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अभिषेक ठाकुर

poet and writer

www.abhsiheksingh.com

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अभिषेक ठाकुर

झूठ बोल कर ताज मिले तो तुम लेलो,
पर मुझको सच  कहना  है तो कहना।

@अभिषेक ठाकुर 'अधीर'

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अभिषेक ठाकुर

स्नेह निर्झर बह गया है।
रेत ज्यों तन रह गया है।

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' #alone
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अभिषेक ठाकुर

राह   लंबी  दूर  मंजिल 
और चलना भी बहुत है।

क्या बचेगा शेष जाने?

अभिषेक ठाकुर 'अधीर' #twilight
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अभिषेक ठाकुर

मैंने खुद को जितनी बार हँसाया है।
तुमने मुझको उतनी बार रुलाया है।

अभिषेक ठाकुर 'अधीर' #message
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अभिषेक ठाकुर

दास्तां फिर    अधूरी प्रिये! रह गयी।
बात थी कुछ जरूरी प्रिये! रह गयी।
सामने   दो   किनारे   रहे   तो मगर,
बीच में   एक   दूरी  प्रिये! रह गयी।

@अभिषेक ठाकुर 'अधीर' #solitary
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अभिषेक ठाकुर

Alone  तेरे  दर  पे  सुनो  मौला अजानें रोज देता हूँ,
सभी को मैं मोहब्बत के खजाने रोज देता हूँ।
करिश्मा कर मेरे मौला शिफ़ा दे रोगियों को तू,
मैं  तेरे  नाम  से सबको जुबानें रोज देता हूँ।
@ अभिषेक ठाकुर

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अभिषेक ठाकुर

कविता : देर है पर अंधेर नहीं 

सफल हुआ लो संबिधान अब,
हत्यारे फाँसी झूले।
मुरझाए पौदों पर देखो,
आशा के गेंदे फूले।

न्याय व्यवस्था का है परचम
देखो खुल कर लहराया।
आज दोषियों ने अपने है,
लो पापों का फल पाया।

न्यायालय पर रहे भरोसा,
होता इसमें फेर नहीं।
इस में देर भले हो जाये,
पर होती अंधेर नहीं।

@ अभिषेक ठाकुर

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अभिषेक ठाकुर

प्रेम, मान-सम्मान से बने आज रंगोली।
भीगे तन-मन भाव में बोलो ऐसी बोली।
लाल गुलाबी रंग में लिपटे सारी दुनिया,
सबसे पहले आपको रहे मुबारक होली।
@ अभिषेक ठाकुर #Happy_holi
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अभिषेक ठाकुर

प्रेम,मान-सम्मान से बने आज रंगोली।
भीगे तन-मन भाव में बोलो ऐसी बोली।
लाल गुलाबी रंग में लिपटे सारी दुनिया,
सबसे पहले आपको रहे मुबारक होली।
@ अभिषेक ठाकुर #Color
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अभिषेक ठाकुर

जीवन की दुविधा से हँसकर ये लड़ती हैं।
अपनों  पर  दे  जान सदा ही ये मरती हैं ।
इनके बिन आकाश धरा सब कुछ सूना है,
इस जग  का   संचार उदर से ये करती हैं।

कभी बहू, बेटी मां बनकर ये  आती हैं।
हर रिश्ते  में हर अवसर पर ये भाती हैं।
क्रोधित  हों  तो  काली, दुर्गा,  लक्ष्मी बाई,
खुश हों तो मधु स्वर में ये कविता गाती हैं।

@ अभिषेक ठाकुर

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