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rishabhtomar1651
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sukoon

ऋayat लोगो के लिये भले ही खास नही हूँ मगर ये भी सच है बकवास नही हूँ

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sukoon

वन वायु आकाश का, जल थल का माँ सार
नित जग पर बरसे सदा, छठ मैया का प्यार
सुख देती समृद्धि दे, देती अखण्ड सौभाग्य
भाव पुष्प अर्पित है मेरे , छठ मैया के द्वार

©sukoon  भक्ति गीत भक्ति सागर

भक्ति गीत भक्ति सागर

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sukoon

घी गुड़ पान नारियल संग है अर्पित तन मन मेरा
जग की सुख समृद्धि की को अर्पित जीवन मेरा
छठ पूजा क्या है? भू जल अन्न वनस्पति के संग
जग को लुटा प्रकाश ढले जो, उनको नमन मेरा

©sukoon #chhat #छठपूजा
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sukoon

जग की रानाई टिमटिम तारे, वो चन्दा सी जचती है
रूप लगे शरमाने उससे जब रूप की देवी सजती है
लगती होगी जिन्हें फटाखा अपनी सजनी दीवाली पे
मेरी वाली लक्ष्मी देवी का मुझे रूप धरा पर लगती है

#मेरी_वाली😂
रानाई -सुंदरता

©sukoon  लव शायरियां शायरी लव रोमांटिक

लव शायरियां शायरी लव रोमांटिक #मेरी_वाली😂

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sukoon

White अष्टम तिथि के विधु से पूनम हो जाता हूँ तुमसे मिल
दीपों सा जगमग हो उठता, फूलो सा जाता हूँ खिल
चलो खरीदे धनतेरस में हम तुम कुछ अनमोल प्रिये
मेरा सोना तेरा दिल जाँ और तेरी चाँदी ये मेरा दिल
 #धनतेरस
अष्टम तिथि का विधु- अर्द्ध चन्द्रमा

©sukoon #Dhanteras #Love   शायरी लव हिंदी शायरी Extraterrestrial life Entrance examination

#Dhanteras Love शायरी लव हिंदी शायरी Extraterrestrial life Entrance examination #धनतेरस

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sukoon

समाज में जब जब कोई लड़का चला अपने मन से 
जिया अपने उत्थान के लिये 
खोले उसने अपने पंख आकाश छूने के लिए 
उसे उन्मुक्त कहा गया महान कहाँ गया बुद्ध कहाँ गया
समाज के लिए ये सारे लड़के अच्छे लड़के थे
 वही जब जब लड़कियों ने लांघी घर की दहलीज 
नही सही उन्होंने पुरुषों की दासता
अपने सपनों को जीने के लिये
समाज के लिए कुछ करने के लिये
अपनी काबिलियत दिखाने के लिये
वो आगे बढ़ी औऱ
विडंबना देखो समाज के लिए 
वो सारी की सारी लड़कियाँ बुरी हो गई
और अच्छी रही बस वो लड़कियाँ 
जिन्होंने स्वीकारी पुरुषों की ग़ुलामी
सराही गई वो लड़कियाँ 
जिन्होंने आंगन के सिवा नही देखा 
बाहर मोहल्ला
औऱ मुझे लगा दोगला है समाज

©sukoon #girl 
समाज में जब-जब कोई लड़का चला अपने मन से
 जिया अपने उत्थान के लिए
 खोल उसने अपने पंख आकाश छूने के लिए
 उसे उन्मुक्त कहा गया महान कहा गया बुद्ध कहा गया 

वहीं जब-जब लड़कियों ने लांघी घर की दहलीज 
नहीं सही उन्होंने पुरुष की दासता

#girl समाज में जब-जब कोई लड़का चला अपने मन से जिया अपने उत्थान के लिए खोल उसने अपने पंख आकाश छूने के लिए उसे उन्मुक्त कहा गया महान कहा गया बुद्ध कहा गया वहीं जब-जब लड़कियों ने लांघी घर की दहलीज नहीं सही उन्होंने पुरुष की दासता

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sukoon

Maa  

लाखो बातें सुनती फिर भी बेटी संग मुस्काती माँ 
बेटी के संग इस दुनियाँ में,पुनः जन्म ले लेती माँ

गर सपनों की बात करें तो मेरा ऐसा अनुभव है
जो सपने बाक़ी रह जाते ,बेटी संग जी लेती माँ

जब भी रंग निखरता उसका यौवन नशा बढ़ाता है
संग सहेली बनकर उसको सच्ची राह बताती माँ

जब जब बेटी खुलकर हँसती अपने सपनों को छूती
खुशियों के आंशू लेकर संग उसके दिल धड़काती माँ

वक्त विदाई का जब आता बेटी दूजे घर जाती है
थाम कलेजा तब बेटी को , अक्सर ही समझाती है

बैठ अकेले में सुधियाँ ले उसके बचपन में जाकर के
कर बिदाई को याद नयन से खूब नीर बरसाती माँ

ऋषभ सत्य है इस जीवन में मैने ऐसा देखा है
बेटी के संग जीवन जीकर , खुद बेटी बन जाती माँ

©sukoon
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sukoon

मैं तुम्हारा हूँ,  तुम भी मेरे हो प्रभू फर्ज निभाइये

भोलेनाथ बस इतना ही चाहता हूँ कृपा बरसाइये

वो बहुत है मेरे लिए, उसके दुःख दुःख देते है मुझे

आप परेशानी हरो उसके लिए मुझे खुशियां चाहिये

©sukoon
  #yaadein
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sukoon

खमोशी से देखना है जो एक ख्याब है

मेरा इश्क रूहानी है जो कि नायाब है

अब जाहिर न होने देंगे मन की बात को

अमृत था इश्क मेरा तुम समझे शराब है

©sukoon
  #kinaara
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sukoon

छुअन थी रूह की तुम समझी जिस्मानी बोसे
पागल थे हम जो तुम्हें अहसास दिल के परोसे
आज से खमोश रहेगे बोल भी न सुनोगी मेरा
अब सब कुछ छोडते है गणपति तुम्हारे भरोसे

©sukoon
  #GaneshChaturthi
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sukoon

खमोशी से देखना हैजो एक ख्याब है

मेरा इश्क रूहानी है जो कि नायाब है

अब जाहिर न होने देंगे मन की बात को

अमृत था इश्क मेरा तुम समझे शराब है

©sukoon
  #kinaara
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