यु ही नहीं मेरे रास्तों में नुकिले
सूल (काटें) आये हैं
शायद कुछ नफरत के बिज हम ही
स्नेह के उस खाक़(मिट्टी) में भूल हैं
ये बेजान से दिख रहें शाख़ गवाह है
इसी एक बात का कि
जहां मोहब्बत के छिटें पड़तें हैं
वहां तो हमेशा कोमल फूल आये हैं #kkk#जानकारी
हम जग रहें हैं
और वो है कि
बिना बतायें ही सो गयें
ओय होय होय
सुन तुम ऐसे कब से हो गये.★kkk
Thoughts #ज़िन्दगी
★kkk
मन में उत्साह हो या हो दर्द का दरिया अपार
कंकड़ चुभें आखों में या लगे प्याज का जार
आरे बडा़ ही अभागा है रे तु अऐ आंशू
निकल कर हर मौषम में हो जाता है जार जार
#jail#विचार
★kkk
तेरे संग बूझ चुकें अगरबत्ती सा हो मन से मन का ये एक रिस्ता मेरा
बंद कमरा जब भी खोलूँ तेरी यादों का महक जायें सांसो का हर एक हिस्सा मेरा
ऐ ऊपर वाले इतना तो मोहब्बत की मेहरबानी कर दे एक उसी पर
बैचैनी में चैन बन कर याद आये उसकों हर एक किस्सा मेरा
Love #कामुकता
★kkk
घोर काले बादलों के बिच में जैसे सूरज, खुद से प्रकाश मान सूरज ही रहता हैं
वैसे ही हर तरह से माहौल बदलने पर भी तुम,तुम ही बने रहों तो कितना अच्छा होगा ★kkk
#Thinking#प्रेरक
★kkk
कितनें अधूरे हैं मेरे ख्वाब
तुम बिन ये सोचता तो हुँ
मगर तूमसे कहते में डर लगता हैं
#Travel#विचार
★kkk
बेशक अलाव अच्छा लगता हैं
शर्दी के इस गुलाबी मौषम में मगर अब घर में धुआ फैलनें का डर लगा रहता है ★kkk
#BookLife#ज़िन्दगी