किताब-ए-ज़ीस्त= ज़िन्दगी की किताब
निसाब= मूल,आधार, सरमाया
सवाब= सही, ठीक
इंतिख़ाब= चयन, चुनाव, चुना जाने वाला
ख़ार= काँटे
दश्त-ए-इश्क़= इश्क का रेगिस्तान
आब= पानी, अब्र=बादल, घटा
सराब= मरीचिका, वो रेत जो दूर से पानी की तरह दिखाई देती है #Quotes#ghazal#hindipoetry#sher#parastish#nojohindi