बहुत दिनों बाद बहुत कुछ
कल ही यह बेहद अप्रत्याशित सूचना प्राप्त हुई और न केवल अप्रत्याशित बल्कि बहुत मनहूस भी। शायद ही हम में से कभी किसी ने यह कल्पना की होगी कि हमें कभी एक आखरी कोट यहां पर लिखना होगा yq से मैं भले ही बहुत समय से दूर हूं पर यह कभी भी मुझसे दूर नहीं हो पाया। मेरे भीतर एक हिस्से के रूप में बना रहा और जब मुझे यह पता चला कि अब यह केवल आख़िरी मौका होगा इस प्लेटफार्म पर लिखने का अपने विचारों को व्यक्त करने का तो मैंने इतने दिनों से अपने भीतर के आलस को तोड़कर उस भावना पर विजय पा ली #अनाम_ख़्याल#letters_for_you#आख़िरी_ख़त
Anamika Nautiyal
मुझे हमेशा से बहुत दूर जाना है । जब भी मूड खराब हो जाता है, और अपने ही लोगों के साथ रहना मुश्किल होने लगता है, तब मैं भाग जाना चाहती हूँ । ताकि उसके बाद लोगों को मेरी याद आए, वो मुझे मनाने आएं । मैं अच्छी हूँ, मैं ग़लत नहीं थी ये सब जाने । लेकिन मुझे कभी ये नहीं पता था, मुझे जाना कितनी दूर है । और कितनी दूर चले जाने के बाद किसीको ये पता चलेगा कि मैं सचमुच, दुःखी होकर कहीं चली गई । कितने दूर चले जाने के कोई मुझे ढूंढने आएगा ।
जब कोई मुझसे पूछा करता की तुम कहाँ जाना चाहती हो, उस वक़्त मेरे पास कोई
बताय रहे बहुत गंदा चीज शुरू किए हो अ बिग छीईईई फोर दिस 😄
Anamika Nautiyal
हमारी जान से भी ज्यादा प्यारे और फोन में सोशल साइट्स के नाम पर इकलौते कुंडली जमाए हुए योरकोट( आपका कोट) नामक एप्लीकेशन जिस पर हम अपना बहुत अच्छे से समय बर्बाद कर रहे हैं( बुरा मत मानना प्रिय हो तुम) पर हम पिछले दिनों ऑब्जर्वर मोड़ पर थे और अब मोड ऑफ होने पर भी यदा-कदा दृष्टि ऐसी चीजों पर पड़ ही जाती है कि आंखें गंगाजल से धोकर पवित्र करनी पड़ती है।
अम्मा कसम कभी कभी यह जो अपना प्यारा दुलारा है ना अरे भई यही yq लगता है कि कामदेव का लोक है जहाँ तहाँ देखो जन्मों के बिछड़े प्रेमी प्रेमालाप कर रहे है #अनाम_चर्चा
Anamika Nautiyal
उपन्यास विश्वासघात
लेखिका मीनाक्षी शुक्ला
उपलब्धता :- योरकोट, प्रतिलिपि
बिहार की पृष्ठ भूमि पर लिखा गया यह उपन्यास बिहार से होते हुए आपको दिल्ली जैसे महानगर कोलकाता तमिलनाडु सब जगह की सैर कराता है...और आप इन शहरों में ही नहीं उपन्यास के हर भाग को पढ़ने के बाद अपने आसपास और अपने परिवेश से गुजरने लगते हैं... उपन्यास की कहानी 2 महिलाओं के जीवन पर चलती है पहले कौशल्या और फिर उसकी बेटी जानकी...जानकी मुख्य किरदार है जिसमें स्वाभिमान कूट कूट कर भरा हुआ है आमतौर पर कहानियों की नायिका की तरह वह दिख #testimonial#अनाम_ख़्याल#विश्वासघात_कहानी_मीनाक्षी#जानकी_साकेत#हृदय_के_उद्गार
प्रकृति की माया से
जंगलों की छोटी-छोटी झाड़ियों,
झुरमुटों में अनायास ही
खिल आते हैं नन्हे से जंगली फूल।
प्रकृति केवल इन्हें जन्म देती है
अपने जीवन का की यात्रा
ये स्वयं तय करते हैं। #अनाम_ख़्याल#pc_byअनाम#जंगली_फूल