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rahulkhan6044
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Rahul Khan

मत पूछो साहिब तुम क्या करते हो कारोबार में, मोहब्बत की छोटी सी दुकान है नफरतों के बाजार में।

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Rahul Khan

मैं बदतमीज हूं तो जगजाहिर हैं बदतमीजियां मेरी ,

तुम हो अगर शरीफ तो शराफत के निशान दिखाओ।
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Rahul Khan

जिस पर हक था हमारा, वो गुलाब कोई और ले गया।
 जो संजोए थे हमने बड़ी शिद्दत से , वो ख्वाब कोई और ले गया।
हम उलझे रहे सवालों  में  ,उसकी हां का जबाव कोई और ले गया।
मिली हमें फकत शराब और शबाब कोई और ले गया।

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Rahul Khan

फिर उसके बाद मैं pubg में 
आ गया,

मोहब्बत मेरी आखिरी
 शरारत थी।।

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Rahul Khan

कुछ मिजाज उसका गरम था,
कुछ जिस्म उसका नरम था।
जो बंध गया उसके पल्लू,
वो मै बंदा बेशरम था।
गुजरे नहीं जमाने ये,
 बस उस वक्त की बात है जब....
कुछ मेहरबान थी जिंदगी कुछ इश्क़ का करम था।
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Rahul Khan

एक अर्से से रूठा है महबूब हमारा...
बताओ क्या किया जाए?

थोड़ा और इंतजार किया जाय
या moov on कर लिया जाए।

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Rahul Khan

मोहब्बत और दोस्ती का काफिला पीछे  छूट गया,
वरना आदत हमें भी न थी इन अंधेरों की।
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Rahul Khan

एक एक करके सब कुछ छिनती जा रही है जिंदगी..

2019 में मोहब्बत छीन ली 2020में दोस्त।।😭😭😭

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Rahul Khan

यूं ही बदनाम कर रहे थे  मोहब्बत को,
खेल  तो सारा  मुकद्दर  ने  खेला  था।

गम की शब काटी हमने तन्हा,
खुशियों  में    लगा  मेला  था।

 वो तो चले गए मुझे करके घायल,
फिर  खड़ा हुआ  मै अकेला था।

नादानी  थी दिल  की "इश्क़  किया"
सदमा जुदाई का फिर इसने झेला था।

 यूं ही बदनाम कर रहे थे  मोहब्बत को,
खेल  तो सारा  मुकद्दर .....................। musafir
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Rahul Khan

ये सख्स इश्क़ में हारा है तो क्या हुआ ....
तजुर्बा ऐसा मिला कि गिरते- गिरते संभल जाता है,

महफूज रखता हूं खुद को इस सर्द मौसम में...
परवाह सर्दी की नहीं बस खयाल चोट का आ जाता है। सर्द मौसम

सर्द मौसम

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Rahul Khan

मेरी हसरत थी तुझे अपना बनाने की,
सपनों से दूर हकीकत के एक आशियाने की,
यूं तो टिके हुए थे दोनों वफ़ा के वादों पर,
 एक रोज रुसवा हुआ इश्क़ लग गई नजर जमाने की। रुसवाई

रुसवाई

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