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yogeshmishra5974
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Yogesh Mishra

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Yogesh Mishra

White  खुद में मशगूल हो जाऊ की कोई खबर ही न लगे
कोई रुठ ,कोई भूल ,कोई छोड़ भी जाये तो फ़र्क़ न पड़े
जीवन की उस बागडोर  को चुम जाऊ मै
हम भी छोड़ जाए तो फ़र्क़ न पड़े

©Yogesh Mishra
  #milan_night #noone #No_1trending
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Yogesh Mishra

White खुद में मशगूल हो जाऊ की कोई कब्र ही न लगे
कोई रुठ ,कोई भूल ,कोई छोड़ भी जाये तो फ़र्क़ न पड़े
जीवन की उस बागडोर  को चुम जाऊ मै
हम भी छोड़ जाए तो फ़र्क़ न पड़े

©Yogesh Mishra #milan_night #noone #No_1trending
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Yogesh Mishra

कितने  दूर के सपने सजाये थे, भारत माँ के सपूतो ने ,
भविष्य में आने वाली पीढियो  के लिए 
न देखना पड़े भारत माँ को जकड़ा हुआ गुलामी की जंजीरों में
पहन के कफ़न का चोला जो वीर
आज़ादी के जश्न को 
 हँसते हँसते शाहिद हुए थे 
आ सके खुशहाली इन चेहरो को खुद के 
अश्को को दबा के चेहरे की हँसी में
वो वीर जवान शहीद हुए थे
आएगा एक रोज ,एक नया सवेरा 
अखण्ड भारत का बच्चे ,बूढ़े  और जवान 
के चचेहरो में एक नई उमंग 
जान कर वो वीर 
शाहिद हुए थे

©Yogesh Mishra
  #surya #आजादी_का_अमृत_महोत्सव
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Yogesh Mishra

एक वो भी जमाना था मकान कच्चे हुआ करते थे पर रिस्ते पक्के हुआ करते थे
अब वो भी जमाना है मकान तो पक्के हो गए और रिस्ते कच्चे हो गए।।।।

©Yogesh Mishra
  #merasheher
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Yogesh Mishra

कितने अलफ़ाज़ दबे होंगे ,कितने भारत माँ के लाल जले होंगे 
एक नए सूरज की सुबह देखने को कितने वर्षों के संघर्ष हुए होंगे तब जाके हम आजाद हुए

©Yogesh Mishra
  #आज़ादी #संघर्ष
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Yogesh Mishra

जो  वक्त  पर हे  वो  काल 
जो काल से  परे वो महाकाल

©Yogesh Mishra #rain
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Yogesh Mishra

इश्क  में  कन्धा  देने  गया  था  वो 
अब खुद कंधो पर आता है

©Yogesh Mishra
  #HeartBreak #Mekhana #soldiers
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Yogesh Mishra

अपनो के खंजर जो दिल को लगे है 
उसका मरहम कहा से लाऊ 
जोड़ सके वो दुटे दिल के अफसानों को 
फिर से ऐसा मरहम कहा से लाऊँ

©Yogesh Mishra
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Yogesh Mishra

दोस्ती के कबूलनामे से इश्क़ के पंछी बनने का सफर 
कुछ यूं रहा 
सब मर्तबा चलता रहा साथ जब तक वो रहा 
सफर को सुहाना करता तेरा साथ 
वो छोटी छोटी बातों पर तेरा यू मुझे छेड़ना ,फिर मुझे मनाना कुछ यूं रहा 
एहसास तेरा दिल पर लगता है तब तेरा यू मुझे छोड़ जाना
अपनी यादों को मुझमें  बसा जाना 
दिल के एक कोने में तेरा यू महफूज़ होना 
दोस्ती के कबूलनामे से इश्क़ के पंछी का सफर 
कुछ यूं रहा 
तेरा यू देख के फिर न देखना गैरो सा रिश्ता करना 
जो वादे थे तेरे तेरा उन्हें कुछ तोड़ना 
सब मर्तबा चलता रहा 
अब यू कहना कुछ न रहा तेरा मुझसे रिस्ता 
फिर यू न देखना ,फिर किसी और कि बाहों में 
तेरा दिखना जो वादे थे मुझसे यू किसी और से फिर 
करना तेरे इश्क़ के व्यापार का यू चलना 
सब मर्तबा चलता रहा ।
@योगेश मिश्र(युगयोगी) #lostinthoughts
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Yogesh Mishra

कैसे कह दू की कोई अब अपना है 
मैंने अपनो में ही गैरो सा रिश्ता देखा है
मिल लेते है वो कभी कभी झूठी बातो में 
मिल जाये कहि महफ़िल में तो गैरो से दिखता मै
कैसे कह दू की कोई अब अपना है ।
कर लूं कैसे अब में यक़ीन उन सबपर 
मैने उनके झूठे नकाबों को हटते देखा है ।, #alonesoul
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