ये सिलसिला ...
चलते चलते
बातें करते ख़ुद से ,
ख़ुद को तकलीफ सुनाते
और ख़ुद को ही तसल्ली देते ,
गालियां देते , गलतियां गिनाते ,
और जब कोई नहीं बचता, #शायरी
Rajeev Raj
आसमान के लोग !!
ये जो हर बार हताश हो कर
तुम आसमान को देखते हो वक्त - बे वक्त ,
कोई रहता है या तुम यूं ही
किसी के होने का उसे पता मानते हो ।
क्या ढूंढते हो , #Nature#Life#कविता#लव