मुझे यूं उम्मीद नही थी ,तुम्हारे एसे रूठ जाने की
यूं जरा सी बात पर,बिखर जाने की,
सोचा था शायद तुम मजबूत हो,
मेरे इन दिमागी ख्यालों को मिटा दोगें
मुझे इस डर भरी दुनिया से बाहर निकलोगे
पर तुमने भी शायद जल्दी हार मान ली
और मेरे भरोसे ने एक बार फिर ठान ली,
कि कोई अपना नही होता,
aakanksha Tiwari
कुछ भी तो नही है तुम्हारे में मेरे बीच में
देखो न फिर भी हम कितने करीब है
मुझे जानते नही तुम अपनो के जैसे
देखो ना फिर भी तुम सब जान जाते हो
मैने कभी नहीं समझा तुम्हें, औरों जितना अपना
फिर भी देखो ना भरोसा अपनो से ज्यादा है
जो ये कहते है हम हमेशा साथ रहेंगे
मेरी थोड़ी सी गलती पर ,हाथ छोड़ देते है