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abhinandangupta9096
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Abhinandan Gupta

लिखूं कुछ ऐसा रौशनी दुनिया में हो जाए, लिखते-लिखते सुबह से शाम हो जाए। कर जाए लिखे शब्द दुनिया पे वो असर, दुनिया कलम की मेरी,तलबगार हो जाए।

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Abhinandan Gupta

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Abhinandan Gupta

ये क्या तुम चली गई थी कहीं दूर जिन्दगी से मेरी,
फिर से आ गई हो तुम जिन्दगी में मेरी।
अभिनन्दन अभि'रसमय '

©Abhinandan Gupta
  #doori मेरी शायरी

#doori मेरी शायरी

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Abhinandan Gupta

#storyofheart मेरी शायरी

#storyofheart मेरी शायरी

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Abhinandan Gupta

कब से बादलों में बूंद लटकी थी,बिजलियां देखकर आंखें झपकी थी।ना जाने कैसे ख़बर हो गई  ज़माने को, मेरे सीने में एक बात अटकी थी।

©Abhinandan Gupta
  #City
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Abhinandan Gupta

सादगी भी नायाब चीज़ है,
छोड़ दी सारी दुनिया चाहत भी क्या चीज़ है।
तुम ना देना बदल रंग दुनिया को देखकर,
हमने चुना ज़िन्दग़ी के लिए प्यार भी क्या चीज़ है।

©Abhinandan Gupta मेरी शायरी........
सादगी भी क्या चीज है

मेरी शायरी........ सादगी भी क्या चीज है

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Abhinandan Gupta

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Abhinandan Gupta

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Abhinandan Gupta

#hindiwritings मेरी शायरी

#hindiwritings मेरी शायरी

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Abhinandan Gupta

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Abhinandan Gupta

और एक दिन अचानक वो राजेश वर्षों बाद आ पहुंचा अपने घर जिसे वो 18वर्ष की आयु में छोडकर जा चुका था क्योंकी उसका मन घर में और स्कूल में बिल्कुल भी नहीं लगता था उसके पिता शहर के निगम में  मामूली क्लर्क थे दो भाई  एक बहन के साथ परिवार  बडी मुश्किल से चल पा रहा था राजेश हर समय यही सोचता रहता कि वो दिन कब आयेंगे जब वह भी परिवार सहित सभी सुख सुविधाओं का उपयोग कर आराम से जीवनयापन कर पायेगाअपने माता पिता और भाई बहनों के सपनों को पूरा कर पायेगा ।औरआज  काबिल होकर लौटा।अब वह कडी मेहनत के बलपर इस योग्य था कि माता पिता और भाई बहन को एक सम्मानजनक जीवन जीने के अवसर प्रदान कर सके,राजेश के लौटने से पूरे परिवार में खुशी का माहौल था और राजेश के सबसे बडा होने के नाते उसके माता पिता उसकी शादी कर घर में बहु लाने के सपने बुनने लगे सबके चेहरों खुशी देख राजेश के मन में अपार संतोष था।
अभिनन्दन अभि'रसमय'

©Abhinandan Gupta सपनों का घर

सपनों का घर #प्रेरक

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