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ज़िन्दगी के कुछ ख़्वाब मुकम्मल हुए कुछ बाकी है, मुकम्मल उन ख़्वाबो से एक आवाज आती है , एक कमी सी है जिंदगी में तेरे न होने से ,जो रहेगी उम्र भर सायद, ,,सायद तुम फिर कभी इन् आँखों को दरश न दोगी सायद, सायद यूँ ही गुजारनी पड़ेगी जिंदगी.. सायद ..तेरे बिन..सायद Writing for me is like something freedom where I can criticized this hypocritic world.Some truth which I never tell the people I can easily express through my word.
https://m.youtube.com/watch?v=h9hnp62KO5Y&list=PLrm4FPeyWogcZI7OqADxXjbwC1MO4fQRU&index=1&t=60s