Nojoto: Largest Storytelling Platform
nojotouser1643594607
  • 141Stories
  • 233Followers
  • 1.4KLove
    0Views

vrindaa

मैं और मेरा प्यार.... कुछ यूँ अधूरें है कि तुम्हारे आने से ही पूरे होंगे गिरधर गोपाल!!

  • Popular
  • Latest
  • Video
b5ae41b2a31504f149c3f30b6c0b1cce

vrindaa

खुशियां सहज है__जरा मुस्कुरा करके तो देखो! 
जो सच में भूलने के काबिल है
 उस गम को आप भूला करके देखो।।

© vrindaa #HappyNewYear
b5ae41b2a31504f149c3f30b6c0b1cce

vrindaa

मनसा वासी  नैन सुबास ।
 हठी छैल अवि टेढ़ी जात ।।
कन्दर्प सलोनी तीत रूद्र  समान ।
पल को प्रसून इक पल में आर ।।

© vrindaa
b5ae41b2a31504f149c3f30b6c0b1cce

vrindaa

किसी की बातों में तो कई मुलाकातो में मुझे  तु ही नजर आता है । 
कही की गई  हल्की सी मजाक , तेरे अधरों की मुस्कुराहट दिखा जाता है 
तो कभी हवा बन करके  मेरे रूह से  तु लिपटने को आता है ।।
  ये तेरी प्रेम पिपासा कैसी रमणा! 
कि 
। तुझे  देखते मेरा सुध गया , तु फिर ना मेरे सुध से गया ।

© vrindaa कोई तुमसा नहीं

कोई तुमसा नहीं

b5ae41b2a31504f149c3f30b6c0b1cce

vrindaa

बंधनवार थें मैं बनी बंदिनी , थाँ ही मोर भये रखवार । 
आप छवि नयन बसी ऐसो , दूजा रूप न  और  लखाय ।।

पूनम रात धरा पांव पखारत्  , विधिवत् चन्द्र शिरोमणि नभ छाएं  ।
हरस चहक उठी चकोरी , रमण रमणीय दरस पाएं ।।

 यां मिलन पियूष सरीखा , वर्णित कुछू न कह जाएं। 
इहं सो देखूं  सूरत लावणी , षड्विशा सुपण सुनाएं ।। 

  रूप रसीला नयन चटकीला , रसीला मन्द मन्द मुस्काय ।  
इक टक लाखूं छबि अनुपम ,  मन बीच कोटिक देव मनाय ।।  

निरखत् रूप जां चन्द्र लजाय , वां सुवर्ण श्याम मिलन मोय आएं  ।
 नैना नीर बहत मम जस जस ,   तरत  दरस सों जनम सुफलाय ।।

© vrindaa

b5ae41b2a31504f149c3f30b6c0b1cce

vrindaa

मुस्कुराने से सब कुछ आसान हो जाता है ;  
बस मुस्कुराना ही आसान नही है ।

© vrindaa

b5ae41b2a31504f149c3f30b6c0b1cce

vrindaa

घट यों घट्यों ; श्वास सिमट्यों ,  छूट्यों  तनसों प्रान । 
एक दरस री आस मिटै न , बात-जोंत इक सान ।।
लरखत देह टेक अन नाही , बंशीवार सहारौ चाह ।
रहीबर निरखि गयों  कुम्लानी  ,  हे नलिनी रूप नसान ।।
दरपन होतुं रूप तुम लेतूं , लागी को नही दाम ।
ऋतु मैं सुहावन काश को होतूं , पीर बहत सुफलाय  ।।
ऐ! री ! जनम बिन श्वांसन बीतौ, मीरा जासु रहे पछतात् ।
उतिरीं-चढ़िहीं  हियमय धायौ , रिझत नाही घनश्याम ।।
कनक भये तीर अंग लागी , रंजित बैठूं कासै पग  थाम ।
पञ्चभूत सजीं मैं कर तोर  , उर मम् अंतर भूत समान ।।

© vrindaa

b5ae41b2a31504f149c3f30b6c0b1cce

vrindaa

धूप की तरह धरा पर खिलना
 और फिर आलिंगन में सिमट जाना ।
 बारूद की तरह कभी भड़क उठना और चारों दिशाओं में गुँज जाना .…..
जीने का यहीं सलींका होता है ।।
प्यार करना और जीना उन्हें कभी नहीं आएगा जिन्हें जिन्दगीं बोझिंल लगती है ।।।

© vrindaa

b5ae41b2a31504f149c3f30b6c0b1cce

vrindaa

कुछ कर जाने की जिद्द थी उसमें 
पर अब वो जुनूनी मिलता नहीं 
वो ठान ले कुछ करने को गर 
फिर उसके हाथ से कुछ फिसलता नहीं 
चाहे आन पड़े मुश्किल भी कितनी 
दो राहों पर  वो सिमटता नहीं 
कुछ कर जाने की जिद्द थी उसमें 
पर अब वो जुनूनी मिलता नहीं 

था हिमगिरि-सा शान्त 
सुरज देख पिघलता नहीं 
सर लिए सरफिरी-सी चाहत 
पर था पता कितना और क्या है सही 
कुछ कर जाने की जिद्द थी उसमें 
पर अब वो जुनूनी मिलता नहीं 
चन्द ख्वाहीशें थी जिसकी 
कभी अरमानों में घटता-बढ़ता नहीं 
ढूँढ़ रहें हैं जिसे हम सब 
गुमनाम बन बैठा होगा कहीं 
कुछ कर जाने की जिद्द थी उसमें 
पर अब वो जुनूनी मिलता नहीं 

भूल गया फिर गिर कर चलना 
या राहों से वो भटक गया  
या फिर कुछ पर कटें परिन्दों को देख 
उसका निर्णय बदल गया 
ना जाने कहाँ छिप कर है बैठा 

कुछ कर जाने की जिद्द थी उसमें 
मुझे अब वो जुनूनी मिलता नहीं........

© vrindaa

b5ae41b2a31504f149c3f30b6c0b1cce

vrindaa

एक सरल होना ही कठीन है बाकी जीवन मे सब कुछ सरल है ।

© vrindaa #Light
b5ae41b2a31504f149c3f30b6c0b1cce

vrindaa

दृष्टान्तो नैव दृष्टस्त्रिभुवनजठरे सद्गुरोर्ज्ञानदातुः स्पर्शश्चेत्तत्र कलप्यः स नयति यदहो स्वहृतामश्मसारम् ।
न स्पर्शत्वं तथापि श्रितचरगुणयुगे सद्गुरुः स्वीयशिष्ये स्वीयं साम्यं विधते भवति निरुपमस्तेवालौकिकोऽपि ।।

गुकारस्त्वन्धकारस्तु रुकार स्तेज उच्यते ।
अन्धकार निरोधत्वात् गुरुरित्यभिधीयते ।।

अज्ञान तिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जन शलाकया ।
चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः ।।
🌸🌸🌸
🙏हरे कृष्णा

© vrindaa #lotus
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile