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RaJ

अपने बारे में क्या बयां करें जो दिल में आता है उसे कागज पे उतार देते है

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RaJ

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RaJ

जब मेरा सर दर्द से दुखे
मेरा सर गोद में लेकर 
मेरा बालों में उंगली फेरना 
प्यार से सहला देना
तुम्हारे गोद में सर रख के मुझे नींद आ जाए
बस इतनी मुहब्बत तुमसे चाहिए।

मुझे किसी और का होता देख
तुम्हारा दिल पीड़ा  से भर जाए
तुम्हारे सिवा कोई मुझसे बात करे
तुम उसका मुंह तोड़ दो..
मैं कहीं आऊं जाऊं तुम मेरी नजर उतारे
बस इतनी मुहब्बत तुमसे चाहिए।

बिना पूछे तुम मेरा सारा हाल जान लो
मेरी आंखें पढ़ लो, मेरा चेहरा पढ़ लो
तुम्हारे जहन में मेरे ख्याल के बादल हो
मेरा माथा चूम लो, मेरे ओंठ चूम लो
तुम्हारा आशिक हूं, इसी से दुनिया मुझे पहचाने
बस इतनी मुहब्बत तुमसे चाहिए।
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RaJ

आज फिर खुदा से आस्था उठ गया

आज फिर एक बार टूटा दिल टूट गया


ए खुदा तू नहीं है

               मैंने कई बार साबित किया है

जब भी दिल टूटता है

               सिर्फ तुमको ही याद किया है

मैं मतलबी हूं तू भी समझता है

मेरा दिल टूटता है और तू हंसता है

आज फिर अनबन हुई, मैं तुमसे रूठ गया

आज फिर एक बार टूटा दिल टूट गया ए खुदा तू नहीं मैंने कई बार साबित किया है

ए खुदा तू नहीं मैंने कई बार साबित किया है

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RaJ

आज फिर खुदा से आस्था उठ गया

आज फिर एक बार टूटा दिल टूट गया


ए खुदा तू नहीं है

               मैंने कई बार साबित किया है

जब भी दिल टूटता है

               सिर्फ तुमको ही याद किया है

मैं मतलबी हूं तू भी समझता है

मेरा दिल टूटता है और तू हंसता है

आज फिर अनबन हुई, मैं तुमसे रूठ गया

आज फिर एक बार टूटा दिल टूट गया

penned by RaJ ए खुदा तू नहीं है
मैंने  कई बार साबित किया है

ए खुदा तू नहीं है मैंने कई बार साबित किया है

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RaJ

Part-2

एक दिन ऐसा होगा

तुम्हारी दुनिया में तू होगा , मैं नहीं

तो क्या तब भी तुम मुझे याद रखोगे

या भुला दोगे जैसे मुझसे पहले तुमने

कितनों को भुलाया है उसी तरह


याद तुम मुझे याद नहीं रखोगे

क्युकी मैं कुछ खास नहीं हूं

मैं भी बाकियों की तरह हूं

जिन जिन को तुमने भुलाया।

फिर अब मैं तुमसे कभी नाराज नहीं होऊंगा

तू है या नहीं इससे परे खुद को

रख कर बस जिए जाऊंगा

तब तक जबतक मैं मर नहीं जाता

मेरी हस्ती मिट नहीं जाती। ए खुदा तू नहीं है
मैंने कई बार साबित किया है

ए खुदा तू नहीं है मैंने कई बार साबित किया है #कविता

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RaJ

Part -1

आज फिर खुदा से आस्था उठ गया

आज फिर एक बार टूटा दिल टूट गया


ए खुदा तू नहीं है

               मैंने कई बार साबित किया है

जब भी दिल टूटता है

               सिर्फ तुमको ही याद किया है

मैं मतलबी हूं तू भी समझता है

मेरा दिल टूटता है और तू हंसता है

आज फिर अनबन हुई, मैं तुमसे रूठ गया

आज फिर एक बार टूटा दिल टूट गया ए खुदा तू नहीं है
मैंने कई बार साबित किया है

ए खुदा तू नहीं है मैंने कई बार साबित किया है #कविता

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RaJ

move on

मुझसे तुम्हारी शिकायतें बढ़ गई है
मुझसे तुम्हारा विश्वास उठ गया है
जो कहती हूं,तुझे गलत लगता है
अब सब कुछ यही ख़तम करते है
चलो,लाइफ में move on करते है

ना तुझे कोई बार बार टेक्स्ट कर के तंग करेगा
ना अब तुझे मेरी बचकानी हरकते झेलनी पड़ेगी
मैं भी अपना आदत बदल लूंगी
रिलेशनशिप का स्टेट्स change करते है
चलो, life में move on करते है

ना तुझे मेरे फ्रेंडजोन वाले लड़कों से problem 
               होगा
और ना मैं तुम्हारे फोन की जासूसी करूंगी
दोनों दूर रहेंगे शक करने की बीमारी से
सारे गिफ्ट एक्सचेंज करते है
चलो, life में move on करते है #world_health_day move on
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RaJ

सूसाइड नोट

मैं पहले भ्रम में था
कि अब भ्रम में हूं
मेरी उलझन तुम ही सुलझाओ यारो

मैं सबको पार लगाया है
 किनारे पहुंचाया है
किनारे पर फंसी नाव मेरी
इसे तुम ही पार लगाओ यारो
मेरी उलझन तुम ही सुलझाओ यारो

प्यार नफरत में बदल गया है
वक़्त हाथ से निकाल गया है
अब जीने से कोई फायदा नहीं
जाओ साइनाइड खरीद लाओ यारो
मेरी उलझन तुम ही सुलझाओ यारो

मैं गलत था ,वो सही थी
मेरी किस्मत में वो नहीं थी
हो सके तो मुझे माफ़ कर देना
मेरे बारे में उन्हें कुछ ना बताओ यारो
मेरी उलझन तुम ही सुलझाओ यारो

®राज #world_health_day 
deep depression
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RaJ

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।

वर्षा ऋतु आई जब

उसपे पानी बरस गया।

पानी पाकर अंकुरित हुआ,

धीरे धीरे जड़ें बढ़ाई

धीरे धीरे चढ़ी ऊंचाई.

फिर  नन्हा हरा पौधा

बनके धरती पे उभर गया।

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।


वायुमंडल से हवाएं सोखकर,

मिट्टी से थोड़ी नमी चुराकर।

धीरे धीरे बढ़ता रहा

अपना पोषण करता रहा।

कभी आई तेज हवाएं

उसके उसको बहुत झकझोरा,

उसके आसमान छूने की उम्मीदों को

आंधी पानी ने भी रोका।

मौसम का मार सहता गया,

और  मजबूत बनता गया।

कभी अनचाहे में इंसानों ने भी क्षति किया

कभी मवेशी उसके पत्ते खाते रहें।

सब कुछ झेलकर वो एक दिन 

एक विशाल पेड़ बन गया।

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।






आज वह इंसानों को लकड़ियां और फल देता है,

आज वह मवेशियों को छाया और चिड़ियों को घर देता है।

आज वह इस वातावरण का हिस्सा बन गया है,

आज वह सबके लिए अच्छा बन गया है।

कठिनाइयों में डटे रहने से जीवन 

        उसका संवर गया।

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।









सुनो भाईयो!

सहते रहना,डटे रहना और आगे बढ़ते रहना 

सफलता का मंत्र यही है और ऊंचे चढ़ते रहना।

आज तुम छोटे हो तो नजर नहीं आते हो,

कल जब बड़े हो जाओगे,हर कोई नजर उठा के देखेगा,

जब काम आने लगेगा दूसरों के

तब तुम्हारी पूछ बढ़ेगी ,हर कोई सर आंखों पे रखेगा।


जब  एक अवचेतन बीज अस्तित्व पा सकता है,

तुम्हारे पास तो चेतना है,सोचो तुम क्या कर सकते हो,

अगर तुम्हे इंतजार है  कोई मसीहा आएगा,

जो तुम्हारे अंदर बैठा है,क्यों उसे तुम बाहर ढूंढ़ते हो?

एक एक सेकंड,एक एक मिनट कर के

कितना साल गुजर गया।

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया। poem on tree #6

poem on tree 6 #कविता

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RaJ

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।

वर्षा ऋतु आई जब

उसपे पानी बरस गया।

पानी पाकर अंकुरित हुआ,

धीरे धीरे जड़ें बढ़ाई

धीरे धीरे चढ़ी ऊंचाई.

फिर  नन्हा हरा पौधा

बनके धरती पे उभर गया।

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।


वायुमंडल से हवाएं सोखकर,

मिट्टी से थोड़ी नमी चुराकर।

धीरे धीरे बढ़ता रहा

अपना पोषण करता रहा।

कभी आई तेज हवाएं

उसके उसको बहुत झकझोरा,

उसके आसमान छूने की उम्मीदों को

आंधी पानी ने भी रोका।

मौसम का मार सहता गया,

और  मजबूत बनता गया।

कभी अनचाहे में इंसानों ने भी क्षति किया

कभी मवेशी उसके पत्ते खाते रहें।

सब कुछ झेलकर वो एक दिन 

एक विशाल पेड़ बन गया।

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।


आज वह इंसानों को लकड़ियां और फल देता है,

आज वह मवेशियों को छाया और चिड़ियों को घर देता है।

आज वह इस वातावरण का हिस्सा बन गया है,

आज वह सबके लिए अच्छा बन गया है।

कठिनाइयों में डटे रहने से जीवन 

        उसका संवर गया।

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।


सुनो भाईयो!

सहते रहना,डटे रहना और आगे बढ़ते रहना 

सफलता का मंत्र यही है और ऊंचे चढ़ते रहना।

आज तुम छोटे हो तो नजर नहीं आते हो,

कल जब बड़े हो जाओगे,हर कोई नजर उठा के देखेगा,

जब काम आने लगेगा दूसरों के

तब तुम्हारी पूछ बढ़ेगी ,हर कोई सर आंखों पे रखेगा।










जब  एक अवचेतन बीज अस्तित्व पा सकता है,

तुम्हारे पास तो चेतना है,सोचो तुम क्या कर सकते हो,

अगर तुम्हे इंतजार है  कोई मसीहा आएगा,

जो तुम्हारे अंदर बैठा है,क्यों उसे 

तुम बाहर ढूंढ़ते हो?

एक एक सेकंड,एक एक मिनट कर के

कितना साल गुजर गया।

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।

www.aapkisafalta.com poem on tree #5

poem on tree 5

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