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rahimmohammad6237
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Rahim Mohammad

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Rahim Mohammad

Thoughts आह   टूटे   हुए  दिलों  से  जब  निकलती  हैं।
फिर दुआ लगे ना लगे बद्दुआ ज़रूर लगती है।
-अब्दुल रहीम- कड़वा सच

कड़वा सच #Quotes

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Rahim Mohammad

 दिल की बात

दिल की बात #Shayari #nojotophoto

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Rahim Mohammad

हमने  तो   सुना  था  कि   हुस्न  मांगने  लगी  है।
यह तो अच्छी वेराइटी और किस्म मांगने लगी है।
ना  जाने  कहां गए  वो दिन लैला और मजनू के।
यह  मुहब्बत  भी  अब तो  जिस्म मांगने लगी है।
-अब्दुल रहीम-
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Rahim Mohammad

खोटा सिक्का  बाजार में  चल गया कैसे?
वक़्त  से पहले  ही सूरज ढल गया कैसे?
जो कहता था की तुम ही हो जिन्दगी मेरी
फिर वो अपनी  बातों से बदल गया कैसे?
-अब्दुल रहीम-
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Rahim Mohammad

हसरतों  के  थें  जज़्बात  और  कुछ  भी  नहीं।
शायद मुहब्बत की थी बात और कुछ भी नहीं।
में  समझ  बैठा  था  की  होगा  बेपनाह   इश्क।
कुछ लम्हों की थी मुलाकात और कुछ भी नहीं।
-अब्दुल रहीम-

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Rahim Mohammad

बात  वक़्त के  तक़ाज़े की है कोई जूनून नहीं है।
ये तो दर्द का किस्सा है प्यार का मज़मून नहीं है।

इज़्ज़त है, शोहरत है, और बेशुमार है दौलत भी।
सब कुछ  है  दुनिया  में  लेकिन   सुकून  नहीं है।

-अब्दुल रहीम- susha
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Rahim Mohammad

गमों   में   भी   मुस्कुराने   को   जी  चाहता  है।
हद    से   गुज़र   जाने   को   जी    चाहता   है।
भले  ही  जिनसे  मिली हो  रूसवाईयां  फिर भी।
ना जाने क्यों उन्ही पे मर जानें को जी चाहता है।
-अब्दुल रहीम-

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Rahim Mohammad

बेटों ने तो बांट ली अपने हिस्से की जायदाद।
जिसने  दुःखो  को  बांटा वो "बेटीयां" ही थी।
-अब्दुल रहीम-

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Rahim Mohammad

हम गमों के मारो का कौन सहारा होगा।
डूबती  नांव   का  कौन  किनारा  होगा।

कैसे जियेंगे हम तुम्हारे बिन ज़माने में।
मां उठ जाओ वरना कौन हमारा होगा।

-अब्दुल रहीम-

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Rahim Mohammad

हमारा बस इतना सा कसूर है।
गरीब लाचार और  मजबूर हैं।

मतलब तक ही सब साथ है।
जमाने का तो यही दस्तूर है।

फरियाद कोई सुनता ही नहीं।
क्या  करें  साहब  मजदूर  है।

दर्द  तकलीफ़ वो क्या जाने।
सत्ता के  नशें  में  जो चूर है।

एे पैरों तुम साथ ना छोड़ना।
बहुत दूर है गांव अभी दूर है।
-अब्दुल रहीम-
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