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poojamehrapoetry7981
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Pooja Mehra poetry

ek anjaan kavi ✍️

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Pooja Mehra poetry

SMILE TO CHANGE THE WORLD. DON'T LET THE WORLD CHANGE YOUR SMILE...
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Pooja Mehra poetry

jai hind

jai hind #nojotovideo

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Pooja Mehra poetry

एक शख्स आज भी 
बहुत याद आता है 
मैं जब- जब भी 
उसको सोचूँ 
उसका चेहरा आँखों में 
मेरी समा जाता है 
एक शख्स आज भी 
बहुत याद आता है,,,,, 
उसकी हर इक बात 
उसका लहज़ा 
आज भी ज़ेहन में है जिन्दा 
बातों से सबका दिल जीतना 
उसका नूरानी अंदाज 
आज भी ख़्यालों में आता है 
एक शख्स आज भी 
बहुत याद आता है 
मैं जब-जब भी 
उसको सोचूँ 
उसका चेहरा आँखों में 
समा जाता है,,,,,,,, 
                                  पूजा मेहरा #Bada_Kalakaar
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Pooja Mehra poetry

जी लूँ जीवन 
कभी ये मीठा 
कभी कड़वा सा 
बन साक्षी देखूँ 
पल-पल इसमें 
बदलता क्या,,,,,,
नीरस को भी 
रस मैं मानूँ 
दूजों से पहले 
ख़ुद को ही जानूँ,,,,,
भीग लूँ 
आंनद सागर के 
अविरल प्रेम में 
छू आऊँ अम्बर 
लौट आऊँ फिर 
धरती की गोद में,,,,, 
लगाऊँ डुबकी 
संतोष के सिंधु में 
बन जाऊँ
मजबूत चट्टान 
करूं टक्कर 
अवगुणों की लहरों से,,,,,,, 
                                   पूजा मेहरा #manzil
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Pooja Mehra poetry

हे सरस्वती माँ 
मुझे ज्ञान दो 
मुझे थाम लो 
करुणा के 
कलावे बाँध दो,,,,,,, 
कभी डरूँ नहीं 
मैं थमूँ नहीं 
रहूँ सजग 
निर्णय करूँ सही,,,,,,, 
परोपकार मेरा मित्र हो 
स्वाभिमान मेरा चरित्र हो 
सत्यता मेरी नींव हो 
सकर्म ही इक लक्ष्य हो,,,,,,, 
तुम पुकार दो 
मुझे नाम दो 
ममता की मुझको छाँव दो,,,,,,,, 
हे सरस्वती माँ 
मुझे ज्ञान दो 
मुझे थाम लो 
करुणा के कलावे 
बाँध दो,,,,,,,,,, 
                      पूजा मेहरा #Basant_Panchmi
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Pooja Mehra poetry

लगाती है चिटकनी 
हर रोज़ 
अपने ख़्वाबों को 
कि कल सोचूँगी
पक्का उनको 
पूरा करने को,,,,, 
कहीं कुछ 
छूट न जाये 
परिवार का 
कोई सदस्य 
रूठ न जाये,,,,,, 
सबकी पसंद-नापसंद 
का उसे पूरा भान है 
भारत की नारी 
यही तेरी असली 
पहचान है,,,,,,
तिल-तिल करके 
घर को संजोती है 
मुसीबतों में ढाल 
भी बन लेती है 
तुझमें सूझबूझ और
अपनेपन की मिठास है 
भारत की नारी 
तुझपे हमको नाज़ है,,,,,, 
                                   पूजा मेहरा #Kismat
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Pooja Mehra poetry

औरत कभी टूटती नहीं 
जोड़ना उसकी शान है 
पति की अद्धांगिनी 
काल से भी लड़ जाये 
ऐसी उसकी आन है,,,,, 
प्यार के दो शब्दों 
से ही आँचल भर लेती 
छोटी-छोटी खुशियों में ही 
अपना सारा जीवन जी लेती,,,,, 
कभी आँसू आ भी
जाये आँखों में तो 
कलाकारी से छुपा है लेती 
रिश्ते बचाने की ख़ातिर 
ख़ुद को झुका है लेती ,,,,, 
                                     पूजा मेहरा #Akhiri_shabd
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Pooja Mehra poetry

चलो आज कुछ नया करते है 
मन के कमरों की 
मन से सफ़ाई करते है,,,,,, 
बहुत समां है बीत गया 
धूल कचरा इनमें जम गया 
चलो जागरूकता के झाड़ू से 
गलतफहमियों की
निकासी करते है 
आज मन के हर इक कोने की 
मन से रगड़ाई करते है,,,,,,,, 
बाहरी चकाचौंध से हटकर 
कुंठा रुपी जालों की
ओर भी नज़र करते है 
आज हर कमरे को 
संतोष से रोशनदीप करते है,,,,,,, 
इनमें उदासी की सीलन 
कब से बसी पड़ी 
चलो आज ख़ुशी के 
रोशनदानों को भी खोलते है 
उनमें ज्ञान का प्रकाश उड़ेलते है,,,,,, 
शिकायतों की बू 
कब से बसी पड़ी,
चलो मन के हर इक कोनें में 
स्वीकृति का इत्र बिखेरतें है
जो जैसा है उसे 
ऐसे ही स्वीकार करते है 
आओ कुछ अपना भी भला सोचते है,,,,,,, 
                                                             पूजा मेहरा # चलो आज कुछ नया करते है...

# चलो आज कुछ नया करते है...

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Pooja Mehra poetry

Poem 

औरत पागल होती है 
ऐसा सुन कर भी 
औरत ने घर को
घर ही बनाया है 
ख़ुद को भुला कर
अपनों में रिझाकर
कर्तव्य सदा निभाया है,,,,, 
सादगी उसका गहना 
सब्र ही है 
उसका श्रृंगार 
प्यार के दो 
शब्दों की ख़ातिर 
ख़ुद को कर देती क़ुर्बान
औरत तू है बड़ी महान 
औरत तू है बड़ी महान,,,,,,, 
                                      पूजा मेहरा #औरत पागल होती है.....

#औरत पागल होती है.....

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Pooja Mehra poetry

#बधिर 
तो क्या हुआ 
जो मैं बधिर हूँ 
मैंने अपना जीवन 
बड़े शान से जीया 
नहीं रहा मैं 
मोहताज किसी का 
पहले ख़ुद का 
ख़ुद सम्मान किया ,,,,,,, 
कोई क्या जाने किन- किन 
मुश्किलों और हालातों से 
किस तरह 
मैं अब तक जूझा 
जज़्बात कह न सका 
अपनों से भी 
फिर भी
किस्मत से मैं न रूठा,,,,,
फिर जीवन संगिनी 
बनी मेरी आवाज़ 
फ़क्र से ये बात कहता हूँ 
जीवन मैनें खुल के जिया 
ऊपर वाले का 
आभार मैं करता हूँ,,,,,,,,
                                   पूजा मेहरा #बधिर
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