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shailendrasinghy9892
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Shailendra Singh Yadav

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Shailendra Singh Yadav

तुमको भूल न पायेंगे भले ही खुद से दूर हो जायेंगे।
तुम गर साथ नहीं दोगे तो तुम बिन जी न पायेंगे मरने को मजबूर हो जायेंगें।
शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर। शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

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Shailendra Singh Yadav

हट ही जायेंगे तम तमिस अंधेरे।
चले जायेंगे चक्रवातों के घेरे।
ठंडी हवाओं का झोका आयेगा।
आपनों का साथ जब भी मिलेगा न रह पायेंगे खल धूर्त दुर्जन दुष्ट ऐरे गैरे।
शायर:-शैलेन्द्र सिंह यादव,कानपुर। शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

#CalmingNature

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी। #CalmingNature

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Shailendra Singh Yadav

लाश बनकर रह गये तलाश फूलों की थी काँटे मिलें।
खुशियाँ सभी ने छीन लीं दर्दो गम किसी ने बाँटे नहीं।
शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव,कानपुर। शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

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Shailendra Singh Yadav

तुम नहीं होते तो ये दिल भी होता नहीं।
बिन तुम्हारे ये दिल बेवजह रोता नहीं।
शायर:-शैलेन्द्र सिंह यादव,कानपुर। शैलेन्द्र सिह यादव की शायरी।

#flyhigh

शैलेन्द्र सिह यादव की शायरी। #flyhigh

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Shailendra Singh Yadav

जिनको याद करते हैं वो भूल जाते हैं।
जिनको दिल में बसाया है वो दर्दो गम दिल में शूल चुभाते हैं।
शायर-शैलेन्द्र सिंह यादव,कानपुर। शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

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Shailendra Singh Yadav

उलझनें सुलझती नहीं नित रोज बढ़ती जाती है।
शुकून मिलता नहीं दिल को हर पल साँस घटती जाती है।
शायर:-शैलेन्द्र सिंह यादव,कानपुर। शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

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Shailendra Singh Yadav

दीन दुखियों।
पर तरस आता।
नहीं है क्यों उन्हे।
वो सिर्फ धन।
को माँ बाप मान
बैठे हुये हैं। 
कवि:-शैलेन्द्र सिंह यादव,कानपुर। शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता।

शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता।

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Shailendra Singh Yadav

मायूसी क्यों है।
उदास हर कोई।
परेशान है।
रिश्ते जुड़ते।
नहीं टूट जाते हैं।
तोड़ना आसान।
फिक्र किसको।
दिल में जो फर्क है।
नफरत है।
कवि-शैलेन्द्र सिंह यादव,कानपुर। शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता।

शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता।

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Shailendra Singh Yadav

न जाने क्यों अब वो नहीं नजर आते।
रास्ते में भी नहीं दिखते पता नहीं किधर जाते।
शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव,कानपुर। शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

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Shailendra Singh Yadav

इकरार तो हुआ नहीं इंकार हो गया।
जो कभी अपने न थे उनके लिये दिल बेकरार हो गया।
शायर:-शैलेन्द्र सिंह यादव,कानपुर। शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी

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