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shwetasingh4802
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shweta singh

मै कुछ भी नहीं हूं, मुझे मत जानो। मेरे बारे में क्या करोगे जानकर, जब मै खुद को ना पहचान पाई।😁

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shweta singh

कुछ इंसान खुल कर लड़ सकते हैं, अपने जज़्बातों को बयां कर सकते हैं,
और कुछ
अपने खामोशियों से,अपने अंतर्मन में चल रहे तूफानों से ही लड़ते रहते हैं ,
और यूंही एक दिन ओझल हो जाते हैं।

©shweta singh
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shweta singh

 प्रेम और  मोह 



प्रेम वह नहीं जो जंजीरों में लपेटे,
प्रेम तो वो है जो हौंसलों में उड़ान दे ,
और उसके जीने की वजह बने,


मोह या माया को प्रेम न समझ ना
मोह तो वो है जिसने चंद खुशियों के लिए ,
 सबको तोड़ दिया ,
 ना खुद जीत पाया और ना ही उसका प्रेम |

©shweta singh
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shweta singh

अपना वह होता है
 जिससे बातें दिल से की जा सके
दिमाग से नही,
क्या खता की है मैने2 की 
हर कदम पर गलत कहा गया मुझे,
परवाह ही तो किया था सबकी,
फिर भी मुझे ऐसे सिला दिया गया,
बहुत ढूंढने की कोशिश की मैंने हर जगह खुशी,
कहीं भी ना मिली,
मिली तो वो तो मेरे ही अंदर मिली,
बस थोड़े आंसुओं ने मेरा साथ दे दिया,
मेरे अंदर के गम को भूला सा दिया,
फिर से वही खुशी ढूंढने मैं निकल पड़ी,

©shweta singh
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shweta singh

दिल टुकड़ों में टूट रहा,
ख्वाबों के परिंदे जकड़ से रहें,
ख्वाहिशें अंदर कहीं दब से गए,
और मुस्कुराहट कही गुम सी गई,
क्या कहूं, किससे कहूं, कोई नहीं अब मेरा,
ना जानें क्या किया था मैने की मुझे  जिंदगी सज़ा सी मिल रही।

©shweta singh #think
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shweta singh

महादेव
हे महादेव, तुझसे ही शक्ति, तुझसे ही भक्ति,
तुझसे ही मेरी हर एक आस,
बनाए रखना खुद पर विश्वास।
तेरी लीला तू ही जाने,
मैं क्या हू सिर्फ तू ही पहचाने।
हे परमपिता परमेश्वर तू ही तो,
 है मेरा रखवाला तू ही है मेरा   भाग्यविधाता,
तेरे सिवा कोई और ना मुझे भाता।
कमियां हज़ार हैं मुझमें, कमियां निकालने वाले भी हैं हज़ार,
जब तू मुझमें है समाया, तो किस बात की है मुझे हाहाकार।
मेरी अश्रु धारा बस तेरे दर पे ही निकले,
तेरे नाम लेकर ही तो मेरा हर एक काम बने।
अपनी कृपा बनाए रखना विश्वनाथ,
ना दे अगर कोई कभी मेरा साथ।
तेरा रूप तो मेरे मन में है छाया,
छोड़ दुनियादारी मुझे तो सिर्फ तू ही है भाया।
मैं तो हूं एक नादान परिंदा,
तेरा आशीर्वाद हर पल रहे मुझपे, कोई दिन ऐसे निकले ना।
दुःख हो चाहे सुख,
हर पल तेरा नाम जपे मेरा मुख।

ॐ नमः शिवाय ❤️🙏🥰

©shweta singh
  #शिव
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shweta singh

मुझे आपके साथ कुछ पल 
 सुकून के चाहिए,
थोड़ी सी हंसी, थोड़ी सी खुशी चाहिए
मेरी सूखी हुई सी अनकही बातों को सुनने वाला चाहिए,
अपनी गोद में मेरे सिर रख थपकी देने वाला चाहिए
 मुझे एक मीठी सी नींद चाहिए।
कभी कभी बिन बोले ही मेरी बातों को समझने वाला चाहिए,
अपने हाथों में मेरे हाथ को कसकर पकड़ समंदर किनारे रेत पर साथ चलने वाला चाहिए,
कुछ पल सुकून के चाहिए,
 मेरी मुरझाए हुए चेहरे पर , 
उलझे लटो के बिखरे बादलों को संवारने वाला चाहिए,
मेरी खोई हुई मुस्कुराहट को, अपनी प्यार भरी आवाज से  लौटाने वाला चाहिए,
मेरी गलतियों पर नाराज़ ना होकर धीमे से समझाने वाला चाहिए,
मेरी छोटी छोटी सफलताओं के लिए हौंसला बढ़ाने वाला चाहिए,
मुझे आपके साथ कुछ पल सुकून के चाहिए,
जब कभी भी जिंदगी से हार जाऊं,
 मुझे खुद से गले लगाकर एक जीत हासिल करने वाला,
  आपके गले का हार चाहिए ,
मुझे कुछ ऐसे पल सुकून के चाहिए।

©shweta singh #together
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shweta singh

हम तो हैं बनारसी
काशी,तेरी महिमा निराली,
हर एक छटा तूने बड़ी बारीकी से हे बिखेरी,
तेरी गलियों में दौड़ते न जाने कब बड़े हो गए हम,
बाबा भोले की नगरी में जन्म लेकर तर गए हम,
अम्मा या मां चली जो झोला पकड़, दौड़  उनके हाथों को गए जकड़ हम
 घाट थे  जब भी पुकारे, मिलों चल लेते थे हम 
गंगा मईया की हर  एक बूंद की बड़ी ही याद सताती,
 हर हर गंगे कहकर इक्यावन बार डुबकी जब भी लगाते,
ना पता था बाबा भोले बार बार हमे ना बुलाएंगे ,
कोई बात नहीं हम यादों के सहारे ही बनारस भूल नहीं पाएंगे,
नंगे पैरों से चलते हुए भी कभी न कोई कांटा पाया,
हर एक कदम मंदिर मस्जि, गुरुद्वारा, चर्च  है पाया।
ये तो बस भोले की ही कृपा है जो आज भी हम पर है छाया,
कहते है बेफिक्र है यहां के लोग बड़े,
जो भी बनारस के मोह में पड़े।
मोक्ष की नगरी ऐसी है ये, जन्म मरण से छुटकारा मिल जाए।
खिचड़ी के दिन पतंग लड़े साथ में जो बक्कटे हो जाए,
नाटी इमली के रामलीला से मंत्र मुग्ध हो जाएं,
त्योहारों की छवि कही ऐसी ना मिलती,
सड़कों पर पाव रखने की भी जगह जो न पाई,
अरे भईया कौनु बात नहीं, काहें के परेशान हउवा,
अस्सी पर चाय पिया, एक बीड़ा पान का लगावा,
दीना का चाट खाकर मजे से चटकार लगावा,
चलते चलते मिल जाए अगर लौंगलता, 
साथ में मल्लाइयो भी सुरकावा।
इस पावन नगरी से दूर कभी ना करवावा। बाबा 🙏



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©shweta singh #बनारस #वाराणसी #काशी
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shweta singh

खामोशि की गहराइयों में न जाने कितनी दफा खो चुके हैंहम,
कि खुशी की एक मुस्कुराहट मिलते ही, गम के अंधेरों में घिर चुके हैं हम,
ये पता है हमें,सबकी  जिंदगी में,
तकलीफें नहीं हैं कम,
बस प्यार का एक लम्हा हर दिन रब करें सबको मिल जाएं
और कभी ना हो मेरे चाहने वालों के आंखें  नम।

©shweta singh #booklover
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shweta singh

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shweta singh

एक चिड़िया  है, उसके पंख भी है
मन में तरंगें भी है,
सारी खुशियां हैं, उसके पास,
फिर भी आता कुछ ना उसे रास,
क्यूंकि कुछ अधूरा सा है ,,,,, अभी
गुमसुम है,  मिजाज़ कुछ बदला सा है,
ऊपर खुशी की चहचहाट,
तो अंदर गम की आग है,
कही खो तो नहीं गई वो,,, ढूंढों उसे,,

©shweta singh

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