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"कवि and लेखक " मैं कवि हूं, कविता करना मेरी सोक नहीं मजबुरी है पर मैं ! लिखता हूं अपने बीती बाते को अपने अधूरे ख्वाबों को कुछ अनकहे ,अनसुने बातो को अपने सिरहाने रखे जज्बातों को ख्वाबों की गठरी को हिलते - डुलते मंजिल को और न जाने क्या-क्या उधेलता रहता हूं अपनी कविता में ।
Satish saim
Satish saim
Satish saim
Satish saim
Satish saim
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