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ravindrasingh3954
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Ravindra Singh

You tube channel - Ravi Kavi & Sawan From Delhi

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Ravindra Singh

हे मेरी मां, हे जगत जननी...

हे मेरी मां, हे जगत जननी... #Poetry

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Ravindra Singh

ईश्वर को जगाने की एक कोशिश बलात्कारियों को सजा देने के लिए

ईश्वर को जगाने की एक कोशिश बलात्कारियों को सजा देने के लिए #Poetry

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Ravindra Singh

White 
कहाँ तलाशूँ में सुकून…

कहाँ तलाशूँ में सुकून ,
सुकून की तलाश में कभी-कभी,
मैं अपना रुख़ जंगलों की ओर मोड़ देता हूँ ।

कभी-कभी दौड़ पड़ता हूँ ,
अकेला किसी ख़ाली सुनसान रोड पर ,
मोह कुछ पल के लिए जब ,
मैं इस संसार से तोड़ देता हूँ ।

मुझे प्रकृति से प्यार हो गया है जैसे ,
मुझे संगीत से लगाव हो गया है जैसे,
मुझे तालाबों, पोखरों ,
के पास बैठना अच्छा लगने लगा है ।

जब देखता हूँ लोगों के दोहरे स्वभाव को ,
एक में प्यार , दूसरे में ईर्ष्या का भाव को ,
मुझे ख़ुद से प्यार करने के सिवा ,
नहीं लोगों का साथ सच्चा लगने लगा है ।

मैं नहीं करता बहस लोगों से अब,
वो जैसा सोचे मेरे बारे में,
मैं वैसा उनकी सोच पर उन्हें छोड़ देता हूँ ।

कहाँ तलाशूँ में सुकून ,
सुकून की तलाश में कभी-कभी,
मैं अपना रुख़ जंगलों की ओर मोड़ देता हूँ ।

©Ravindra Singh
  कहाँ तलाशूँ में सुकून…

#sad_shayari

कहाँ तलाशूँ में सुकून… #sad_shayari #Poetry

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Ravindra Singh

lagta hai bhul gaye ho tum...

lagta hai bhul gaye ho tum... #Poetry

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Ravindra Singh

उसे इश्क की सारी हदें मालूम हैं...

उसे इश्क की सारी हदें मालूम हैं... #Poetry

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Ravindra Singh

तुझे देख लूं तो दिल को सुकून आ जाय...

तुझे देख लूं तो दिल को सुकून आ जाय... #Love

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Ravindra Singh

करते हो बर्ताव अब ग़ैरों सा…

करते हो बर्ताव अब ग़ैरों सा… #Poetry

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Ravindra Singh

बड़ा नाज़ था कि तुम अपने थे...

बड़ा नाज़ था कि तुम अपने थे... #SAD

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Ravindra Singh

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Ravindra Singh

meri kalam....

meri kalam.... #Poetry

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