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एक प्रयास नोजोटो के माध्यम से अपने भाव आप सभी के सामने रखने का यदि कहीं कोई त्रुटि हो जाए तो कृपया अवगत कराने का कष्ट करें । इस विराट साहित्य जगत के सामने हमारा कोई अस्तित्व नहीं, यह जानते हुए भी ना जाने क्यों लेखनी विराम लेने को तैयार नहीं , जैसे मछली पानी के बिना नहीं रह सकती उसी प्रकार हम लिखे बिना नहीं रह पा रहे । वो मशहूर होने की कोई तमन्ना नहीं क्योंकि हम उम्मीदों को कब के अंतरिक्ष में रख गायब कर चुके हैं । आप जो भी इस नए -नए रचनाकार की टूटी -फूटी रचना को अगर पढ़ने के लिए समय दे रहे तो आप को बहुत सारा ,शुक्रिया