#Sach#Aaj#Kal#Freedom#expression#HUmanity#loktantra#Rights
अगर डारता नही समाज से, अंधे विश्वास से,
धर्म का बैरी नहीं, अधर्म के संघार से,
जात में बंटना आता नहीं,
काली चादर में सफेदी दिखलाता नहीं,
तो तू बैरी है , तो तू बैरी है..
भूखे को निवाला नहीं, शाम को मधुशाला नहीं,