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yugendrakakade8344
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युगेंद्र अशोक काकडे

कवी

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युगेंद्र अशोक काकडे

कितनों के लिखू नाम इस कहानी मे
मेरी धडकन जेसा हे किरदार दिवानोंमे
आंसुओं के धडकने से आ जाता गुस्सा उनको
बडे नायाब दोस्त मिले दुआंओंमे

दर्द जो था वो छिन लिया हो तुमने
अब गमो कि स्याही लिखी नही जाती किताबों में
ए-जाने वाले वक्त तु ठेहरता क्यु नही 
हम कंकड तो दोस्त हे मोती किनारों मे

#GOD_BLESS_YOU
#युगेंद्र अशोक काकडे

©युगेंद्र अशोक काकडे #kohra #Friendship
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युगेंद्र अशोक काकडे

कितनों के लिखू नाम इस कहानी मे
मेरी धडकन जेसा हे किरदार दिवानोंमे
आंसुओं के धडकने से आ जाता गुस्सा उनको
बडे नायाब दोस्त मिले दुआंओंमे

दर्द जो था वो छिन लिया हो तुमने
अब गमो कि स्याही लिखी नही जाती किताबों में
ए-जाने वाले वक्त तु ठेहरता क्यु नही 
हम कंकड तो दोस्त हे मोती किनारों मे

#GOD_BLESS_YOU
#युगेंद्र अशोक काकडे

©Yugendra Kakade
  #kohra #Friendship
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युगेंद्र अशोक काकडे

चार दिन का नशा था अब कर पाऊंगा नही...
पैसो की कहानी थी तुझे समझाऊंगा नही...
गुजारूंगा जागकर राते तुझे हाल बताऊंगा नही... 
हादसो से भरी हे कहानी तुझे सुनाऊंगा नही... 
तुम जान होगी पैसोवालो की 
पर दिलसे ए-बात केहता हू 
मे याद अब रोज आऊंगा पर 
पर मिंलूगा नही....

#युगेंद्र अशोक काकडे

©Yugendra Kakade #पैसा #SAD
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युगेंद्र अशोक काकडे

रुठा हु खुदसे रोना है बोहत !
सदमे में हु छुपाना है बोहत !!

तुम आओ तो बतलाऊ केहना हे बोहत !
धुंदला सा है सबकुछ अंधेरा हे बोहत !!

घायल हु इन दिने फिर भी हौसला हे बोहत !
सवेरा लाया हे सुरज मुझे जितना हे बोहत !!

©Yugendra Kakade #Hope
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युगेंद्र अशोक काकडे

एक ऐसी डोर से बंधा हु मे , ए तु भी नही जानता 
लगता हे वक्त से हारा हु, तुझे बेवफा नही मानता 

तन्हाई  कि ठोकरें खाना जरुरी था इसलिए चुप हू,
सच्चाई की पन्नो पर इश्क का लिखा हुआ झुठ हू...

मे रास्ता हु मंजिल नही,
मे रोशनी हु पर कल नही, 
जिंदगी हु कांटो जैसी,
हमसफर हु पर अब साथ,,,
 तु नही...
 तु नही...
 तु नही...

©Yugendra Kakade #caged
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युगेंद्र अशोक काकडे

जहा तुझसे मिलने मे आया था 
तुम वहा आ रही हो
न जाने कितना रोया हू जहा
तुम वहा आ रही हो

सफर मे बात करने से लग रहा था डर 
तुम वहा आ रही हो
दर्द के किस्से थे जहा मेरे
तु वहा आ रही हो

सबके साथ अकेले मे था मे 
तुम वहा आ रही हो
गुजरे हुये अब जमाना हुआ 
अब तुम्हे याद कहां ???
तु वहा आ रही हो

-युगेंद्र अशोक काकडे.

©Yugendra Kakade #leaf
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युगेंद्र अशोक काकडे

मेहफिल मे आज फिर तेरा नाम आया
हस दिया उनकी ताली पे ओर फिर रो आया
सन्नाटो की जगह से गुजर आया
फिर आसुओ की बारी वही छोड आया


सही वक्त चुनकर मे फिर लौट आउंगा
तेरी कसम मे मरकर घर आउगा
तु भुलादे जहा से मे हर जखम याद आउंगा
लिखुगा हर किताब मे तेरा नाम पर नजर मे आउंगा

तुटकर जो चूर हो गया दिल तुम्हे तो पता हे 
मे आउगा सुरज बनकर तुम्हे तो पता हे ना
रस्ते मे कांटे जितने आये मुरझा गये ,
तुझसे इश्क का पुराना हिसाब बाकी हे पता हे ना

#युगेंद्र अशोक काकडे.

©Yugendra Kakade #blindLove
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युगेंद्र अशोक काकडे

मुझे तुझसे शिकारत हे ए बोलना जरूरी हे क्या...
नजर तो आज ही आये हो दूर जाना जरुरी हे क्या...
मे अश्को सा रोया हू ओर रोना जरूरी हे क्या...
दर्द को छुपाया सीने मे अब दिखाना जरूरी हे क्या...

लम्हे गजर रहे हे बिती बाते याद करना जरूरी हे क्या...
पन्ने जले हुए हे किताब लिखना जरूरी हे क्या...
यु सफर मे जो तुमसे हारा हु अब जितना जरूरी हे क्या...
आओ ओर इंतजार करे घर जाना जरूरी हे क्या...

अंधेरो मे उजालोसा याद आना तेरा जरूरी हे क्या...
मे कयी रोज सोया याद मे यु जगाना जरूरी हे क्या...
सपने तोडे तुने अब जोडना जरूरी हे क्या...
जिंदगी मे दरबदर होकर यु बिखरना जरूरी हे क्या...

#युगेंद्र अशोक काकडे

©Yugendra Kakade #EveningBlush
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युगेंद्र अशोक काकडे

#तब आओगी क्या

चांद की तरह चांदनी रात मे अकेला हो जाऊ 
तब आओगी क्या...
अमिर नही सही ढलती शाम हो जायेगे 
तब आओगी क्या...

इस दुनिया मे आंसु पोछने वाला ना मिलेगा
तब आओगी क्या...
मेरी निगाहो से बचके निकल जाओगे 
दर्द नही सहेगा 
तब आओगी क्या...

शहर मे चर्चे तेरे शादी के , बनके दुल्हन 
तब आओगी क्या...
जिंदगी से जुदा कर उड जायेंगे पंछी की तरह 
तब आओगी क्या...

#युगेंद्र अशोक काकडे.

©Yugendra Kakade #shadesoflife
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युगेंद्र अशोक काकडे

चाय को मेने इश्क का हक दे दिया
फिर भी शराब ने तन्हाई की चादर ओढ रखी हे
दोस्तने तेरे बारे मे बताया 
तुने शादी की तारीख तेर करके रखी हे 


रातभर जागता हू के कभी याद तुझे आ जाये 
रोज चांद से मिलता हू के कभी नसीब की सुबह हो जाये
पर आज मे तुमसे नफरत भी करता हु 
पर बदूवा नही देता के तु बरबाद ना हो जाये

के तुझसे अब बात करु एसे हालात थोडी हे
मे रोऊ या मर जाऊ तेरे जज्बात थोडी हे
हा मे तुझे भुलाकर फिरसे इश्क कर सकता हू
पर दिल का मरीज हु मोहब्बत का इलाज थोडी हे

#युगेंद्र अशोक काकडे.

©Yugendra Kakade #Hopeless
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