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souvikmukherjee3197
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Söuvick Mukherjee

Author of two books

https://youtu.be/8_enYPihKsA

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Söuvick Mukherjee

White I asked God for blessing.
I didn't see Him bless me.
But I saw the blessing
When I saw you.

I asked God for happiness
I didn't see Him come down.
But I saw happiness
When I saw you smile.

I asked God for dedication.
God, however, gave me addiction.
No addiction can match
The addiction of your innocence.

I asked God for care.
God did not come and visit me.
But I felt the care I asked for
When you held my hand.

When I see you
I always feel
All my prayers are answered.
I thank God,
And get back to your thoughts.

©Söuvick Mukherjee
  #love_poem
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Söuvick Mukherjee

तेरे साथ मेरा परिचय जन्म के बाद ही हो गई थी।
एक-एक शब्द को जोड़, एक-एक वाक्य बनाना सीखा।
खुशी के माहौल में
तू मेरे साथ थी
जब मैं खिलखिला के हंस रहा था।
दुख के उस कठिन घड़ी में
खुद की आंसू छुपाए जब मैं
सामने वाले को तसल्ली दे रहा था
तब भी तेरे ही शब्द मेरे ज़बान पर थे।
तू साथ रहकर मुझे, कविताओं का रसपान कराया
तुझ ही में डूब कर मैं, प्रेमचंद से परसाई को पाया।

छोड़कर अपना बचपन, बड़े शहर जब मैं आया
नए लोगों के बीच जब भी मैं
तुझसे परिचित किसी को पाया
दिल मेरा पूरा भर आया।
तेरा साथ, ऐ हिन्दी,
बस ऐसे है मुझपर भाया।

सौविक

©Söuvick Mukherjee
  #Hindidiwas Hindi Diwas Special

#Hindidiwas Hindi Diwas Special #कविता

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Söuvick Mukherjee

जब सारे बुद्धिमान उस तूफान से दूर भाग रहे थे
एक सिरफिरा ही था जो उस तूफान की ओर बढ़ रहा था।

जब सारे लोग गुलामी में अपनी अपनी खुशियां ढूंढ रहे थे
एक सिरफिरा ही देख रहा था आज़ाद होने का सपना।

जब पूरी दुनिया झुक रही थी आधुनिक प्रवृत्तियों की ओर
एक सिरफिरा ही नई प्रवृत्ति बनाने की सोच रहा था।

जब लगभग हर इंसान अपने पेट भरने का उपाय ढूंढ रहा था
एक सिरफिरा ही इस जहाँ को बेहतर बनाने की ओर चल पड़ा था।

जब सारे बुद्धिमान उस तूफान से दूर भाग रहे थे
एक सिरफिरा ही था जो उस तूफान की ओर बढ़ रहा था।

©Söuvick Mukherjee
  #सिरफिरा #hindi_poetry
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Söuvick Mukherjee

किसी ने एक दिन उस पेड़ से कहा-
तू इन पर्वतों को देखकर सीख ले।
किसी भी परिस्थिति में वह झुकते नहीं है
जबकि एक हवा का झोंका भी
तुझे झुका देता है।

यह सुन पेड़ ने मुस्कुरा कर कहा
मैं पर्वत सा बेजान नहीं
जो एक जैसा रहूंगा।
मुझ में जान है
इसीलिए झुकने की क्षमता है।
तू इसे मेरी कमजोरी ना समझ।
हवा के झोंकों से मैं झुकता जरूर हूं
पर टूटता नहीं।

©Söuvick Mukherjee
  पेड़ - एक कविता
#hindi_poetry

पेड़ - एक कविता #hindi_poetry #Poetry

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Söuvick Mukherjee

गुलाब सुंदर है
क्योंकि कांटों के बीच खिलता है।
कमल सुंदर है
क्योंकि कीचड़ के बीच उगता है।
रोशनी को लोग तभी पहचानते हैं
जब वह घने अंधेरे को चीरती है,
वरना धूप में तो
जलती हुई आग भी नजर नहीं आती है।

इसीलिए अगर चारों तरफ अंधेरा दिखे
तो इस बात को गांठ बांध लेना
अपनी रोशनी फैलाने का यह अवसर
शायद ही फिर कभी आएगा।

_सौविक
(२३/०५/२०२३)

©Söuvick Mukherjee
  #HindiPoem
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Söuvick Mukherjee

While I waited for your replies,
You were busy creating the road
That would lead you far away from me.

Today, as I realized the harsh truth,
and closed the door,
And felt things are over,
Little did I realise,
that the memories stayed along.

Amidst my daily routine, every now and then
When those memories hit the shore of my mind
Like some ugly waves of an angry sea,
I just wonder...
Sitting somewhere far away,
Do you also think of me
At least for some time?
Don't the memories of our happy times
Come to you at least once?

I find my inner soul tell me-
"Don't think of her, for she is gone.
She is happy with her own selfish world.
And you, silly boy, need to get out of it."

I bow before my inner soul
And get back to my usual routine
Until those ugly waves hit me again.

©Söuvick Mukherjee #Dedication
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Söuvick Mukherjee

अंधेरी बंद दराज ने पूछा उस मोमबत्ती से-
क्या कभी तुझे अपनी किस्मत पर रोना नहीं आता है?
जब चारों तरफ अंधेरा छा जाता है,
रोशनी की एक चिंगारी भी नजर नहीं आती है,
तभी लोगों को तेरी याद आती है।
तू खुद जलकर लोगों को रोशनी देता है।
और वही लोग, तेरी ज़रूरत खत्म होने पर
तुझे फिर इस अंधेरे दराज में धकेल कर
भूल जाया करते हैं।
उम्र भर खुद जलकर दूसरों को रोशनी देने वाला,
तू खुद सारी जिंदगी अंधेरे में बिताता है।
क्या तुझे रब से कभी शिकायत नहीं रहती है?

एक हल्की सी मुस्कुराहट लिए मोमबत्ती ने कहा,
मुझे भला शिकायत किस चीज की रहेगी?
रब से सारी बातें छुपी थोड़ी ना रहती है?
मंदिर मस्जिद गिरजा- कहीं भी तू देख ले
रब के सामने सबसे पहला स्थान
मेरा ही रहता है।

  - सौविक

©Söuvick Mukherjee
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Söuvick Mukherjee

Hey there... 
Come to me. 
Together, we'll give
Our dreams a shape. 

A walk down the little road
That leads to our world
Will be glorified
By our footsteps. 

You'll be mine
And I'll be yours
And the palace we build
Will be ours. 

Don't think twice
Hold my hands.
And let's march towards the destination
Where our edifice stands.

___Söuvick

©Söuvick Mukherjee #poem 

#Sea
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Söuvick Mukherjee

It is you who beholds my joys,
who carves my way to find life
in my dreary days of despair.
A friend, or May be a little more,
you make a machine find its soul.

©Söuvick Mukherjee #with_love
#dedication
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Söuvick Mukherjee

इस वीरान सी जिंदगी में तेरा अचानक से आना
मायूस इन आंखों को ख्वाबीदा कर जाना
हर ख्वाहिश, हर मशिय्यत को अपनी ओर लाना
इनायत है, इनायत है, इनायत है।

©Söuvick Mukherjee कुछ अल्फाज़

#Couple

कुछ अल्फाज़ #Couple #कविता

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