#poetess #bhartiya_naari #bholenath_bhakt🙏 #published_poetess📝 बड़े तूफानों से लड़ी हूँ तभी आज किनारों पर खड़ी हूँ।🙏🏻हर हर महादेव🔥 न सीखा मैंनें नियम कोई न लिखने की विधा आती है भावों की कलम से ही कविता कागज़ पे उतर जाती है।- 'भारतीय नारी' दर्द जो ज़िन्दगी से मिला उसे शब्दों में उतार कर हमनें ज़िन्दगी को जीने का ज़रिया ढूँढ लिया।
रुपल सिंह'भारतीय नारी'
रुपल सिंह'भारतीय नारी'
रुपल सिंह'भारतीय नारी'
रुपल सिंह'भारतीय नारी'
रुपल सिंह'भारतीय नारी'
रुपल सिंह'भारतीय नारी'
रुपल सिंह'भारतीय नारी'
रुपल सिंह'भारतीय नारी'
रुपल सिंह'भारतीय नारी'
रुपल सिंह'भारतीय नारी'