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prerrit7838
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Nihshabdh

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Nihshabdh

कविता से बेहतर कुछ न कुछ रहेगा ही
ऐसा किसी ने कहा था कभी
पत्थरों से शब्द निकलकर रोए
गिड़गिड़ाए मनुष्य कि छाती पर
भूख देखने वाला लिखता क्यों है
और भूखा बिन लिखे सोता क्यों है
ऐसा सुनकर किताबों के पेट से
कुछ रूपये झांके
बेच आओ हमें बाजार में
कविताओं का क्या मिलेगा
किसी की हंसी किसी का तंज मिलेगा
रूपयों के बदले पेट तो भरेगा

-प्रेरित कौशिक

©Nihshabdh
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Nihshabdh

"यहां के नहीं हो"

कभी बोलना बहरे पत्थरों से
जिन्हे अपने जिन्दा होने का वहम है
कभी सुनाई देंगी गूंगी जुबानें
जिन्हें न दीन है न रहम है
महसूस कर सकते हो 
तो यहां के नहीं हो
न कोई तुम्हारा न तुम किसी के हो
भीड़ में दिखाई देंगे
जिनका न धड़ है न सिर है
बस दीमाग है
एक बिमार दीमाग
उनसे बचकर निकलो तो
महसूस करते हो
तो यहां के नहीं हो
लाशों के शहर में तन्हा हो...

- प्रेरित कौशिक

©Nihshabdh
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Nihshabdh

स्याह रात का दुर्भाग्य तो देखो
चंद्र मिलन कि आस में
अपना अस्तित्व मिटा बैठी
प्रेम में अंत भले हो जाये
फिर जीत कैसी हार कैसी

©Nihshabdh
  जीत और हार

#Poetry #Instagram #nihshabdh

जीत और हार Poetry #Instagram #nihshabdh #कविता

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Nihshabdh

instagram @words__vision

©Prerrit Tyagi मनुष्य मन कि अथाह् गहराइ मे क्या छिपा हो कोई नहीं जान सकता सिवाय उस मन के ।
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#Instagram #hindipoetry #nojotihindi #kavi

मनुष्य मन कि अथाह् गहराइ मे क्या छिपा हो कोई नहीं जान सकता सिवाय उस मन के । . . . . . #Instagram #hindipoetry #nojotihindi #kavi #कविता

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Nihshabdh

#नींव 

आकाश कुरेद्ती आंखें 
लौटकर नींव तक ही आती हैं 
जा बसना उस  ऊंची इमारत 
के फालतूनुमा फ्लैट में 
जहां नीम की ठंडी छांव 
क्या नही कभी तरसाती है ?
चूहों से बिलों में बसेरा हुआ है 
जो गांव मेरा था अब तेरा हुआ है 
नींव से जुड़े रहना जरूरी है
बिना नींव इमारत अधूरी है 
गिरती इमारतों और मनो में भी 
मृग तृष्णा बिन कस्तूरी है 

©️prerrit.88 #Heart
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Nihshabdh

#अन्होना
क्यूँ जाने लल्ला की मनोहार पर 
चले डल्गोना बनाने 
अरे देखा होगा इंस्टा पिण्स्टा पर 
भैया रईसों के चोंचले जाने 
 फेण्ठ फेण्ठ के अकड़ गयी बाजू 
बचने के ढूंढे बहाने 
हम बोले थे लल्ला को 
शिकंजी पी ले शोना
देख बच्चे बख्श हमे 
न बनेगी हमसे तेरी ये  दाल भगोना 
मित्र गण हैं उसे चिढ़ाते 
जा तुझसे कुछ नही होना 
सुबह से लगे हैं जोड़ तोड़ मे 
हमसे कपुचिनो नही बनती 
कैसे  बनाए ये अन्होना
Insta id @prerrit.88 #dalgona #nojoto #poetry #love #writersofinstagram #poetrycommunity #nojotoapp #yourquote #quoteoftheday #quote
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Nihshabdh

Good Morning quotes in Hindi "ओस की बूंद"

रात को पिघली थी आसमान से
खुश थी अभिमान से 
ओस की बूंद जो लिपटी थी 
घास की एक लट से 
दिन चढ़ते ही मिल गयी 
मिट्टी में!
और गयी प्राण से 

-प्रेरित त्यागी 

अर्थ : कभी भी बहुत ज्यादा खुशी
और बहुत दुःख दोनो ही नही करना चहिए #droplets #Poet #Poetry #dew #poem #Nojoto #YourQuotes #proud
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Nihshabdh

Grow together learn together

1. Hindi Topic
"उम्मीद"

2. English Topic
"LEAVE IT"








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 इंग्लिश दोनो मे से किसी भी
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Nihshabdh

"खाली जेबें"

जेबें खाली थीं पर मन भरे थे
दिन बचपन के थे कच्चे मिट्टी से बने 
पर सोने से खरे थे
भूख भूल जाते थे 
खेल खेलने में और जीने में 
वहीं आज भी हैं 
बस उम्र थोड़ी सी बढ़ गयी हैं 
स्वयं को छुपाने की आदत जो पड़ गयी हैं 
दूसरे क्या सोचेंगे
इस पर कुछ ज्यादा ही सोचते हो 
कहीं ना कहीं 
दूसरों के लिए दूसरे तुम भी तो हो 
सबसे पहले स्वयं से मिलो 
उस बचपन को आखिरी समय तक 
संभाल कर मासूमियत से बचा कर रखो


- प्रेरित त्यागी #Childhood 
#Poetry 
#memory 
#Money 
#Time 
#Hindi 
#poems 
#Kids
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Nihshabdh

"चिनार"

चिनार पर पत्ते भी आ गए देखते-देखते 
कभी पतझड़ में बसेरा हुआ था हमारा 
जिंदगी यही तो है कभी सूखा दुखों का 
कभी खुशियों से भर जाए ये घर सारा 
पगडंडियाँ ले जातीं हैं उस चिनार तक 
जिसने शिकायत नहीं की कभी किसी से 
जो देखता है सहता है गमी से

और 
कभी खुशी से
पतझड़ और बसंत हिस्से हैं जीवन के 
चाहे रोकर बीता लो या उड़ा दो हंसी में 

-प्रेरित  त्यागी #autumn
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