Nojoto: Largest Storytelling Platform
raghvendra7664
  • 681Stories
  • 59Followers
  • 6.5KLove
    1.6KViews

डॉ राघवेन्द्र

विद्यावारिधि(Ph. D) ज्योतिष हस्त रेखा विशेषज्ञ

  • Popular
  • Latest
  • Video
abcd05c7afa972565044b994bd38cd70

डॉ राघवेन्द्र

Book quotes ✍️आज की डायरी ✍️

              जरूरी है..... ✍️

कुछ कहानियों का अधूरा रहना जरूरी है  । 
दिल को हल्का करने को रोना भी जरूरी है ।। 

तन्हाई में भी गुजर जाए सुकूँ के वो सारे पल  । 
अकेले रहने के लिए घर में इक कोना जरूरी है ।। 

लिख दूँ तमाम किस्से अब तक के सफ़र का मैं । 
किताब-ए-जिन्दगी में कोरे काग़ज का होना जरूरी है ।। 

नये ख़्वाब अब भी आ जाए इन आँखों में मगर  । 
उन सपनों के लिए रात भर सोना जरूरी है  ।। 

खेल तो आज भी लेते हैं लोग जज्बातों के साथ  । 
मासूम दिल सा बस कोई इक खिलौना जरूरी है ।। 

जिन्दगी क्या है शायद ये जान भी जाएं हम "नीरज" । 
जिंदगी को जीने के हुनर को मगर समझना जरूरी है ।।

       ✍️ नीरज ✍️

©डॉ राघवेन्द्र
abcd05c7afa972565044b994bd38cd70

डॉ राघवेन्द्र

✍️डॉटर डे✍️

हर घर का वो अभिमान होना चाहिए  । 
लड़कियों का भी सम्मान होना चाहिए ।
भेदभाव से आगे निकलते हुए हमें  । 
लड़कों की तरह उनका मान होना चाहिए  ।। 
हर घर का वो अभिमान होना चाहिए  ।(१) 

          कमजोर नहीं ताकत की प्रतिमूर्ति होती हैं  । 
           कठिन हालात में सबसे मजबूत होती हैं  ।
             थोड़ा हौसला उनका भी बढ़ाओ तुम  । 
         लड़कों की तरह उनको भी आगे ले जाओ तुम  । 
          लड़कियाँ भी घर-घर की शान होनी चाहिए  । 
             हर घर का वो अभिमान होना चाहिए  ।। (२) 

माना की जमाने में कुछ लोग बदल रहे हैं  । 
लड़कियों को आगे लेकर भी चल रहे हैं  । 
पर आज भी कई जगह भेदभाव दिखता है  । 
लड़कियों की शिक्षा में अभी अभाव दिखता है । 
लड़कियों के हौसलों में नई उड़ान होना चाहिए । 
हर घर का वो अभिमान होना चाहिए  ।। (३) 

💐डॉटर डे की हार्दिक शुभकामनाएं💐

                    ✍️ नीरज ✍️

©डॉ राघवेन्द्र
abcd05c7afa972565044b994bd38cd70

डॉ राघवेन्द्र

✍️आज की डायरी✍️

महफ़िलों में आने-जाने के लिए कुछ नये तरीक़े भी सीखो यारों   । 

यूँ मुस्कुराकर हरदम मिलना भी कई सवाल खड़े कर देता है ।। 

                                    ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र
abcd05c7afa972565044b994bd38cd70

डॉ राघवेन्द्र

✍️आज की डायरी✍️

                  😞दिखावा... 😞

कहीं सियासत हो रही है कहीं बस छलावा है । 
बेटी बचाओ का आंदोलन तो बस दिखावा है ।। 

मानवता के मूल्य दिखाई देते ही नहीं किसी में । 
राक्षसी प्रवृत्ति में केवल संतो का पहनावा है ।।

भुला देते हैं हर मर्यादा मनोविकृति की वजह से । 
आवरण सभ्य होने का तो इनका बस दिखावा है ।।

पँहुच जाते हैं जब तिहाड़ तो सत्य का ज्ञान होता है । 
बातें ऐसे निकलती है तब जैसे बहुत पछतावा है ।।

दामन को बचाना है तो खुद में मजबूती लाना होगा । 
ये वो ज़माना है जहाँ अपनों में भी इक छलावा है ।।

✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र
abcd05c7afa972565044b994bd38cd70

डॉ राघवेन्द्र

✍️आज की डायरी✍️

                     🥀हिन्दी दिवस🥀

   हिन्द से बना है जो वो भाषा है हिंदी ।
  देश ने चुना है जो वो मातृभाषा है हिंदी ।

जो बोली हिंदोस्तां की एकता का प्रतीक है ।
संस्कृत ने जना है जो वो परिभाषा है हिंदी।।

सरल अभिव्यक्ति का जो माध्यम बन गया ।
उत्सव जिसका मना है वो राजभाषा है हिंदी।।

दूसरे जहाँ में भी इसकी ख्याति फैलती रहे ।
मन में ये बना है जो वो अभिलाषा है हिंदी ।।

🌷 हिंदी दिवस की ढेरों शुभकामना..🌷

                  ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र #Hindidiwas
abcd05c7afa972565044b994bd38cd70

डॉ राघवेन्द्र

✍️आज की डायरी✍️

     ✍️ये ज़माना...✍️

झुकने वाले को और झुकाता है ये ज़माना । 
 दुःखी दिल को और दुखाता है ये ज़माना ।। 

कोशिश कितनी भी हो जख़्मों को भरने की ।
जख़्मों को और हरा कर जाता है ये ज़माना।।

चाहकर भी उदासी से निकलना आसान नहीं ।
हंसी चेहरे को मायूस कर जाता है ये ज़माना ।।

कुछ कहना भी चाहो तो ख़ामोश कर देता है ।
परम्पराओं की डोर में बांध जाता है ये ज़माना ।।

चाहत सबकी होती है मुस्कुरा के जिए जाने की । 
फिर भी महफ़िल में उदास कर जाता है ये ज़माना ।।

        ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र #swiftbird
abcd05c7afa972565044b994bd38cd70

डॉ राघवेन्द्र

✍️आज की डायरी✍️

सम्हालना ज़रूरी है उन रिश्तों को जो दिलों के दरम्यान बनते हैं । 

एकतरफ़ा बनाये हुए रिश्तों की कभी कोई अहमियत नहीं होती ।। 

                                ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र #PenPaper
abcd05c7afa972565044b994bd38cd70

डॉ राघवेन्द्र

White ✍️आज की डायरी✍️

                💐 हरितालिका तीज💐

ज़िन्दगी में कुछ रिश्ते विश्वास पर बनते हैं ।
श्रद्धा हो तो पार्वती को शिव भी मिलते हैं ।।

जोड़ियाँ तो ईश्वर पहले से ही बना देता है ।
यूँ ही नहीं दो अजनबी परिवार जुड़ते हैं ।।

दिल जुड़ जाये तो सम्बन्ध हर जन्म में होगा ।
व्रत से ही सात जन्म के रिश्ते नहीं बनते हैं ।।

सच्चा प्रेम ही है जो निर्जला उपवास रहती हैं ।
उम्र तो निश्चित होती है वो नहीं घटते बढ़ते है ।।

हर पत्नी की चाहत दिल से सम्मान की है "नीरज"।
त्याग की मूर्ति है स्त्री, जो लोग नहीं समझते हैं ।।

    💐हरितालिका तीज की शुभकामना💐

                  ✍️नीरज ✍️

©डॉ राघवेन्द्र #Shiva
abcd05c7afa972565044b994bd38cd70

डॉ राघवेन्द्र

White 🙏✍️शिक्षक दिवस✍️🙏

परिवार के ना होकर भी परिवार से हो जाते हैं ,
कुछ इस तरह से वो हमसे रिश्ता बना जाते हैं ।

भटक जाएँ ग़र मंज़िल-ए-सफ़र के मोड़ पर ,
ऊँगली पकड़कर हमें सही राह दिखा जाते हैं ।।

स्नेह ऐसा मिलता है हमें जीवन समर में इनसे ,
इसी वजह से ये दूसरे अभिभावक कहे जाते हैं ।।

अपने से ज्यादा जो अपने "शिष्य" पर गर्व करे ,
ऐसे महात्मा लोग इस जहाँ में "गुरू"कहे जाते हैं ।।

"💐💐💐शिक्षक दिवस की ढेरों शुभकामना"💐💐💐

                              🙏✍️नीरज✍️🙏

©डॉ राघवेन्द्र #teachers_day
abcd05c7afa972565044b994bd38cd70

डॉ राघवेन्द्र

✍️आज की डायरी✍️

               ✍️क्या पता...✍️

कहाँ ख़त्म हो जाये ये सफ़र क्या पता ,
ज़िन्दगी को कब लग जाये नज़र क्या पता ।
कहने की बात है ताउम्र है जीने को ,
कौन सा रोग कब बरसा दे क़हर क्या पता ।।
ज़िन्दगी को कब लग जाये नज़र क्या पता ...(१)

ख़ुशनुमा पल जो मिले खुल के जी लो तुम,
अपने ख़्वाब पूरे करने की कोशिश करो तुम,
न जाने कब ग़म बना ले हमसफ़र क्या पता ।।
ज़िन्दगी को कब लग जाये नज़र क्या पता...(२)

हवा के रुख के साथ चलना सीखना होगा ,
गिरकर भी एकबार फ़िर से सम्हलना होगा ,
न जाने कहाँ हो जाये शाम-ए-शहर क्या पता ।।
ज़िन्दगी को कब लग जाये नज़र क्या पता ...(३)

          ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र #Life
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile