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navkumawat1632
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Nav Kumawat

believe in true frindship... singing lover.. Krishna...pagal🙏 insta id- nrkumawat94

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Nav Kumawat

एक 
अच्छे इंसान 
के अन्दर की 
सबसे बड़ी 
कमी क्या हैं .. 
बताऊ??
जब 
कोई भी 
उससे 
अच्छे से 
बात 
कर लेता है 
तो 
वो उसे भी 
अच्छा
 समझने
 लग जाता हैं।

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Nav Kumawat

सबसे पहले उस इंसान को खुश करो,
जिसे आप रोज़ आईने में देखते हैं

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Nav Kumawat

कुछ घाव ऐसे भी हैं
जिनकी दवा सिर्फ
Success हैं।
😊😊

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Nav Kumawat

जो तुम्हें सही राह ना दिखाये...
ऐसी मित्रता, दुश्मनी से
बेहद ख़तरनाक होती हैं।
जो केवल कुछ समय के साथ की मोहताज होती 
हैं पर गलत लोगों के साथ और उनके द्वारा दिखाई  गई
 राह की मंज़िल सिर्फ पश्चाताप के सिवा कुछ 
और हो ही नहीं सकती।

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Nav Kumawat

भविष्य का दूसरा नाम है.. संघर्ष।
ह्रदय में आज इच्छा होती हैं और पूर्ण नहीं हो पाती तो ह्रदय..
 भविष्य की योजना बनाता हैं।
भविष्य में इच्छा पूर्ण होगी ऐसी कल्पना करता रहता हैं।
किन्तु जीवन ना तो भविष्य में हैं और ना ही अतीत में।
जीवन तो इस क्षण का नाम हैं।
अर्थात् 
इस क्षण का अनुभव ही जीवन का अनुभव है।
पर हम ये सब जानते हुए भी 
इतना सा सत्य समझ नहीं पाते..
या तो हम बीते हुए समय के स्मरणो को घेरकर बैठें रहते हैं 
या आने वाले जीवन के लिए हम योजनाएं बनाते रहते हैं और जीवन....
बीत जाता हैं।
एक सत्य यदि हम ह्रदय में उतार लें
कि 
ना हम भविष्य देख सकते हैं, और ना ही भविष्य निर्मित कर सकते हैं..
हम तो केवल धैर्य और साहस के साथ 
भविष्य को आलिंगन दें सकते हैं, स्वागत कर सकते हैं भविष्य का....…
तो क्या ...
जीवन का हर पल, जीवन से नहीं भर जायेगा??

स्वयं विचार कीजिए 👉🙏

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Nav Kumawat

मां-बाप के दिये 
संस्कारों का 
तमाशा ना बने..!
इसलिए चुप था मैं...!
नहीं तो सौ-सौ जवाब थे
हर एक सवाल के।।
😎😎

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Nav Kumawat

कभी-कभी कोई घटना मनुष्य के जीवन की सारी योजनाओं को तोड़ देती हैं 
और मनुष्य उस आघात को अपने जीवन का केंद्र मान लेता हैं।
पर क्या..
भविष्य मनुष्य की योजनाओं के आधार पर निर्मित होते हैं..!?
नहीं...😊
जिस प्रकार किसी ऊंचे पर्वत पर चढ़ने वाला, 
उस पर्वत की कलाई में बैठकर जो योजना बनाता हैं 
तो क्या वही योजना उसे ,उस पर्वत की चोटी तक पहुंचाती हैं...!?
नहीं..😊
वास्तव में, वो जैसे जैसे ऊपर चढता हैं,
वैसे वैसे उसे नई नई चुनौतियां,नई नई विडम्बनाएं,नये नये अवरोध मिलते हैं।
प्रत्येक पग पर वो अगले पग का निर्णय करता हैं।
प्रत्येक पग पर उसे अपनी योजनाओं को बदलना पड़ता है।
कहीं पुरानी योजना उसे खाई में ना धकेल दे।
वो पर्वत को अपने योग्य नहीं बना  पाता, 
केवल स्वयं को पर्वत के योग्य बना सकता हैं।
क्या जीवन के साथ भी ऐसा ही नहीं..🤔🤔?
जब मनुष्य, जीवन में किसी एक चुनौती को, एक अवरोध को अपने जीवन का केंद्र मान लेता हैं, 
अपने जीवन की गति को ही रोक देता हैं
तो वो अपने जीवन में सफल नहीं हो पाता।
और ना ही सुख और शांति प्राप्त कर पाता हैं।
अर्थात्
जीवन को अपने योग्य बनाने के बदले, स्वयं को जीवन के योग्य बना लेना ही
सफलता और सुख का एकमात्र मार्ग नहीं,..!!
      स्वयं विचार कीजिए 👉🙏।।

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Nav Kumawat

यदि कोई व्यक्ति आपको अच्छा या बुरा लगता हैं 
तो इसमेें उस व्यक्ति का कोई दोष नहीं है
इसमें दोष आपकी नज़र का हैं
 कि आपकी नजर उस व्यक्ति में क्या देखना चाहती हैं ।
ध्यान रखिए एक चोर को, जिसे आपकी नजर बुरा मानती हैं 
उसी चोर को उसकी मां एक पुत्रवत प्रेम करती हैं
क्योंकि उस मां की नजर अपने पुत्र के दोष देखना ही नहीं चाहती।
इसलिए उसे अपने पुत्र में कोई दोष नजर नहीं आता।

स्वयं विचार कीजिए 👉🙏

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Nav Kumawat

संतान के भविष्य को सुख से भरना...
यही हर माता-पिता का प्रथम कर्त्तव्य होता हैं।
जिन्हें आप इस संसार में लाये हैं
 और जिनके कर्मों से ये जगत 
आपका भी परिचय पायेगा भविष्य में,
उनके भविष्य के सुख की योजना करने से अधिक महत्व 
और हो भी क्या सकता हैं..!!
किन्तु
सुख और सुरक्षा
क्या ये मनुष्य के कर्मों से प्राप्त नहीं होते....!!!?

माता-पिता के दिए हुए अच्छे या बुरे संस्कार,
उनके द्वारा दी गई योग्य या अयोग्य शिक्षा, 
क्या आज के सारे कर्मों का मूल नहीं...?
संस्कार और शिक्षा से बनता है मनुष्य का चरित्र..
 अर्थात्
माता-पिता अपनी संतानों का जैसा चरित्र बनाते हैं..
वैसा ही बनता हैं उनका भविष्य..
किन्तु फिर भी अधिकतर माता-पिता 
अपनी संतानों के भविष्य को सुरक्षित करने की चिंता में 
उनके चरित्र निर्माण का कार्य भूल ही जाते हैं..।
वस्तुत: जो माता-पिता अपनी सपनों के भविष्य की चिंता करते हैं,
उनकी संतानों को कोई लाभ नहीं होता।
किंतु जो माता पिता अपनी संतानों के भविष्य की नहीं,
 उनके चरित्र का निर्माण करते हैं, 
उन संतानों की प्रशस्ति समस्त संसार करता है।

स्वयं विचार कीजिए 👉🙏 चरित्र

चरित्र

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Nav Kumawat

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