्रा
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अतुल कुमार मिश्रा

ये सजनी कोन गलती कें सजा द देलौ,
हम आहाँ कें जान छलौ से बला भ गेलौ । 
                           ©अतुल कुमार मिश्रा

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अतुल कुमार मिश्रा

एक पेड़ को अछे ढंग से और स समय उसकी देखभाल किया जाता है तो वह पेड़ उस क्षेत्र मे सबके नजरो मे शुमार हो जाता है उसकी किमत से लेकर उसकी उपयोगिता तक कि चर्चाये शुरू हो जाती है । 

ठिक उसी तड़ह जब एक मनुष्य को भी अछे ढंग से देखा और स समय उस पर नजर रखी जाती है तो वह भी अपने समाज मे लोगो कें बिच आँखो का तारा बन जाता है फिर उसका भी भविष्य एवम अहमियत कि चर्चाये शुरू हो जाती है । 
                              ©अतुल कुमार मिश्रा
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अतुल कुमार मिश्रा

जब आप एक आम का पेड़ लगाते हो, तब ये पता नही होता है कि ,आगे जाकर बड़ा होगा कि नही, फल होगा कि नही, कुछ भी पता नही होता है, फिर भी हमलोग विश्वास किये होते है और पेड़ लगाते रहतें है । 
ठिक उसी प्रकार से मनुष्य को भी अपना भविष्य पे नही वर्तमान पे विश्वास रखना चाहिये । 
                                 ©अतुल कुमार मिश्रा
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