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meenumodi5363
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Meenu Modi

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Meenu Modi

छीन कर खाने से पेट कहा भरता है ?
निवाला मुंह तक  जरूर जायेगा किंतु..
तृप्ति का एहसास कहा से आयेगा ?

( मीनू )


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©Meenu Modi
  #delusion
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Meenu Modi

हर किसी को चाहिए अपने हिस्से की ज़मी
अपने हिस्सें का आसमां
अपने हिस्से की खुशी,अपने हिस्सें का जहां 
हर एक आदमी इस बात से खफा सा हैं कि
तुम जी रहे हो खुलकर तो मुझमें ये इक लाश सा क्या हैं?
इक बार मुझें अपने आप में ही जीना है
खुद में डूबकर खुद को ही खोना है 
नहीं उबरना दुनिया की इस भीड़ भरी लाचारी में 
बहुत तेज़ नही बस थोड़ा धीरे धीरे से ही चलना है

( मीनू )

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©Meenu Modi
  #bekhudi #zindgi#breath# life
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Meenu Modi

सुबह में नीम के कुछ पत्ते चबा लिया कीजिए
कभी कभी करेला भी खा लिया कीजिए
ज्यादा मिठास की आस न कीजिए जनाब
दुनियां कड़वाहट से भरती जा रही हैं
इसलिए अभी से इस कड़वाहट की आदत डाल लीजिए

( मीनू )



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©Meenu Modi
  #Thoughts#society#

Thoughtssociety# #विचार

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Meenu Modi

वाह ! क्या कहना उन दीमकों का जो अनगिनत किताबों को चट कर अपने भीतर समा लेती  हैं

( मीनू )






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©Meenu Modi
  #kitaabein
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Meenu Modi

तुम्हारी बातें मेरी रूह तक को ठंडक देती है
वरना इस शहर की गर्मी हमें जीने नहीं देती

( मीनू )






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©Meenu Modi
  #City #love#emotions#story
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Meenu Modi

कुछ लोग दिखावे के लिए जीते हैं
कुछ जीने का दिखावा करते हैं... फ़र्क है !!

( मीनू )











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©Meenu Modi
  #lifethought
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Meenu Modi

मेरी बालकनी में लटकते हुए गमले में एक चिड़ा चिड़ी आते हैं, गुनगुनाते हैं चहचाहते है और फुर्र से उड़ जाते हैं 
फिर  साथ मे एक एक तिनका लाते हैं 
सहेज कर उस गमले में रख जाते हैं 
सोचते हैं जल्दी से एक घोंसला बनाएंगे 
आने वाले नए मेहमान को उसी में सुलायेगे 
रोज उसके लिए मीठे मीठे स्वादिष्ट दानें लायेगे
जल्दी से फिर उसे उड़ना भी सिखाएंगे
दिन बीतते जाते हैं, बच्चें उड़ना भी सीख जाते हैं 
और एक दिन मंजिल और दानों की तलाश में बच्चें फुर्र से उड़ जाते हैं
बालकनी में अब मेरी वो पहले वाली बात नहीं रही
वो गुनगुनाहट वो चहचहाट नहीं रही
चिड़ा चिड़ी अब अकेले अकेले बतियातें हैं, धीरे धीरे से ही लेकिन फिर भी चहचाहते हैं 
( मीनू )

©Meenu Modi
  #lovebirds
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Meenu Modi

मां ! मुझे किसने पैदा किया ?
आपको आपकी मां ने पैदा दिया
मां.. मेरी मां को किसने जन्म दिया?
उनको उनकी मां ने.. यानि आपकी नानी मां ने
ओ अच्छा !
अच्छा मेरी नानी मां की किसने पैदा किया फिर ?
उनको उनकी मां ने यानि कि आपकी परनानी ने
अरे वाह ! तो परनानी को किसने जन्म दिया ?
उनको उनकी मां ने
तो पिताजी को किसने पैदा किया ?
उनकी मां ने ..
दादाजी को किसने जन्म दिया ?
उनको भी उनकी मां ने ..
तो मां को किसने जन्म दिया ? क्या भगवान जी ने ?
तो भगवान जी को किसने पैदा किया ?
भगवान जी को भी उनकी मां ने..
क्या मां..सबको सबकी मां ही पैदा करती हैं हैं क्या ? 
ओ अच्छा तभी सब कहते हैं कि मां भगवान जी से भी बड़ी होती हैं ,जो सबको इस धरती पर लाती हैं..
हा.. सबको जन्म देने वाली मां,इस धरती पर लाने वाली सिर्फ मां ही होती हैं
तो पिता क्या कुछ नहीं करते ?
करते हैं ना.. मां को एक मानव को जन्म देने का बीज देते हैं

©Meenu Modi
  #motherday# motherhood#love#poetry#fatherlove

#motherDay# motherhoodlovepoetryfatherlove #शायरी

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Meenu Modi

खेलने का शौक़ रखते हैं  ज़नाब तो जिंदगी के खूबसूरत रंगों से खेलों
किसी के जज्बातों और भावनाओं से खेलने में क्या रखा है

©Meenu Modi
  #जज़्बातअपनेअपने
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Meenu Modi

मेरी कलम से..

तुम, मैं,हम क्या कभी बुद्ध बन सकते है ?
शांति का मार्ग खोज सकते है?
घर परिवार में रहते हुए 
मुश्किल है शायद ..
सिद्धार्थ के लिए भी बुद्ध बनना इतना आसान नहीं रहा होगा..
त्यागना पड़ा था अपना सब कुछ .. घर गृहस्थी,प्रियजन..
ना चाह कर भी फेरना पड़ा था मुंह जिम्मेदारियों से
क्या तुम कर पाओगे ये सब ? नहीं ना..
चलों माना निकल भी पड़े अगर तुम यूं निर्वाण की ओर.. तो मन के कोतूहल और घर गृहस्थी के दिमागी प्रश्नों से अपने को कैसे बचाओगे ?
कहां से लाओगे वो संयम जो मन को बांध सके..
 और मैं.. एक स्त्री... उस शांति को, वैसा ही एक ओर  पीपल का वृक्ष खोजने निकल भी पड़ी तो ये दुनिया मुझें तो चील कौवे की तरह नोच खसोट खाएंगी..स्त्री जो हूं
अनेक तरह की बुरी बुरी बातें बनेगी
कुलटा चरित्र हीन होगी तभी भाग गई.. 
तो मैं तो कभी बुद्ध ना बन पा पाऊंगी..
 किन्तु सिद्धार्थ ने बुद्ध बनकर अपना सबकुछ खोकर बहुत कुछ पाया..
शांति संयम का ज्ञान दिया कि तुम भी पा सकते हो मन पर नियंत्रण.. सुख दुख सब तुम्हारे ही हाथों में है.. झांकों अपने मन के भीतर और पा जाओ सब कुछ....
तो बुद्ध बनना इतना आसान नहीं...
( मीनू )

©Meenu Modi
  #BudhhaPurnima
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