Nojoto: Largest Storytelling Platform
abhishekchoudhar8260
  • 210Stories
  • 71Followers
  • 1.9KLove
    3.5KViews

Abhishek Choudhary Sanskrit

मेरे द्वारा रचित कविताएँ एवं शायरीयाँ।।

  • Popular
  • Latest
  • Video
ba10ee3ec9db953aa282eea3d736eb91

Abhishek Choudhary Sanskrit

White स्वजनस्याननाच्छ्रुत्वा,
स्वीया निन्दा परस्परा |
अस्माद्वार्ता मया त्यक्ता,
कैश्चिज्जनैस्सहाधुना ||

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️

कुछ लोगों से बात करना इसलिए छोड़  दिया मैंने क्योंकि अपने ही लोगों से मैंने अपनी ही बुराई सुनी है।

©Abhishek Choudhary Sanskrit #love_shayari
ba10ee3ec9db953aa282eea3d736eb91

Abhishek Choudhary Sanskrit

हृदा ये पूजयिष्यन्ति,
ध्यास्यन्ति तान्निरन्तरम्।
पूर्णं मनोरथन्तेषां,
शैलपुत्री करिष्यति।।

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️

अर्थात्- आज जो मन से पूजा और ध्यान करेगा उसके सभी मनोरथ माँ शैलपुत्री पूरा करेंगी।

©Abhishek Choudhary Sanskrit #navratri
ba10ee3ec9db953aa282eea3d736eb91

Abhishek Choudhary Sanskrit

White (मेरे द्वारा रचित श्लोक अनुष्टुप् छन्द में)


सुरम्या सरला भाषा,
सुबोधा मृदुला मुदा।
यदि न तादृशी भाषा,
सा भाषा नैव गद्यते।।

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️

अर्थात्- भाषा रमणीय,सरल,सुबोध(समझ में आने वाली) होनी चाहिए ताकि व्यक्ति सरलता से उस भाषा को समझ सके यदि ऐसी भाषा नहीं है तो फिर वो भाषा भाषा नहीं कहलाती है।

©Abhishek Choudhary Sanskrit #wallpaper
ba10ee3ec9db953aa282eea3d736eb91

Abhishek Choudhary Sanskrit

White (मेरे द्वारा रचित श्लोक अनुष्टुप् छन्द में) 


सुरम्या सरला भाषा,
सुबोधा मृदुला मुदा।
यदि न तादृशी भाषा,
सा भाषा नैव गद्यते।।

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️

अर्थात्- भाषा रमणीय,सरल,सुबोध(समझ में आने वाली) होनी चाहिए ताकि व्यक्ति सरलता से उस भाषा को समझ सके यदि ऐसी भाषा नहीं है तो फिर वो भाषा भाषा नहीं कहलाती है।

©Abhishek Choudhary Sanskrit #sad_quotes
ba10ee3ec9db953aa282eea3d736eb91

Abhishek Choudhary Sanskrit

White छात्रस्त्वं संस्कृतस्यासि, 
वेत्सि संस्कृतमेव न |
पठनेन तदा तेन,
को लाभो ननु वर्तते?

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)

अर्थ- संस्कृत के छात्र होकर भी यदि तुम्हें संस्कृत नहीं आती है तो फिर उस पढ़ाई से क्या फायदा अत: यह तुम्हारे लिए घोर विडम्बना का विषय है।

©Abhishek Choudhary Sanskrit #GoodMorning
ba10ee3ec9db953aa282eea3d736eb91

Abhishek Choudhary Sanskrit

सान्निध्यन्धीमतां प्राप्य,
शून्या शास्त्रगतिस्तव।
सान्निध्येन तदा तेन,
को लाभो ननु वर्तते ?

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️

अर्थात्- यदि विद्वानों के साथ रहकर भी तुम्हें शास्त्रों का ज्ञान नहीं हो पाया तो फिर उनके सान्निध्य का क्या लाभ?

©Abhishek Choudhary Sanskrit #Books
ba10ee3ec9db953aa282eea3d736eb91

Abhishek Choudhary Sanskrit

White अहङ्कारो न कर्तव्य:,
स्वधनस्य बलस्य वा।
यतो हि कालचक्रन्तु,
तीव्रगत्यात्र घूर्णति।।

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️

अर्थात-समय का चक्र बहुत तेज चलता है इसलिए ना तो अपने बल का अहंकार करें और ना ही अपने धन‌ का।

©Abhishek Choudhary Sanskrit #love_shayari
ba10ee3ec9db953aa282eea3d736eb91

Abhishek Choudhary Sanskrit

प्रात: दन्तधावनङ्कृत्वा, 
स्वजनकञ्जननीञ्च नत्वा।
ततश्च भगवत्भजनङ्गीत्वा,
मनसा कार्यम् अध्ययनम्।।

प्रात: दांतों की सफाई करके(Brush) अपने माता-पिता को नमन करके भगवान का भजन गाकर तत्पश्चात् मन लगाकर अध्ययन करना चाहिए।

पौष्टिकमल्पाहारं भुक्त्वा,
विद्यालयाय सज्जो भूत्वा।
समये विद्यालयम् आप्त्वा,
मनसा कार्यम् अध्ययनम्।।

पौष्टिक अल्पाहार करके विद्यालय हेतु तैयार होकर समय से विद्यालय पहुंच कर तत्पश्चात् मन लगाकर अध्ययन करना चाहिए ।
 
सन्ध्याकाले क्रीडित्वा,
दूरदर्शनमीक्षित्वा।
अग्रजैस्सह वार्ताङ्कृत्वा,
मनसा कार्यम् अध्ययनम्।।

सायंकाल में खेल-कूद करके दूरदर्शन देखकर बड़ों के साथ वार्तालाप करके तत्पश्चात् मन लगाकर अध्ययन करना चाहिए।

कवि:- अभिषेककुमार

©Abhishek Choudhary Sanskrit #Books
ba10ee3ec9db953aa282eea3d736eb91

Abhishek Choudhary Sanskrit

प्रात: दन्तधावनङ्कृत्वा, 
स्वजनकञ्जननीञ्च नत्वा।
ततश्च भगवत्भजनङ्गीत्वा,
मनसा कार्यम् अध्ययनम्।।

प्रात: दांतों की सफाई करके(Brush) अपने माता-पिता को नमन करके भगवान का भजन गाकर तत्पश्चात् मन लगाकर अध्ययन करना चाहिए।

पौष्टिकमल्पाहारं भुक्त्वा,
विद्यालयाय सज्जो भूत्वा।
समये विद्यालयम् आप्त्वा,
मनसा कार्यम् अध्ययनम्।।

पौष्टिक अल्पाहार करके विद्यालय हेतु तैयार होकर समय से विद्यालय पहुंच कर तत्पश्चात् मन लगाकर अध्ययन करना चाहिए ।
 
सन्ध्याकाले क्रीडित्वा,
दूरदर्शनमीक्षित्वा।
अग्रजैस्सह वार्ताङ्कृत्वा,
मनसा कार्यम् अध्ययनम्।।

सायंकाल में खेल-कूद करके दूरदर्शन देखकर बड़ों के साथ वार्तालाप करके तत्पश्चात् मन लगाकर अध्ययन करना चाहिए।

कवि:- अभिषेककुमार

©Abhishek Choudhary Sanskrit
ba10ee3ec9db953aa282eea3d736eb91

Abhishek Choudhary Sanskrit

मन्दं मन्दं पवनस्सरति,
अस्या भूम्यास्तापं हरति।
मेघो वर्षति सिंहो गर्जति,
मयूरनृत्यं मनो हर्षति।।

हवा मन्द गति से बह रही है और इस धरा के ताप को शोषित कर रही है मेघ बरस रहा है, सिंह गरज रहा है और मयूर का नृत्य सभी के मनों को आह्लादित कर रहा है ।

शनै: शनै: मण्डूक: कूर्दति,
कृषक: क्षेत्रे बीजं वपति।
कूपो भरति जन्तुश्चरति,
बालो नद्यां हर्षेण तरति।।

मेंढ़क धीरे धीरे कूर्दन कर रहा है,किसान खेत में बीज बो रहे हैं 
वर्षा के द्वारा कुआं भरा जा रहा है पशु चर रहे हैं और बच्चे प्रमुदित होकर नदी में तैर रहे हैं।

पक्षी कूजति पिको गायति,
दृश्योऽयन्निश्चयो विभाति।
बाल: क्षिप्रं भवनं याति,
ग्वालो धेनुङ्गेहन्नयति।।

पक्षी कूजन में तल्लीन है कोयल गायन में संरत है बच्चे शीघ्रातिशीघ्र गृहप्रस्थान कर रहे हैं, ग्वाला भी गाय को लेकर वासस्थल पर जा रहा है 
अहो यह दृश्य निश्चित ही सबके मनों को हरने वाली है।

कवि:-अभिषेककुमार:✍️✍️

©Abhishek Choudhary Sanskrit #lightning
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile