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princekumar2132
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Prince_firaaq

professionally I m pharmacy officer in health department haryana. my hobbies reading books and writing

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Prince_firaaq

ऐ रास्तों थोड़ी दूर मेरे साथ चलो तुम
मेरे जख्मों का कुछ तो ख्याल करो तुम

सफर-ए-हयात भी कितना अजीब होता है
वक़्त भी कहता है कि मेरे साथ चलो तुम

क्युं उम्र भर मंज़िल को तरसते रहे हम
ऐ जिंदगी मेरे सवालों का जवाब दो तुम

मोहब्बत से गिला तो मेरा बरसों से हैं
मोहब्बत के इलावा कोई बात करो तुम

"फ़िराक़" खुद का बहुत नुक्सान कर बैठे हो
चलो इस नुक्सान की किश्तें भरो तुमl

©Prince_firaaq ऐ रास्तों

ऐ रास्तों #Shayari

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Prince_firaaq

गर साया साथ छोड़ ना गया होता
ये बेनाम शख़्स भी नाम कमा गया होता

काश आज मेरी भी माँ जिंदा होती
ख्याल मेरा भी अच्छे से रखा गया होता 

या खुदा मुसिबते मेरे हिस्से में क्यूँ नहीं 
मेरा खुद से हो सामना गया होता

मोहब्बत में अक्सर लोग मरने की बातें करते हैं 
काश मोहब्बत में जीना सिखाया गया होता 

"फ़िराक़" ये सारे चेहरे इक जैसे ही हैं
काश आईने के सामने रखा आईना गया होता

©Prince_firaaq साया

साया #शायरी

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Prince_firaaq

हर इक दर्द हर जख्म छुपा सकता हूँ
अब मैं हर किसी चेहरे को भुला सकता हूँ

दो परिंदे मेरे दरवाजे पर आकर बैठते हैं 
शुक्र है किसी को तो अपना बता सकता हूँ

जिंदगी किसी हादसे से कम तो नहीं 
टूट भी जाऊँ तो खुद को बचा सकता हूँ 

आसमां से गिरती बारिश मेरे किस काम की
जब मैं अपनी आँखो से दरिया बहा सकता हूँ

दो चार शख्स बचे हैं मेरी जिन्दगी में अब
देखते हैं उनको कितनी देर बचा सकता हूँ

©Prince_firaaq #AWritersStory
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Prince_firaaq

आईने में दिखता चेहरा मेरा हैं ही नहीं
किसी के काम आऊँ मुझमें कुछ ऐसा हैं ही नहीं

तेरे हिज्र की चारदीवारी ने कैद कर रखा हैं
वगर्ना मेरा कोई अपना मकाँ हैं ही नहीं

जब भी कुछ टूट कर गिरता हैं मुझसे
तो लगता हैं कि खुदा हैं ही नहीं 

मेरे बारे में कोई सोचेगा तो यही कहेगा 
ये शख़्स इस दुनिया का हैं ही नहीं

©Prince_firaaq ये शख़्स इस दुनिया का हैं ही नहीं

ये शख़्स इस दुनिया का हैं ही नहीं

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Prince_firaaq

इक चेहरा आँख बंद होने पर दिखता हैं 
अजीब ख़्वाब है जो तमाम रात चलता है

सारा दिन बस उसी का जिक्र
कौन मेरे दिल से बात करता हैं

कुछ लोग मोहब्बत में मारे गए 
कुछ को तो इश्क़ तमाशा लगता हैं

तेरे रूठ जाने पर अब क्या शिकवा
मेरा कोई दिन अच्छा कब गुजरता हैं 

वो छोड़ कर चला गया दरिया उसके हवाले
जिस से आँख में इक आँसू ना रूकता हैं

©Prince_firaaq इक चेहरा

इक चेहरा

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Prince_firaaq

बे-ख़्याली में भी उसी को सोचने लगते हैं
हम परिंदे खुशी के मारे उडने लगते हैं

मैं बाहें खोल कर सोता हूँ तमाम रात
सुबह उठते ही खुद से गले मिलने लगते हैं 

जब भी कोई आता हैं मिलने को मुझसे
हम उठ कर खुद को ढूँढने लगते हैं

कैसे कोई शख़्स आपकी जिंदगी बदल सकता है
कैसे हम किसी के लिए खुद को बदलने लगते हैं

क्या तकल्लुफ करे रिश्तों को ब्याँ करने में
हालातों के बजाय हम इक दूसरे से लड़ने लगते हैं

©Prince_firaaq बे-ख़्याली

बे-ख़्याली

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Prince_firaaq

अरसे बाद मुझसे खामोशी निकली
दिल भरा और फिर आँखो से नमी निकली

हजार निकले मुझसे अरमान लेकिन
कम्बख्त मेरी जान नहीं निकली

क्या कहूँ कि क्या दुःख है मुझको
मेरा जिंदा होना भी गलती मेरी निकली

रस्म-ओ-रिवायत की मोहब्बत निभानी थी मुझे
क्यूँ उस की हर इक बात झूठी निकली 

इक उम्र तक अंधेरे सुलगते रहे मुझमें
फिर जा के मुझे से कोई रोशनी निकली

©Prince_firaaq खामोशी

खामोशी

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Prince_firaaq

उम्र भर का ताल्लुक निभाने वाले
छोड़ कर चले गए साथ ले जाने वाले 

ये उदासी भी मेरे किसी काम ना आयी
सब चले गए मेरे चाहने वाले

ये सड़के क्यूँ नहीं सोती 
कहीं रुकते क्यूँ नहीं जाने वाले

आ तुझे आँखो में बसा लू
आँखो ही आँखो में मुस्कुराने वाले

तेरे लिए चराग़ क्या जलाऊं मैं 
आँखे खोल कर दिन निकालने वाले

©Prince_firaaq उम्र भर का ताल्लुक

उम्र भर का ताल्लुक #शायरी

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Prince_firaaq

मेरी हालत-ए-हाल मेरी ही नजर कर के चली गई
फिर रात आयी उसके बाद और फिर रात भी गई

तमाम उम्र मैं मुयाबज़ो में जिंदगी जीता रहा 
यानी ख़ैरात की जिंदगी ख़ैरात में दे दी गई

इक राज की बात थी जिसे मैं सबसे छुपाता था 
लेकिन ये ही बात मुझसे सबसे पहले पूछी गई

ओर ले दे के इक जिंदगी ही थी मेरे पास 
जिंदगी सवारने के ख्याल में जिंदगी उजाड़ दी गई

तुम लौट जाओ इन हसीं वादियों से फ़िराक़
श़ौक-ए-सुख़न में अच्छे अच्छों की कमाई गई

©Prince_firaaq हालत-ए-हाल

#HeartBook

हालत-ए-हाल #HeartBook #शायरी

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Prince_firaaq

मुझ को आँखो में बसाना था उसे
हर लम्हा मेरे साथ बिताना था उसे 

कुछ तो हालात भी बस में नहीं थे मेरे
 कुछ दुनिया से अलग चलना था उसे

वहश्त में रह कर मोहब्बत की गयी
कुछ तो दुनिया से छिपाना था उसे

बिना मिलें ही ताल्लुक खत्म कर दिया
आखरी बार गले से लगाना था उसे

कुछ तो दूरियां ही इतनी हो गयी फ़िराक़
इक बार मेरे शहर आना था उसे

©Prince_firaaq मुझ को आँखो में बसाना था उसे 

#WallPot

मुझ को आँखो में बसाना था उसे #WallPot #शायरी

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