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roshanjha9638
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Roshan Jha

कुछ नहीं...

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Roshan Jha

आ गई है खलबली 
ज़िन्दगी में ऐसे, 
कि जैसे आ जाती है बिन बुलाए 
धूल कहीं किताबों पर...


                            #दो_शब्द #दो_शब्द
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Roshan Jha

कुछ भी इतना आसान कहाँ होता है !
सबके सिर पर आसमान कहाँ होता है...


                                    #दो_शब्द #दो_शब्द
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Roshan Jha

रात से लड़ते-लड़ते

कितना सुख है इस बात में कि 
आप रात से लड़ते-लड़ते 
सुबह तक ज़िन्दा बच जाते हैं... 
जबकि हथियार ना जाने कब 
हाथ से छूट चुका होता है...! 
आप फिर तैयार होते हैं 
अगली रात के लिए
ये जानते हुए कि 
हर बार युद्ध के लिए गया इंसान 
साँसों के साथ लौट कर नहीं आता।  #दो_शब्द
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Roshan Jha

अपनी बनियान के छेद से 
दिखे मुझे पिता... 
मैंने कहा - 
आपका जूता 
काटता बहुत है...

                           #दो_शब्द #दो_शब्द
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Roshan Jha

वो मुसाफ़िर है ...
उसके जीवन का 
एक ही ताना-बाना है,
सर्दी गर्मी बरसात..
चलते जाना है 
चलते जाना है...। 

                     #दो_शब्द #दो_शब्द
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Roshan Jha

खेल

कभी-कभी मन करता है 
कुछ भी ना करूँ । 
बैठा रहूँ चुपचाप तुम्हारे साथ
और.. खेलते रहें हम 
एक-दूसरे की ऊँगलियों से ऐसे 
जैसे दादी स्वेटर बुनते वक़्त 
ऊन से खेला करती थी...

                       #दो_शब्द #दो_शब्द
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Roshan Jha

आज जब मैं धूप में 
तपता हुआ सा दिन रहा,
तब समझ में आया 
क्यूँ तुम्हारा रात होना 
हद-बेहद ज़रूरी है...!!


                       #दो_शब्द #दो_शब्द
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Roshan Jha

पूस की रात

ठंड बहुत थी पूस की रात में, 
उसने आज बचाने को 
अपना कल जला लिया...


                              #दो_शब्द #दो_शब्द
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Roshan Jha

मैंने पिता से सीखी है,
अंत में सब ठीक कर के 
चले जाने की आदत... #दो_शब्द
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Roshan Jha

#वक़्त

देख रहा है ना 
कितना शातिर हूँ मैं !
खुद अपनी मौत मर के 
नाम तेरा ले लेता हूँ... #दो_शब्द
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