मलाल तेरे छोड़ जाने का यूँ रहा ना हम रहे ना हमारा वक़्त रहा.... हुस्न तेरा चाँद-सा, नुक्स निकाला गया हमसे भी पूछा गया, हमने पर्दा किया.... तेरी गली में... तेरा आना रह गया.. बहुत कुछ बाकी था और मैं कहाँ रह गया... रंज-ओ-ग़म ने हमको मशहूर कर दिया अब मुफ़लिसी के दौर भी गुज़र जायेंगे... ~ Anuj Subrat
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Anuj Subrat
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