★彡 ये उम्र लम्हों में , सिमट जाये , तो क़रार आये , बात बिगड़ी भी , सँवर जाये , तो क़रार आये ! रातें महकी हो चाँदनी में यहाँ बरसों तो क्या कभी दिन में भी सुरूर आये तो क़रार आये ! दिल धड़कता है तेरी याद में हर लम्हा मेरा उम्र भर यूँ ही गुज़र जाये तो क़रार आये ! मय का मंज़र हो और जाम हो लबों पे मेरे और जी पीने से मुकर जाये तो क़रार आये ! आसमां छू के यहाँ बरसी ये घटायें अकसर कभी आसमां भी बरस जाये तो क़रार आये 彡★
Piyus8318
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