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mahendramuktak1755
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Mahendra Shekhawat

मैंने कब चाहा कि मैं बादशाह हो जाऊं। मिल जाऊ वतन की मिट्टी में तो शहंशाह हो जाऊं।।

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Mahendra Shekhawat

एक दिन हम सब कहानियां बन जायेगें।
चंद सालों बाद क़िस्सों में बदल जायेंगे।
कितना भी संजोकर रख जाना क़िताब को,
अगली पीढ़ी के दौर में रद्दी घोषित हो जायेगें

©Mahendra Shekhawat
  #kitaab
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Mahendra Shekhawat

किस जरूरत को दबाऊ, किसे पूरा कर लूं।
अपनी तनख्वाह कई बार गिनी है मैनें।।

©Mahendra Shekhawat
  #story
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Mahendra Shekhawat


सब मन के भीतर एक शमशान है,
यहाँ पर भस्म हुई स्मृतियां अनंत है,
जो पवित्र है; वह फिर से लौट आती है,
शेष राख में परिवर्तित कर दी जाती है।

©Mahendra Shekhawat
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Mahendra Shekhawat

मेरे जीवन में बहुत अधिक प्रेम भरा हुआ था,
इस कारण सभी प्रेमिकाएं कविताएं हो गई।।

©Mahendra Shekhawat
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Mahendra Shekhawat

इंतजार बहुत लंबा चुन लिया हमनें,
मुसीबत तो ये हैं की एकतरफ़ा चुन लिया हमने।

©Mahendra Shekhawat #walkingalone
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Mahendra Shekhawat

वो गाँव, मोहल्ला, गली, आँगन सब कट गया हमसें,
एक रेखा मेरे हाथों के दरमियान बनी हुई थी ऐसी।

©Mahendra Shekhawat
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Mahendra Shekhawat

बीते वक़्त की पेशानी पर किस्से लिखे जाएंगे।
हम उड़ते हुए लफ़्ज़ो में खुद को समेट लें जाएंगे।
एक बूढ़े पेड़ के पत्तों ने चुपके से कहा था कल
ओर इस तरह सब किरदार, कहानियाँ हो जाएंगे।

©Mahendra Shekhawat
  बीते वक़्त की पेशानी पर किस्से लिखे जाएंगे।
हम उड़ते हुए लफ़्ज़ो में खुद को समेट ले जाएंगे।
एक बूढ़े पेड़ के पत्तों ने चुपके से कहा था कल 
ओर इस तरह सब किरदार, कहानियाँ हो जाएंगे #kavita #gazal #poem

बीते वक़्त की पेशानी पर किस्से लिखे जाएंगे। हम उड़ते हुए लफ़्ज़ो में खुद को समेट ले जाएंगे। एक बूढ़े पेड़ के पत्तों ने चुपके से कहा था कल ओर इस तरह सब किरदार, कहानियाँ हो जाएंगे #kavita #gazal #poem #शायरी

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Mahendra Shekhawat

मुझकों उसकी एक ख़ूबी याद है
छोड़कर जाने में वो उस्ताद है ।





#ज़ाहिद

©Mahendra Shekhawat
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Mahendra Shekhawat

कहानियां सुन के मश्वरा मांगने वालों,
हम ख़ुद अपना इश्क़ गवाये बैठे है।

©Mahendra Shekhawat #Hope
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Mahendra Shekhawat

किसी को हम मिल जाएंगे
सड़क पर पड़े सिक्कें की तरह,
कोई उम्रभर हमकों ढूंढता रह जायेगा।






#अज्ञात

©Mahendra Singh Shekhawat #vish 

#Moon
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