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bhartikotlu8620
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Bhaरती

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Bhaरती

White "मौक़ा" एक और छूट गया
तुझसे रूबरू होने का

तुझे एक झलक देखने का 
 तुझसे कुछ बातें करने का

अब किस्मत पर रोऊं या हालातों पर
या कहीं सुनीं कुछ बातों पर

एक ख्वाब टूटा और दिन ढ़ला
लेकिन उम्मीद में आज भी सब्र पला
                    #5th nov.

©Bhaरती #shayayri
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Bhaरती

White कहीं खोयी सी हुं
किसी उलझन में
मगर 
उलझन का कोई मतलब तक नहीं 
शांत हुं
पर मौन भी नहीं
भरे बैठी हुं भीतर लफ़्ज़ों को कई
पर लिखने कोई शब्द तक नहीं

©Bhaरती #lifequote
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Bhaरती

White वह कोमल सी
ख्वाबों के बवंडर में फंसती जाए।।
बाहिर तो मंद-मंद मुस्काए।
पर अंदर हर पल टूटती जाए।।
कहने को तो शिष्टाचारी कहलाए।
पर भीतर उसके लाचारी छाए।।
खिलखिलाता चेहरा उसका।
हर पल उसको मनमौजी बनाए।।
पर भीतर ख्यालों का तूफान उसे।
हर पल वीरान करता जाए।।

©Bhaरती
  #emotionsofheart
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Bhaरती

White लगाव
 पड़ाव है तनाव का
झुकाव है ख़्वाब का

लगाव
परिणाम है संताप का
ठहराव है जज़्बात का

©Bhaरती
  #लगाव_पड़ाव_है_तनाव_का
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Bhaरती

White शांत थी, आवाक नहीं
 या फिर यूं कहे कि
 सत्य बोलकर, किया किसी को निराश नहीं
घोंटी भीतर, समझ कर कड़वी दवाई
बाहिर ना आने दी, प्रीत की सच्चाई
जब तोड़ी चुप्पी
 तो अंधकार भी बना भाई 
उसने तो, सितारों संग सोहबत पर आवाज़ उठाई
मृदु एहसास को ना मैं, कभी अल्फाज़ दे पायी
हर पल
विरह की अग्नि में जलती रही
और स्वयं संग नाराज़गी  जतायी।।

©Bhaरती
  #night_thoughts
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Bhaरती

White लफ़्ज़ों को बयां करने के लिए
अक्सर कलम पन्ना पकड़ लेती हूं।।

फिर भी

लफ्ज़ यूं ही सिमटे रहते हैं भीतर
स्याही कलम से बिछड़ जाती है।।

और हर बार की तरह 

अश्रु स्याही का रूप लेकर 
पन्ना रंग लेते हैं।।

©Bhaरती
  #सिमटी_यादें
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Bhaरती

BeHappy यदि अपना हाल लिखूं तो क्या लिखूं
किसी वसंतोत्सव में पड़ा सूखा पत्ता लिखूं
या किसी बेरंगी कला से युक्त कोई पन्ना लिखूं

लिखूं तो क्या लिखूं
आकाश लिखूं, प्रकाश लिखूं, विश्वास लिखूं
या अधमरा-सा कोई एहसास लिखूं

लिखूं तो क्या लिखूं
साथ-साथ चल रहा कर्म लिखूं
या साय की तरह पीछे पड़ा भ्रम लिखूं

लिखूं तो क्या लिखूं 
ईर्ष्या लिखूं, द्वेष लिखूं, क्लेश लिखूं
या इस संताप से निकलने के लिए श्री गणेश लिखूं

©Bhaरती
  🥀

🥀 #Quotes

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Bhaरती

बयान् करने को अल्फाज़ नहीं
रिझाने का हममें कोई अंदाज़ नहीं
दफ़न तो पड़ा है राज़ कहीं
अब खुद उपज जाए
ऐसा तो वह कोई अनाज नहीं

©Bhaरती
  #relaxation
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Bhaरती

❤️

❤️ #Videos

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Bhaरती

Nature Quotes चलो आज उसे 
हृदय से निकाल ही देते हैं

बिन उसे याद किए
 खुद से खुद को आज आज़मा ही लेते हैं 

बिन पंखुड़ी के
डाली का कोई अस्तित्व नहीं
यह बात उसे आज समझा ही देते हैं 

प्रबल पीड़ा को सहन किये
यह कदम उठा ही लेते हैं
धड़कनों को आज विराम  लगा ही देते हैं

बिन बाती के 
दीया नहीं जलता
यह साक्षात्कार आज उसे दिखा ही देते हैं

©Bhaरती
  #NatureQuotes
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