Time will answer everything, hope is the key of fight in struggle. मत पूछ इस पंछी से की कहाँ जाना है,. पंख पसार कर उड़ चले है उन्मुक्त गगन में, जहां दिन ढ़ल जाए बस वही ठिकाना है, कल आज और कल की फ़िकर क्यूँ हो हमे, जब अपनी खिदमत करता सारा ज़माना है । मत पूछ इस पंछी से की कहाँ जाना है, पंख पसार कर उड़ चले है उन्मुक्त गगन में, जहां दिन ढ़ल जाए बस वही ठिकाना है, कल आज और कल की फ़िकर क्यूँ हो हमे, जब अपनी खिदमत करता सारा ज़माना है।
WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA
WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA
WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA
WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA
WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA
WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA
WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA
WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA
WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA
WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA