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क्योंकि लिखना और लिख कर खुद को अभिव्यक्त करना लिख कर बिकने से कहीं ज्यादा ही सहज है और प्यारा है । और अंतर को स्वीकार्य है । तो मुझे लिखने से प्रेम है लिखने में भी एक निर्दोष प्रेम झलकता है । लिखते वक्त , भीतर और बाहर कोई दो शख्स नही होते एक ही होता है । और यहीं तो जीवन मांगता है एक हो जाना । अवधू प्रिया 🪔