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deveshdixit4847
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Devesh Dixit

मुझे कविताएँ लिखना, पढ़ना, सुनना एवम सुनाना अत्यधिक पसंद है। 7982437710

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Devesh Dixit

जिन्दगी

जिन्दगी तू एक पहेली है
जिसको लिया तूने आगोश में
उसी के साथ तू खेली है
जिन्दगी तू एक पहेली है

किसी को कांटे तो किसी को गुलाब दिए हैं
तूने अपने दामन में कई राज़ दफन किए हैं
तुझे बनाना चाहता हर कोई सहेली है
जिंदगी तू एक पहेली है

अदभुत तेरे नज़ारे हैं
उन नज़ारों में तेरे बहाने हैं
ऐसे खेल तू खेली है
जिंदगी तू एक पहेली है

किसी को तेरी चाह है
तो किसी से तू कहीं रूठी है
जीवन में रात उसके घनेरी है
जिन्दगी तू एक पहेली है

तेरी भी एक सीमा है
तू भी समय से बंधी है
क्या कहूं ये क्या पहेली है
जिन्दगी तू एक पहेली है
..............................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit #जिन्दगी #nojotohindi #nojotohindipoetry 

जिन्दगी

जिन्दगी तू एक पहेली है
जिसको लिया तूने आगोश में
उसी के साथ तू खेली है
जिन्दगी तू एक पहेली है

#जिन्दगी #nojotohindi #nojotohindipoetry जिन्दगी जिन्दगी तू एक पहेली है जिसको लिया तूने आगोश में उसी के साथ तू खेली है जिन्दगी तू एक पहेली है #Poetry #sandiprohila

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Devesh Dixit

रहन सहन

रहन सहन तुम ऐसा रखना
कि ये दुनिया बजाए ताली
स्वभाव में कभी अहम न रखना
कि ये जीवन जाए खाली

सदाचार का ऐसा पालन करना
जैसे फूलों को रखे माली
ईश्वर से यही प्रार्थना करना
सम्मान का न हो भण्डार खाली

दुनिया की न परवाह करना
कि जिंदगी अनमोल तुम्हे है बितानी
अपना फैसला ऐसा करना
कि जिंदगी न पड़ जाए तुमको भारी

परिवार को अपने संभाले रखना
अहम से न हो जाए दीवार खड़ी
प्रेम से डोर में बांधे रखना
टूट न जाए कहीं रिश्तों की लड़ी

रहन सहन तुम ऐसा रखना
कि ये दुनिया बजाए ताली
स्वभाव में कभी अहम न रखना
कि ये जीवन जाए खाली
.........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit #रहन_सहन #nojotohindi #nojotohindipoetry 

रहन सहन

रहन सहन तुम ऐसा रखना
कि ये दुनिया बजाए ताली
स्वभाव में कभी अहम न रखना
कि ये जीवन जाए खाली

#रहन_सहन #nojotohindi #nojotohindipoetry रहन सहन रहन सहन तुम ऐसा रखना कि ये दुनिया बजाए ताली स्वभाव में कभी अहम न रखना कि ये जीवन जाए खाली #Poetry #sandiprohila

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Devesh Dixit

मंत्री जी
मंत्री जी ओ मंत्री जी
मुंह उठा कर कहां चले
धोती कुर्ता पहन के टोपी
धूल उड़ा कर कहां चले
अत्याचारों से लिपटी धरती
सब तुम्हारी करनी है
आतंकवाद की बढ़ती दरिंदगी
सब तुम्हारी निशानी है
पाप कर्म और मक्कारी का
दिया जलाया तुमने है
खून बहा के निर्दोषों का
धन कमाया तुमने है
मुद्दा बनाके जाति - पांति का
आपस में लड़वाया तुमने है
उसी से भड़कती है हिंसा
उसी से रोटी सेंकी है
और कौन से कुकर्म हैं बाकी
जो तुमने आगे करने हैं
धरती माता पर और लहू की
बारिश करनी तुमने है
मंत्री जी ओ मंत्री जी
मुंह उठा कर कहां चले
धोती कुर्ता पहन के टोपी
धूल झोंक कर कहां चले
…………………………….
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit #मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry 

मंत्री जी
मंत्री जी ओ मंत्री जी
मुंह उठा कर कहां चले
धोती कुर्ता पहन के टोपी
धूल उड़ा कर कहां चले
अत्याचारों से लिपटी धरती

#मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां चले अत्याचारों से लिपटी धरती #Poetry #sandiprohila

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Devesh Dixit

# Praveen Jain "पल्लव"  Himanshu Raj   N.B.Mia  Shilpa Yadav  Aanshi Ajit

# Praveen Jain "पल्लव" Himanshu Raj N.B.Mia Shilpa Yadav Aanshi Ajit #Poetry

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Devesh Dixit

नदी किनारे 

नदी किनारे बैठा मैं
अविरल उसको देख रहा था
उसकी बहती धारा में मैं
साया अपना खोज रहा था
दिख न रहा था मुझे उसमें
किंचित भी अपना साया
उसकी बहती धारा में मैं
ऐसा विचारों में खोया
कर रही थी मार्गदर्शन ये
मकसद था मुझे समझाना
यूंँ ही चलते रहना जीवन में
नहीं तुम कभी भी रुक जाना
रुक गए यदि जीवन में
चित्त दूषित हो जाएगा
कई विकार उत्पन्न होंगे
और जीवन नष्ट हो जाएगा
मुझे देखो और सीखो लगन से
मेरा अविरल बहना ही तुमको समझाएगा
कांँटे बहुत हैं राहों में
इस पर चल कर ही मंजिल पाएगा
...................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit
  #नदी_किनारे #nojotohindi #nojotohindipoetry 

नदी किनारे 

नदी किनारे बैठा मैं
अविरल उसको देख रहा था
उसकी बहती धारा में मैं
साया अपना खोज रहा था

#नदी_किनारे #nojotohindi #nojotohindipoetry नदी किनारे नदी किनारे बैठा मैं अविरल उसको देख रहा था उसकी बहती धारा में मैं साया अपना खोज रहा था #Poetry #sandiprohila

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Devesh Dixit

White गुरु (दोहे)

गुरु मिलता जब शिष्य को, मिलती खुशी अपार।
देते विद्या दान हैं, भरे ज्ञान भंडार।।

गुरु की महिमा है बड़ी, शिक्षा दे भरपूर।
बिन पानी साबुन बिना, दोष करे वो दूर।।

शिष्य करे जो अर्चना, गुरु का हो सम्मान।
विद्या से जीवन खिले, पूरे हों अरमान।।

गुरु जैसा ज्ञानी नहीं, वही ज्ञान का सार।
निर्माता ये भाग्य के, जीवन का आधार।।

गुरु बिन है विद्या नहीं, और कहाँ फिर ज्ञान।
पशुवत होती जिंदगी, पाता कष्ट महान।।

विद्या जो धारण करे, बनता वही महान।
गुरु को रहती लालसा, सबका हो सम्मान।।
........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit
  #teachers_day 

गुरु (दोहे)

गुरु मिलता जब शिष्य को, मिलती खुशी अपार।
देते विद्या दान हैं, भरे ज्ञान भंडार।।

गुरु की महिमा है बड़ी, शिक्षा दे भरपूर।

#teachers_day गुरु (दोहे) गुरु मिलता जब शिष्य को, मिलती खुशी अपार। देते विद्या दान हैं, भरे ज्ञान भंडार।। गुरु की महिमा है बड़ी, शिक्षा दे भरपूर। #Poetry #Sethi

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Devesh Dixit

# Reena Sharma  Ayushi Agrawal  @_hardik Mahajan  Sarfraz Ahmad  Neha verma # मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

# Reena Sharma Ayushi Agrawal @_hardik Mahajan Sarfraz Ahmad Neha verma # मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

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Devesh Dixit

काल चक्र (दोहे)

काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार।
देता सबको सीख है, जो माने वह पार।।

रचा ईश ने जब इसे, मकसद है कुछ खास।
सदुपयोग इसका करें, उनको भी है आस।।

काल चक्र के देवता, देते हैं परिणाम।
जिसका जैसा कर्म है, वैसा उसको दाम।।

काल चक्र बलवान है, कहते सभी सुजान।
विमुुख न होना तुम कभी, बनकर के अनजान।।

काल चक्र से बच सका, जरा बताओ कौन।
मूल्य नहीं क्यों जानते, अभी रहो तुम मौन।।
..........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit
  #काल_चक्र #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry 

काल चक्र (दोहे)

काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार।
देता सबको सीख है, जो माने वह पार।।

रचा ईश ने जब इसे, मकसद है कुछ खास।

#काल_चक्र #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा ईश ने जब इसे, मकसद है कुछ खास। #Poetry #sandiprohila

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Devesh Dixit

बिन दौलत के जिंदगी (दोहे)

बिन दौलत के जिंदगी, होती है दुश्वार।
ताने भी भरपूर हों, जीवन ये बेकार।।

बिन दौलत के जिंदगी, करती है हैरान।
मन मारे भी रह रहे, बिखरे हैं अरमान।।

कलह रहे घर-बार में, चुभते शूल समान।
जीवन यापन हो कठिन, जैसे कसी कमान।।

रह जाते कुछ काम हैं, बिन दौलत के जान।
होती है पीड़ा बड़ी, खोता खुद का मान।।

असमंजस में बीतता, जीवन का यह भार।
जैसे पड़ती हो कभी, कुदरत की है मार।।

कुछ करते अपराध भी, पाने की जो चाह।
गलत तरीके ढूंँढते, है जीवन की राह।।

बिन दौलत के जिंदगी, होती है अभिशाप।
इससे जो भी है घिरा, उसको है संताप।।

तड़प रही है जिंदगी, भरने को अब पेट।
कैसे भी कुछ भी मिले, करते हैं आखेट।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit
  #बिन_दौलत_के_जिंदगी #nojotohindi #nojotohindipoetry 

बिन दौलत के जिंदगी (दोहे)

बिन दौलत के जिंदगी, होती है दुश्वार।
ताने भी भरपूर हों, जीवन ये बेकार।।

बिन दौलत के जिंदगी, करती है हैरान।

#बिन_दौलत_के_जिंदगी #nojotohindi #nojotohindipoetry बिन दौलत के जिंदगी (दोहे) बिन दौलत के जिंदगी, होती है दुश्वार। ताने भी भरपूर हों, जीवन ये बेकार।। बिन दौलत के जिंदगी, करती है हैरान। #Poetry #sandiprohila

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Devesh Dixit

विपत्ति जब आती है

ये विपत्ति जब आती है,
अकेले वो नहीं आती है।
साथ में लाती अपनी बहनें,
उन्हें भी घर दिखाती है।

देखो बहनों अब तुम सब,
याद दिला दो इनको रब।
ताण्डव इनपर करती रहना,
कभी तो पस्त होंगे जब।

इनको मजा चखाएँगे,
खून के आँसू रुलाएंँगे।
कभी अगर ये चूके तो जब,
इनको बहुत सताएँगे।

पागल जैसी हालत करके,
दुविधा में ही इनको भरके।
हमें मजा बहुत फिर आएगा,
हँसेंगे हम ही पेट पकड़ के।

जब पस्त नहीं वो होता है,
इनको ही कष्ट ये होता है।
मंसूबों पर ही पानी फेर दिया,
ऐसा बहुत कम ये होता है।
.......................................
देवेश दीक्षित
स्वरचित एवं मौलिक

©Devesh Dixit
  #विपत्ति_जब_आती_है #nojotohindi #nojotohindipoetry 

विपत्ति जब आती है

ये विपत्ति जब आती है,
अकेले वो नहीं आती है।
साथ में लाती अपनी बहनें,
उन्हें भी घर दिखाती है।

#विपत्ति_जब_आती_है #nojotohindi #nojotohindipoetry विपत्ति जब आती है ये विपत्ति जब आती है, अकेले वो नहीं आती है। साथ में लाती अपनी बहनें, उन्हें भी घर दिखाती है। #Poetry #sandiprohila

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