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dixitbhardwaj8812
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Dixit Bhardwaj

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Dixit Bhardwaj

लगता था जानता हूं उस शख्स को
वादे जिसने तमाम किए थे 
महफिलों में जाम गिरा आए थे
उस दौर में जब उसके लिए जिए थे
धीरे धीरे वक्त बदला फिर बो बदले
कुछ ख्वाब टूटे वादे टूटे और हाथ छुटे
और फिर हुआ यूं कि 
बदनसीबी ने पहुंचा दिया हमें फिर उसी महखाने में
जहा से निकल कर जाम तोड़ने के इरादे किए थे

©Dixit Bhardwaj पुरानी बातें

पुरानी बातें #Life

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Dixit Bhardwaj

वो एक दौर था जब मैं लिखा करता था
अपने जज्बातों से अल्फाज सीखा करता था
बहुत करीब से देखा था किसी का बदलना 
बाहर से हंसता और अंदर से चीखा करता था
लोगो से मिलना खुश होना भूल गया था मैं
उस दौर में हर त्यौहार फीका लगता था
 वो भी एकदौर था जब मैं लिखा करता था

©Dixit Bhardwaj
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Dixit Bhardwaj

उसने गुस्सा, चिखना- चिल्लाना चुना
 मैंने खामोशी से दिल को समझा लिया
जिस माहौल-ए-मातम से उभरा था मैं
उसने मुझे फिर वही पहुंचा दिया |

©Dixit Bhardwaj
  पुराना दौर

पुराना दौर #Poetry

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Dixit Bhardwaj

अच्छा सुनो,"
अंधेरों से कहना
वो किरदार लौट आया है
हकीमों कि बस्ती में
बीमार लौट आया है।

©Dixit Bhardwaj #Likho
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Dixit Bhardwaj

हमसफ़र मान बैठे थे उन्हें हम
अब हम-SUFFER कर रहे है ।

©Dixit Bhardwaj #Nightlight
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Dixit Bhardwaj

मेरी नियत साफ़ थी
ये रब जानता है 
मैं गलत नहीं था
मेरा दिल मानता है

©Dixit Bhardwaj #Nightlight
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Dixit Bhardwaj

JITNE BHI LOG MILE
SAB DHOKHEBAAJ THE
DILL TOOTA SA HAI
QKI BO MERE KHAS THE

©Dixit Bhardwaj ..
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Dixit Bhardwaj

chal koi na
pehla b ta aa hi hoya si
hassa jeha kr k chdya si kisi ne
te tu ohdon b kalla veh k roya si

©Dixit Bhardwaj #Joker 
#Joker
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Dixit Bhardwaj

toot k roya bahut tha bo shaksh
usne sambhlne ki koshish bahut ki thi
baapis aa rhi thi laut ke wahi uljhane
jinme ulajh kr jindagi seham gyi thi

©Dixit Bhardwaj .
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Dixit Bhardwaj

na jaane q aaj kisi ki yaad sata rahi hai 
likhna nahi chahta 
par kalam khud b khud chlti ja rahi hai .

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