कितनी दूरी है ना हमारे बीच?
इतनी दूरी की..
मेरे सारे ख़्वाब बस तुम तक
तुम्हारे ख़्वाब बस तुम तक
कितनी दूरी है ना हमारे बीच?
इतनी दूरी की..
मेरे सारे ख़्वाब बस तुम तक
तुम्हारे ख़्वाब बस तुम तक
Vinay Kumar
चलो कुछ ऐसा करते है
कुछ रास्ता साथ साथ चलते है
कुछ तुम मुझे सुनाना
कुछ मैं तुम्हे कहूँगा
आने वाले कल को कहीं
चलो आज फिर से ढूंढ़ते है
कुछ रास्ता साथ साथ चलते है
#Poetry#Love
Vinay Kumar
तुम्हारे लिए ये मेरे जज़्बात, अब
तुमसे ज्यादा ये दुनिया जानती है #Poetry
Vinay Kumar
किस किस से लड़ता फिरूँ मैं तेरी ख़ातिर
मेरी माँ भी अब हमारे इश्क़ को कोसती है
#Nojoto#Love#Poetry
Vinay Kumar
बड़ी चकाचौंध है तो क्या करे
सभी गुमनाम है तो क्या करे
खुद को मानते माशीहा सब
इतनी भागदौड़ है तो क्या करे
कैसी तारीफ है ये ज़मीन तेरी
सभी आसमान है तो क्या करे #Poetry#duniya
Vinay Kumar
मैं महज़ 10 साल का था। स्कूल की छुट्टियाँ चल रही थी, और वो दिन आ गया था जिसके लिए मैं पुरे साल इंतज़ार करता था क्योंकि मैं दादा के घर जाने वाला था। उनके साथ जब भी मैं होता तो कोई भी मुझे अपनी मन मानी करने से नही रोकता, पुरे दिन मैं उनके साथ घूम सकता था, अपना मन चाह पहन सकता मन चाह खा सकता था । लेकिन उस सब से भी ज्यादा मुझे दो चीज़े प्यारी थी सुबह सुबह पार्क में घूमना और रात को उनके सिरहाने सर रख तारो की बातें करना। दादा के घर सुवह सुबह जल्दी उठना होता। तो घड़ी की सुईयां 5:30 पर पहुची दादा ने मुझे शर #Poetry#Birds#Stars#StorytellingDay#AirPollution#humangreed#doomsday
Vinay Kumar
मेरी आँखों को सुकून मिला कब
तुझे ढूढ़ने की ये आदत गयी कब
कितने मासूम हो तुम अभी तलक
तुम्हारी तस्वीर दिल से गयी कब
खुद से जुदा रहना भी एक कला है
मेरे अंधरे कमरे में रोशनी गयी कब #Poetry#Love