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avinashjha8117
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Avinash Jha

उड़ चला मेरा मन बादलों की भांति, बातों में तेरी ऐ जिंदगी.

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Avinash Jha

दरभंगा नगर हमर सजीव सपन,
संस्कृति-सभ्यता के बानगी अपन।
पान-सिंघार के सौरभ सगर में भरल,
माछ-मखान से धरती अँगना में सजल।

दरभंगा मधुबनी सँ मधुर मुस्की,
माछ के स्वाद आ सगर में रसकी।
रसभरी रसगुल्ला, दही-चूड़ा के थाल,
भोज-भात में भेटल अपन समाजक हाल।

मिथिला के रंग, आ दरभंगा के रीत,
प्रेम आ अपनापन सँ भरल छैक प्रीत।
मधुबनी चित्र में रंग-बिरंगी साज,
माँ सीता के गाथा सँ सुशोभित समाज।

हर घर में कला, हर मन में प्रेम,
ई मिथिला के भूमि, छै मोनक हार-गहने।
लागे जइसे गीत-संगीत के मधुर झंकार,
मंदिर के घंटी आ गामक ओ संसार।

साधना, प्रेम, आ अपनत्व के जोत,
मिथिला के धरती पर पग-पग में मोत।
ई धरती अमर, ई संस्कृति महान,
मिथिला के सुंदरता के सब करत गुणगान।

महल-महल में गूंज रहल छै इतिहास,
दरभंगा राज के, जे करलक विश्वास।
कला आ संगीत के अजगुत गहना,
अहाँके मोन में बसा लेत ई रचना।

धरोहर में छैक ई भूमि के अंखफोर शान,
पग-पग पर भेटत मिथिला के पहचान।
दरभंगा के सौंन्दर्य, अहींके मोन हरत,
मिथिला के माटि सँ ह्रदय में प्रेम भरत।

©Avinash Jha #मिथिला
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Avinash Jha

राजनीति की रोटी, घी से तले,
हर नेता कहे, "हम देश संभाले!"
वादे हज़ारों, सचाई है खोई,
वोटों की खातिर, हर चाल चली जाए।

मध्यम वर्ग का सपना अधूरा,
कभी EMI, कभी बिजली का फंदा।
बजट में जीता, महंगाई से हारा,
छोटी-सी खुशी भी बन जाए प्यारा।

हर चुनाव में फिर से नया सपना दिखाते,
नेता जी आते, बस वादे थमाते।
मध्यम वर्ग सोचता, "कब तक ये धोखा?"
पर चलती है ज़िंदगी, इसी आशा में खोखा।

नेता के बेटे विदेश में पढ़े,
मध्यम वर्ग का बच्चा कर्ज में पड़े।
घर के सपने, रोज़मर्रा में बिखरे,
पर ज़िंदा रहे, उम्मीदें समेटे।

देश बदलने का नारा है प्यारा,
पर मध्यम वर्ग का संघर्ष है सारा।
राजनीति की बिसात पर मोहरे हैं हम,
चुपचाप सहें सब, फिर भी न बोलें हम।

©Avinash Jha #protest #Politics
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Avinash Jha

White जहां खामोशी भी गूँजती हो,
वहां दर्द की एक कहानी होती है,
अधूरी ख्वाहिशें, टूटे अरमान,
सिर्फ़ खामोशियाँ नहीं, दर्द की एक ज़ुबानी होती है।

©Avinash Jha #Sad_Status
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Avinash Jha

White यह दुनिया एक विचित्र दुकान,
जहां इंसान सजे सामना.
कोई खुशी बेचता, कोई ग़म,
कोई ज्ञान तो कोई भ्रम.

कुछ सपनों का धंधा करते,
कुछ उम्मीदों को भरते.
इच्छाओं की बोली लगती,
हर किसी की किस्मत सजती.

यहां कोई विज्ञान को संभाले,
कोई अध्यात्म से ढांके.
कोई मन की तरंग में डूबे,
कोई यंत्रों की भंगिमा में झूमे.

मशीनों में रची-बसी है सोच,
संवेदनाओं की है अलग ही खोज.
हर व्यक्ति एक विचार का व्यापारी,
अपने हिस्से का अनुभव सवारे, निराला व्यापारी हो.

क्या वैज्ञानिक, क्या संत, सभी का मकसद एक ही है,
सार्थकता की ओर बढ़ते, जीवन का पेच सुलझा रहे हैं.
इस विचित्र दुकान के हर हिस्से में,
जीवन की कीमतें नाप रहे हैं.

©Avinash Jha #sad_dp #विचित्र #दुकान #दुनिया
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Avinash Jha

White ज़िंदगी से भाग रहा हूँ मैं, थक गया हूँ जीने से,
अंधेरों में खो जाना है, दूर दुनिया की भीड़ से।
न कोई रौशनी, न कोई साथ, बस एकांत का आगोश,
जहाँ न कोई पुकारेगा, न कोई लेगा मेरा होश।
टूट चुका हूँ मैं अंदर से, बिखर गया हूँ टुकड़ों में,
न कोई उम्मीद, न कोई ख्वाब, बस डूबा हूँ गम के समंदर में।
भाग रहा हूँ उन रिश्तों से, जिनमें मिला सिर्फ़ दर्द,
अंधेरों में ढूंढ रहा हूँ मैं, सुकून का एक पल अनहद।
जहाँ से कोई लौटकर ना आए, ऐसी तन्हाई में खो जाऊँ,
दुनिया की यादों से दूर, मैं खुद को भुला जाऊँ।

©Avinash Jha #GoodNight #depressed
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Avinash Jha

White तुम्हारे चेहरे की चमक में छिपा है वो नूर,
जैसे चांदनी रात में खिलता हो सूरज का सूर।
सिंदूरी मांग की ये रेखा जो माथे पर सजी है,
जैसे सवेरे की पहली किरण धरा को चूम रही है।

आंखों की गहराई में बसी हैं वो कथाएं,
जिनमें सजी हैं प्रेम की अनगिनत अदाएं।
तेरी मुस्कान की मिठास जब दिल को छूती है,
मानो बहारों ने फूलों की महक से प्यास बुझाई है।

तेरे होंठों की लालिमा, जैसे गुलाब की पंखुड़ियां,
तेरे गालों का रंग, जैसे बिखरी गुलाल की लहरियां।
तू जब हंसती है, तो बहारें मुस्कुराती हैं,
तेरे कदमों के पीछे मानो जमीन भी झूम उठती है।

तेरे बालों की लहराती छांव में बसी है वो ठंडक,
जो तपते हुए दिन को रात की सर्दी सी राहत दे।
तुम्हारी सादगी और प्यार की महक,
हर पल दिल में नई उमंग जगाती है।

तुम्हारी खूबसूरती का हर रंग यूं है निराला,
जैसे धरती पर खुदा ने अपना प्यार लुटा डाला।
तू मेरे दिल का हर सपना, हर ख्वाब हो,
तू ही तो मेरे जीवन की सबसे हसीन किताब हो।

©Avinash Jha #wife #Love
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Avinash Jha

White 
Silent Cries Beneath the Sky

Beneath the endless sky, he sits alone,
A weary heart, a soul turned to stone.
The world spins fast, but time stands still,
Lost in the race, he bends to its will.

The stars above, they shine so bright,
But his thoughts are tangled, blocking the light.
Too many tasks, too many dreams,
He’s drowning now, caught in silent screams.

The phone rings, deadlines call,
But his mind, it crumbles, ready to fall.
He misses the warmth of his family’s embrace,
Yet he’s trapped in the noise, lost in the chase.

In the stillness, he yearns for peace,
For moments of joy, a sweet release.
But the weight of the world presses him down,
A boy with no smile, wearing a frown.

So here he sits, under the night’s gaze,
Hoping one day to break free of this maze.
To find himself, to be whole once more,
And feel the love he’s been fighting for.

©Avinash Jha #lonely
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Avinash Jha

tea quotes  चाय की गर्माहट सी हो तुम,
हर घूंट में सुकून देती हो तुम.
सर्द मौसम में जैसे आग का अहसास,
मेरे दिल की हर धड़कन में बसी हो तुम.

तेरी महक, जैसे ताज़गी का अहसास,
तेरी बातों में वो अपनापन खास.
हर सुबह की शुरुआत तुमसे होती है,
चाय की प्याली सी हो तुम,
हर घड़ी मेरा सहारा बनती हो तुम.

©Avinash Jha #wife #Love
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Avinash Jha

White Let go, but don’t lose,
Stay connected, but don’t cling,
Walk together, but don’t belong.

©Avinash Jha #detachment
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Avinash Jha

White गुलाब सी तेरी बातें, महक से भरी,
हर लफ़्ज़ में तेरे, जैसे खुशबू हो घुली.
तेरी मुस्कान में छिपी वो नमी,
दिल को सुकून दे, जैसे चाँदनी.

तेरी आँखों में छुपी हैं कहानियाँ,
हर नजर से बुनती नई रूहानियाँ.
तेरी हँसी में, जैसे झरना बहे,
दर्द के रास्ते भी फूलों से सजे.

तू है तो हर दिन एक त्यौहार सा लगे,
तेरे बिना, ये जीवन अधूरा सा लगे.
तेरे संग हर लम्हा अनमोल हो गया,
जैसे रेगिस्तान में कोई फूल खिल गया.

तू मेरी दुआओं का जवाब है,
जीवन की हर धड़कन का हिसाब है.
गुलाब सी तेरी बातें, महकती हैं यूँ,
हर दिन तेरे संग, नया ख्वाब सजे हूँ.

©Avinash Jha #love_shayari
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