अल्हड़|देशी गवांर| कवि|शायर|शिक्षार्थी स्नातक/इलाहबाद विश्वविद्यालय परास्नातक/काशी हिन्दू विश्वविद्यालय लेखनी ✍️|सौम्य 🍁 न था कुछ तो ख़ुदा था,कुछ न होता तो ख़ुदा होता, डुबोया मुझको होने ने,न मैं होता तो क्या होता ! © गालिब साब
Byas Mishra
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