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roohiquadri4636
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Roohi Quadri

Love to play with words

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Roohi Quadri

White हिन्दी ने मेरी क़लम का कैसा संग दिया
मैने लिखा इश्क़ तो शब्द प्रेम लिख दिया
उर्दू  का नाता हिन्दी से  कुछ ऐसे है जुड़ा
गंगा -जमुना  की धारा को एक रंग दिया

©Roohi Quadri 
#हिन्दीदिवस❤

हिन्दीदिवस❤ #Shayari

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Roohi Quadri

Happy Teacher's Day Dear Life 
"ऐ ज़िंदगी तुझसे बड़ा उस्ताद नहीं कोई
 लाजवाब है तू तेरा जवाब नहीं कोई
ग़लतियों से भी सीखने का इल्म दिया तूने
तुझसे बेहतर तजुर्बों की क़िताब नहीं कोई"

©Roohi Quadri
  #Teachersday 
#Life_experience 
#Life❤
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Roohi Quadri

White माँ की  हस्ती भी कितनी हसीं है
बच्चों में अपने उसकी जां बसी है
दुआओं को जब भी उठाती है हाथ
मांगे उनकी सलामती और खुशी है

लेती है उनकी बलाएँ वो पल पल
छुपाए आंचल में सीने से लगा कर
ममता की मूरत मोम से वो बनी है
माँ की  हस्ती भी कितनी हसीं है

©Roohi Quadri
  #mothers_day
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Roohi Quadri

ज़िंदगी अधूरी है तू  मुक़म्मल कर दे। 
मैं फ़क़त लफ्ज़ लिखूँ तू ग़ज़ल कर दे।। 

मैं पत्थर रास्तों के समेटूँ कब तलक। 
तू मुस्कुरा ज़रा और कँवल कर दे।।

©Roohi Quadri #ishq 😍
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Roohi Quadri

वतन मेरा है मेरी ज़िन्दगानी।
मुहब्बतों की है यह निशानी।।

देश मेरा मेरे दिल में यूं धड़कता।
गाऐ नज़्म जैसे मीठी ज़ुबानी।।
इसके ज़र्रे ख़ूं से लिपटी है।
जांबाज जवानों की जवानी।।

वतन मेरा है मेरी ज़िन्दगानी।
मुहब्बतों की है यह निशानी।।

वतन मेरा आब-ए- ज़मज़म।
पावन गंगा का बहता पानी।।
इसकी मिट्टी की खुशबू यूं ।
जैसे महके रात की रानी ।।

वतन मेरा है मेरी ज़िन्दगानी।
मुहब्बतों की है यह निशानी।।

आवाज़े अज़ा दे रूहे सुकूं।
प्रभु भजन गाए मीरा दीवानी।।
गिरजे की घण्टियां गूंजे गगन में।
जहां प्यार सिखाए है गुरबानी।।


वतन मेरा है मेरी ज़िन्दगानी।
मुहब्बतों की है यह निशानी।।

रस्मों रिवाजों से चाहे जुदा हम।
सबके दिलों की बस एक कहानी।।
फ़ख़्र है मुझे अपनी सरजमीं पर।
आसमां चूमें मेरे तिरंगे की पेशानी।।

वतन मेरा है मेरी ज़िन्दगानी।
मुहब्बतों की है यह निशानी।।

सियासत चले चाहे चालें नई।
तोड़े ना टूटे दोस्ती यह पुरानी।।
हिंदू मुसलमां को बांटने वालों।
नाज़ है हमें हम हैं हिन्दुस्तानी।।
 
 वतन मेरा है मेरी ज़िन्दगानी।
मुहब्बतों की है यह निशानी ।।

©Roohi Quadri #proudtobehindustani
#JaihindJaibharat
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Roohi Quadri

"मुक्तक "
बिना मुख से कहें कुछ भी सुनो जब बात होती है।
कम शब्दों में छुपे गहरे अर्थों से मुलाक़ात होती है।।
 जीवनचक्र बहुत अनमोल इसका मोल तुम समझो।
 एक पल में दिन यहां और एक पल में रात होती है।।

                            
  बिना मुख से कहें कुछ भी सुनो जब बात होती है।
  मन था तेरा बस जीतना जग से भले मात होती है।।
 तुझे सब कर दिया अर्पन प्रेम में मांगा नहीं कुछ भी।
  अश्रु मेरे आंखों का जल जेसे कोई बरसात होती है।।

©Roohi Quadri #silencespeaks 

#TereHaathMein
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Roohi Quadri

Girl quotes in Hindi  वो एक वादा जो खुद से किया था मैंने।
एक लम्हे में सदियों को जिया था मैंने।।

सोच लिया था ना हारूंगी मुश्किलों से।
हंसकर प्याला ज़हर का पिया था मैंने।।

सच है कि रास्ते में पत्थर बहुत मिले।
या रब कैसा रस्ता चुन लिया था मैंने।।

तेरी रूसवाई ना हो कहीं इस जहान में।
यूं ही नहीं होंठों को अपने सिया था मैंने।।

मुहब्बत की थी आख़िर कोई मज़ाक़ नहीं।
डूबती कश्ती से दरिया पार किया था मैंने।।

चलन है इस दुनिया का जहां बस ऐब ढूंढना।
ऐसी दुनिया को आईना तोहफे में दिया था मैंने।

©Roohi Quadri वो एक वादा...
#self_belief 
#Life_experience

वो एक वादा... #self_belief #Life_experience

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Roohi Quadri

"माननीय नेता जी के नाम एक जागरूक मतदाता का पत्र"
माननीय नेता जी,
यह कोई विनम्र निवेदन नहीं, खुल्ली चेतावनी है
सम्हल जाइये...
क्योंकि दुर्घटना से बहेतर सावधानी है।

मज़हबी चूल्हे पर राजनीतिक रोटियां बहुत सेंक लीं
थोड़ा सा करके, बातें भी बड़ी-बड़ी फेंक लीं ।
अब मेरे देश का युवा ज़्यादा जागरूक ओर समझदार है
पहचान ही जायेगा वो....
कि कौन चोर है और कौन चौकीदार है।

अब आपकी जातिवाद की चाल भी नहीं चलने वाली है
और ना ही लव जिहाद वाली दाल गलने वाली है।
जिस झूठे नारे की डोर थामे आप 
कागज़ी विकास की पतंग उड़ा रहे हैं
वो  पतंग अब जल्द ही कटकर धरातल पर गिरने वाली है।

जिस समाज को आपने भ्रष्टाचार के रंग में रंग दिया है
वो ही अब आपको शिष्टाचार सिखलायेगा ।
और जिसको गुमराह करने की साजिशें आप
 रात की चांदनी में बैठ कर करते हैं
वो ही युवा अब आपको दिन में तारे दिखलायेगा।

सुना है कि आजकल आप अंतर्राष्ट्रीय सम्बंध सुधार रहे हैं
जबकि ,अपने ही देश में प्यार, मुहब्बत, चैन और अम्न स्वर्ग सिधार रहे हैं।
सत्ता के  मोहपाश से तनिक बाहर तो आइए
और अच्छे दिन कब तक आने वाले हैं यह बताइए 

तो फिर क्या सोचा है आपने, 
कब है आपकी अगली यात्रा।
जाते-जाते बस इतना बता दीजिएगा
कि पप्पू में छोटे  'उ ' या
 बड़े  'ऊ' की लगेगी मात्रा।

झूठे लोकतंत्र का मंत्रोच्चारण ज़रा कम कर दीजीए
हो सके तो बेजान हो चुकी कानून व्यवस्था में
थोड़ा दम भर दीजिए।
 वोटों की राजनीति तो सभी सरकारें करती आई हैं
 आप ज़रा अलग सोचिए।
 बेरोज़गार युवाओं को अपराधी बनने
 और किसानों को मरने से रोकिए।
 
 एक बात और कहनी थी आपसे
 जाग जाइए अब तो हसीन ख़्वाब से।
 पड़ोसी दुश्मन बार - बार हमारे घर में घुसने को तैयार है
 पर आपको ना जाने किस धोखे और मौके का इंतज़ार है।
 
माना कि मीडिया राजनीति के पक्के खिलाड़ी हैं आप
पर जनाक्रोश के मामले में थोड़े अनाड़ी हैं आप।
जनसमपर्क और जनसंचार माध्यमों से
कब तक अपनी छवि एडिट करते रहेंगे
और सरहद पर बैठे जवानों की
 क़ुर्बानियों का क्रेडिट लेते रहेंगे।

©Roohi Quadri बाहर निकलिए किसी तरह इस झूठे आवरण से
और बाज़ आ जाइए ऐसे अनापेक्षित आचरण से।
आपसे पूरे देश की भावनाएं और उम्मीदें जुड़ी हैं
और आपको तो बस अपनी कुर्सी की पड़ी है।
आगे बढ़िए और फिर से वो उम्मीद जगाईए
जो वर्षों पहले आपने जन - जन में जगाई थी।
जब आपको सुन लेने भर से ही जनता में
नया जोश और जान भर आई थी।

बाहर निकलिए किसी तरह इस झूठे आवरण से और बाज़ आ जाइए ऐसे अनापेक्षित आचरण से। आपसे पूरे देश की भावनाएं और उम्मीदें जुड़ी हैं और आपको तो बस अपनी कुर्सी की पड़ी है। आगे बढ़िए और फिर से वो उम्मीद जगाईए जो वर्षों पहले आपने जन - जन में जगाई थी। जब आपको सुन लेने भर से ही जनता में नया जोश और जान भर आई थी।

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Roohi Quadri

दुख से भरे अहसास छुपे हैं कविता में
सुख के कोमल आभास छुपे हैं कविता में

प्यार, दोस्ती ,रिश्ते, शिकायत,अपनापन
कहीं छल कहीं विश्वास छुपे हैं कविता में

 नटखट बचपन बैरी यौवन बूढ़ा जीवन
उम्र के दिन और मास छुपे हैं कविता में

मिलना, बिछड़ना और फिर से मिलना
कभी दूर तो कभी पास छुपे हैं कविता में

प्रेम आलिंगन लाज की लाली और चुम्बन
इंतज़ार ,मिलन और आस छुपे हैं कविता में

टूटे दिल टूटी सांसें टूटी क़समें और टूटे वादे 
ख़ाली पैमाने और प्यास छुपे हैं कविता में

देशप्रेम ,जनचेतना, सियासतें और नारी वेदना
नदियां, धरती और आकाश छुपे हैं कविता में

©Roohi Quadri #World_Poetry_Day
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Roohi Quadri

होली के रंग भाएं बस पिया के ही संग
लेकर आए बहार, खुशियों का त्यौहार
उड़ता है गुलाल,करे मेरे गालों को लाल
प्यार से भिगोए पिया मन मेरा तन
लाज मेरी रोके उसे जब छेड़े बलम
होली के रंग भाएं बस पिया के ही संग

नटखट पिया मेरा बड़ा है शरारती
भीड़ में भी आंखें उसकी मुझे ही निहारती
झूठे बहाने कर पास वो बुलाता
चाहता है मुझको बात यह बताता 
रब करे प्यार रहे अपना सातों जनम 
होली के रंग भाएं बस पिया के ही संग

रंगों से रंग डाला पिया तूने मेरा आंचल
खनके है चूड़ी मेरी कभी बहके है काजल
बादल कहता है मुझे पिया प्रेम दीवानी
देता है दुआएं हमें फागुन का पानी
बिन्दिया शरमाये मेरी पायल करें छन-छन
होली के रंग भाएं बस पिया के ही संग

©Roohi Quadri #होलीपियासंग❤️
#इश्क़❤ 

#happyholi

होलीपियासंग❤️ इश्क़❤ #happyholi

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