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gauravchrist3897
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Gaurav Christ

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Gaurav Christ

पवित्र आत्मा पिता की आशीष।                                                 हम इन बातों के गवाह हैं और वैसे ही पवित्र आत्मा भी , जिसे परमेश्वर ने उन्हें दिया है। जो उसकी आज्ञा मानते है । ( प्रेरितो के काम ५;३२ ) । लूका ११;१३, उन बहुत से वचनो में है, जिनको पवित्र आत्मा ग्रहण करने के विषय में गलत समझा; और इस्तेमाल किया गया है । वहाँ यीशु ने कहा ,  जब तुम बुरे होकर, अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो , तो स्वर्गीय पिता अपने माँगनेवालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा ?  किंतु तब वह मसीहो से बात

पवित्र आत्मा पिता की आशीष। हम इन बातों के गवाह हैं और वैसे ही पवित्र आत्मा भी , जिसे परमेश्वर ने उन्हें दिया है। जो उसकी आज्ञा मानते है । ( प्रेरितो के काम ५;३२ ) । लूका ११;१३, उन बहुत से वचनो में है, जिनको पवित्र आत्मा ग्रहण करने के विषय में गलत समझा; और इस्तेमाल किया गया है । वहाँ यीशु ने कहा , जब तुम बुरे होकर, अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो , तो स्वर्गीय पिता अपने माँगनेवालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा ? किंतु तब वह मसीहो से बात

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यीशु मसीह के द्वारा शासन करते हुए।  क्योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कारण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया , तो जो लोग अनुग्रह और सत्यनिष्ठा का वरदान बहुतायत से ग्रहण करते हैं वे एक मनुष्य के , अर्थात् यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्त जीवन में राज्य करेंगे ( रोमियो ५:१७ ) । रेखाकिंत शब्द " द्वारा ” वह ग्रीक में “ डिया " है ; हमे जीवन में यीशु मसीह के द्वारा राज्य करना है । हजार साल के युग में , हम उसके द्वारा राज्य नही करेंगे , किंतु उसके साथ राज्य करेंगे । हम उसके साथ नए स्वर्ग और नई प

यीशु मसीह के द्वारा शासन करते हुए। क्योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कारण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया , तो जो लोग अनुग्रह और सत्यनिष्ठा का वरदान बहुतायत से ग्रहण करते हैं वे एक मनुष्य के , अर्थात् यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्त जीवन में राज्य करेंगे ( रोमियो ५:१७ ) । रेखाकिंत शब्द " द्वारा ” वह ग्रीक में “ डिया " है ; हमे जीवन में यीशु मसीह के द्वारा राज्य करना है । हजार साल के युग में , हम उसके द्वारा राज्य नही करेंगे , किंतु उसके साथ राज्य करेंगे । हम उसके साथ नए स्वर्ग और नई प

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हर एक वस्तु, जिसकी आपको तलाश है। और हर एक आशीष,  जो अपने जीवन में आप चाहते हैं । वह मसीह में हमें पहले ही दे दी गई है। आइए इसे आज के टॉपिक में समझते हैं ।                    उसकी सारी आशीषे पहले ही पूरी हो चुकी है। क्योंकि परमेश्वर की जितनी प्रतिज्ञाएँ हैं , वे सब मसीह में, और मसीह के द्वारा, एक बड़ी हाँ के साथ पूरी हो चुकी हैं । इसलिये उसके द्वारा आमीन भी हुई कि; हमारे द्वारा परमेश्वर की महिमा हो ।( २ कुरिंथियो १;२० ) । आपके लिए परमेश्वर का वचन, केवल वाचाएं नही है ; वे सच्चाई के कथन है । मसीह म

हर एक वस्तु, जिसकी आपको तलाश है। और हर एक आशीष, जो अपने जीवन में आप चाहते हैं । वह मसीह में हमें पहले ही दे दी गई है। आइए इसे आज के टॉपिक में समझते हैं । उसकी सारी आशीषे पहले ही पूरी हो चुकी है। क्योंकि परमेश्वर की जितनी प्रतिज्ञाएँ हैं , वे सब मसीह में, और मसीह के द्वारा, एक बड़ी हाँ के साथ पूरी हो चुकी हैं । इसलिये उसके द्वारा आमीन भी हुई कि; हमारे द्वारा परमेश्वर की महिमा हो ।( २ कुरिंथियो १;२० ) । आपके लिए परमेश्वर का वचन, केवल वाचाएं नही है ; वे सच्चाई के कथन है । मसीह म

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क्या आपको पता है, आप जो भी कुछ सोचते हो; वह हमारे भौतिक जीवन में प्रकट होता जाता है।  शायद आप किसी बुरी परिस्थिति, कर्ज या बीमारी के विषय में चिंतित हो; यह आपके जीवन में उस चीज को बढ़ा देगी, जिस का चित्र आप अपने दिमाग में; चिंता के द्वारा परिकल्पना करते हो। आइए आज इसे हम परमेश्वर के वचन से समझते हैं , आज का विषय है ..!        किसी भी बात की चिंता मत करो ।                                     
  इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएँगे , या क्या पीएँगे , या क्या पहिनेंगे ? क्योंकि अन्यजाती इन सब वस्तुओं की खोज में रहते हैं। पर तुम्हारा स्वर्गीय पिता जानता है; कि तुम्हें इन सब वस्तुओं की आवश्यकता है ।( मत्ती ६ ; ३१-३२ ) । क्यूँ किसी भी व्यक्ति को इसे पढ़कर, जीवन में किसी भी वस्तु के विषय में कुड़कुड़ाना चाहिए ? जिसने आपसे आने वाले कल के विषय में चिंता ना करने को कहा है , वह आने वाले कल का मालिक है ; वह जानता है कि सर्वश्रेष्ठ जीवन के लिए; हर वस्तु जो आपको चाहिए। वह पहले ही उपलब्ध की जा चुकी है । इसलिए , तनाव और चिंता के द्वारा , बोझित होना मना कर दीजिए । अपने काम , परिवार , व्यवसाय , धन, या किसी भी वस्तु के विषय में चिंता मत कीजिए । चिंता छुपा हुआ डर है । यह नकारात्मक संभावनाओ का डर है ; अनैच्छिक परिणामो की निश्चितता है । डर अपने चित्रों को खिंचता है । उदाहरण के लिए; अगर आप बीमार होने के विषय में लगातार चिंता करते रहेंगे: तो आप जल्दी ही बीमार हो जाएंगे । चिंता की दवाई परमेश्वर के वचन में जीना है । यीशु ने कहा , “ हे सब परिश्रम करनेवालो और बोझ से दबे हुए लोगो , मेरे पास आओ ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा । मेरा जुआ अपने ऊपर उठा लो , और मुझ से सीखो ; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूँ : और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे । क्योंकि मेरा जूआ सहज, और मेरा बोझ हलका है ” ( मत्ती ११ ; २८-३० ) । फिलिप्पियो ४ ; ६ कहता है , “ किसी भी बात की चिन्ता मत करो ; परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन , प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएँ ।  वचन पर काम कीजिए । चिंता करने की बजाय , जो कुछ आपको चाहिए उसको ग्रहण कीजिए , और मसीह की विजय , अनुग्रह और बहुतायत के प्रावधान की चेतना में चलिए । मसीह यीशु में, संपूर्ण आनंद और परिपूर्णन के पूरे जीवन से; कुछ भी छोटा आपके लिए परमेश्वर का सर्वश्रेष्ठ नही है । इब्रानियो ४;३ कहता है , “ परन्तु हम जिन्होंने विश्वास किया है , उस विश्राम में प्रवेश करते हैं ; जैसा उसने कहा ... " । परमेश्वर ने मनुष्य को बना

क्या आपको पता है, आप जो भी कुछ सोचते हो; वह हमारे भौतिक जीवन में प्रकट होता जाता है। शायद आप किसी बुरी परिस्थिति, कर्ज या बीमारी के विषय में चिंतित हो; यह आपके जीवन में उस चीज को बढ़ा देगी, जिस का चित्र आप अपने दिमाग में; चिंता के द्वारा परिकल्पना करते हो। आइए आज इसे हम परमेश्वर के वचन से समझते हैं , आज का विषय है ..! किसी भी बात की चिंता मत करो । इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएँगे , या क्या पीएँगे , या क्या पहिनेंगे ? क्योंकि अन्यजाती इन सब वस्तुओं की खोज में रहते हैं। पर तुम्हारा स्वर्गीय पिता जानता है; कि तुम्हें इन सब वस्तुओं की आवश्यकता है ।( मत्ती ६ ; ३१-३२ ) । क्यूँ किसी भी व्यक्ति को इसे पढ़कर, जीवन में किसी भी वस्तु के विषय में कुड़कुड़ाना चाहिए ? जिसने आपसे आने वाले कल के विषय में चिंता ना करने को कहा है , वह आने वाले कल का मालिक है ; वह जानता है कि सर्वश्रेष्ठ जीवन के लिए; हर वस्तु जो आपको चाहिए। वह पहले ही उपलब्ध की जा चुकी है । इसलिए , तनाव और चिंता के द्वारा , बोझित होना मना कर दीजिए । अपने काम , परिवार , व्यवसाय , धन, या किसी भी वस्तु के विषय में चिंता मत कीजिए । चिंता छुपा हुआ डर है । यह नकारात्मक संभावनाओ का डर है ; अनैच्छिक परिणामो की निश्चितता है । डर अपने चित्रों को खिंचता है । उदाहरण के लिए; अगर आप बीमार होने के विषय में लगातार चिंता करते रहेंगे: तो आप जल्दी ही बीमार हो जाएंगे । चिंता की दवाई परमेश्वर के वचन में जीना है । यीशु ने कहा , “ हे सब परिश्रम करनेवालो और बोझ से दबे हुए लोगो , मेरे पास आओ ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा । मेरा जुआ अपने ऊपर उठा लो , और मुझ से सीखो ; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूँ : और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे । क्योंकि मेरा जूआ सहज, और मेरा बोझ हलका है ” ( मत्ती ११ ; २८-३० ) । फिलिप्पियो ४ ; ६ कहता है , “ किसी भी बात की चिन्ता मत करो ; परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन , प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएँ । वचन पर काम कीजिए । चिंता करने की बजाय , जो कुछ आपको चाहिए उसको ग्रहण कीजिए , और मसीह की विजय , अनुग्रह और बहुतायत के प्रावधान की चेतना में चलिए । मसीह यीशु में, संपूर्ण आनंद और परिपूर्णन के पूरे जीवन से; कुछ भी छोटा आपके लिए परमेश्वर का सर्वश्रेष्ठ नही है । इब्रानियो ४;३ कहता है , “ परन्तु हम जिन्होंने विश्वास किया है , उस विश्राम में प्रवेश करते हैं ; जैसा उसने कहा ... " । परमेश्वर ने मनुष्य को बना

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औऱ तुम उसी में, भरपूर हो गए हो, जो सारी प्रधानता; और अधिकार का शिरोमणि है । जब आप परमेश्वर के इस वचन पर, मनन  करना शुरू कर देते है; तो आप वही बन जाते हैं, जो वचन कहता है ।  जब हम ईशु को ग्रहण करते हैं, तो हम परमेश्वर की परिपूर्णता को ग्रहण करते हैं। आइए इसे आज के टॉपिक, "आप में उसकी परिपूर्णता" मैं समझते हैं।.                                        क्योंकि उसकी परिपूर्णता में से हम सब ने प्राप्त किया। अर्थात् अनुग्रह पर अनुग्रह। ( यूहन्ना १;१६ ) । यीशु के आने से पहले पवित्र आत्मा, मनुष्यों के ऊप

औऱ तुम उसी में, भरपूर हो गए हो, जो सारी प्रधानता; और अधिकार का शिरोमणि है । जब आप परमेश्वर के इस वचन पर, मनन करना शुरू कर देते है; तो आप वही बन जाते हैं, जो वचन कहता है । जब हम ईशु को ग्रहण करते हैं, तो हम परमेश्वर की परिपूर्णता को ग्रहण करते हैं। आइए इसे आज के टॉपिक, "आप में उसकी परिपूर्णता" मैं समझते हैं।. क्योंकि उसकी परिपूर्णता में से हम सब ने प्राप्त किया। अर्थात् अनुग्रह पर अनुग्रह। ( यूहन्ना १;१६ ) । यीशु के आने से पहले पवित्र आत्मा, मनुष्यों के ऊप

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आप चाहे कुछ भी प्राप्त क्यों ना कर ले,  आपके सपने भी आपको कुछ समय के लिए ही, संतुष्ट कर सकते हैं।  यदि आप  कुछ समय के लिए यह परिकल्पना करें: कि आपके पास वो सब है, जो आपको चाहिए। फिर भी यह आपको तृप्त नहीं कर पाएगा; क्योंकि इस जीवन में, सबसे महत्वपूर्ण वस्तु; जो आप को तृप्त कर सकता हैं, और आप  को परिपूर्णता की अनुभूति दे सकता हैं: वह पवित्र आत्मा है। आइए हम इसे आज का टॉपिक, "आत्मा की सहभागिता "  में समझते है।                                                                            प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह, और परमेश्वर का प्रेम, और पवित्र आत्मा की सहभागिता; तुम सब के साथ होती रहे । आमीन । ( २ कुरिंथियो १३;१४ ) । एक मसीही के रुप में आपकी सबसे ऊँची बुलाहट, प्रभु के साथ सहभागिता है । सहभागिता के बिना जो कुछ आप पृथ्वी पर करते है, उसका स्वर्ग में कोई सम्मान नही है । यीशु के साथ सहभागिता करना; दैवियता के सबसे परिपूर्ण दर्शन के साथ, सहभागिता करना है । किंतु समझिए , आप उसके साथ पवित्र आत्मा के बिना; सहभागिता नही कर सकते । इसलिए मैं अधिकतर आश्चर्य करता हूँ, जब कुछ लोग सोचते है; कि उन्हें पवित्र आत्मा की आवश्यकता नही है । पवित्र आत्मा रहित जीवन से बढ़कर, खाली जीवन कोई नही है: क्योंकि वह जीवन का लेखक है । उसके बिना , जो कुछ आपके पास होगा, वह अंधकार होगा । वही है, जो आपको ज्योति देता है। और आपके हृदय में, परमेश्वर के वचन को जीवंत करता है । परमेश्वर के वचन का आपके लिए कोई अर्थ नही होगा; उस अंर्तदृष्टि और प्रकाशन के बिना, जो पवित्र आत्मा देता है । बाइबल कहती है, उसके वचन उनके लिए जीवन है; जो इसको प्राप्त कर लेते है। ( नीतिवचन ४;२२ ) ; और उन्हें प्राप्त करने का तरिका, पवित्र आत्मा के द्वारा है । आपकी इच्छा होनी चाहिए, कि आप हर दिन पवित्र आत्मा के साथ; अधिक सहभागिता करें । मेरा मतलब है, सक्रिय सहभागिता। जहां पर आप, सक्रिय रूप से उसके साथ जुड़े हुए होते है । सत्यनिष्ठा के एक रोमांस में । इसके विषय में, महिमामय बात यह है, कि हर वह सफलता; जो आप पवित्र आत्मा के साथ सहभागिता के दौरान; और उसके निर्देशन और बुद्धि में पाते है :..वह उसकी शाबासी आपको देता है । उसके साथ आपकी सहभागिता का: एक और सुंदर प्रभाव यह है; कि आप उसके साथ: इतने घुलमिल जाते है: कि आपका शरीर उसका शरीर बन जाता है। आपकी जीभ उसकी जीभ बन जाती है।  आपके हाथ उसके हाथ । आपके पैर उसके पैर। हालेलुयाह !  इस तरह के संबंध में, हर सीमा और बाधा ; आपके रास्ते से हटा दी जाती है । आप केवल जीवन में उन्नति ही को देखते है । आप उसकी महिम

आप चाहे कुछ भी प्राप्त क्यों ना कर ले, आपके सपने भी आपको कुछ समय के लिए ही, संतुष्ट कर सकते हैं। यदि आप कुछ समय के लिए यह परिकल्पना करें: कि आपके पास वो सब है, जो आपको चाहिए। फिर भी यह आपको तृप्त नहीं कर पाएगा; क्योंकि इस जीवन में, सबसे महत्वपूर्ण वस्तु; जो आप को तृप्त कर सकता हैं, और आप को परिपूर्णता की अनुभूति दे सकता हैं: वह पवित्र आत्मा है। आइए हम इसे आज का टॉपिक, "आत्मा की सहभागिता " में समझते है। प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह, और परमेश्वर का प्रेम, और पवित्र आत्मा की सहभागिता; तुम सब के साथ होती रहे । आमीन । ( २ कुरिंथियो १३;१४ ) । एक मसीही के रुप में आपकी सबसे ऊँची बुलाहट, प्रभु के साथ सहभागिता है । सहभागिता के बिना जो कुछ आप पृथ्वी पर करते है, उसका स्वर्ग में कोई सम्मान नही है । यीशु के साथ सहभागिता करना; दैवियता के सबसे परिपूर्ण दर्शन के साथ, सहभागिता करना है । किंतु समझिए , आप उसके साथ पवित्र आत्मा के बिना; सहभागिता नही कर सकते । इसलिए मैं अधिकतर आश्चर्य करता हूँ, जब कुछ लोग सोचते है; कि उन्हें पवित्र आत्मा की आवश्यकता नही है । पवित्र आत्मा रहित जीवन से बढ़कर, खाली जीवन कोई नही है: क्योंकि वह जीवन का लेखक है । उसके बिना , जो कुछ आपके पास होगा, वह अंधकार होगा । वही है, जो आपको ज्योति देता है। और आपके हृदय में, परमेश्वर के वचन को जीवंत करता है । परमेश्वर के वचन का आपके लिए कोई अर्थ नही होगा; उस अंर्तदृष्टि और प्रकाशन के बिना, जो पवित्र आत्मा देता है । बाइबल कहती है, उसके वचन उनके लिए जीवन है; जो इसको प्राप्त कर लेते है। ( नीतिवचन ४;२२ ) ; और उन्हें प्राप्त करने का तरिका, पवित्र आत्मा के द्वारा है । आपकी इच्छा होनी चाहिए, कि आप हर दिन पवित्र आत्मा के साथ; अधिक सहभागिता करें । मेरा मतलब है, सक्रिय सहभागिता। जहां पर आप, सक्रिय रूप से उसके साथ जुड़े हुए होते है । सत्यनिष्ठा के एक रोमांस में । इसके विषय में, महिमामय बात यह है, कि हर वह सफलता; जो आप पवित्र आत्मा के साथ सहभागिता के दौरान; और उसके निर्देशन और बुद्धि में पाते है :..वह उसकी शाबासी आपको देता है । उसके साथ आपकी सहभागिता का: एक और सुंदर प्रभाव यह है; कि आप उसके साथ: इतने घुलमिल जाते है: कि आपका शरीर उसका शरीर बन जाता है। आपकी जीभ उसकी जीभ बन जाती है। आपके हाथ उसके हाथ । आपके पैर उसके पैर। हालेलुयाह ! इस तरह के संबंध में, हर सीमा और बाधा ; आपके रास्ते से हटा दी जाती है । आप केवल जीवन में उन्नति ही को देखते है । आप उसकी महिम #nojotovideo

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सालों पहले, यह कहानी प्रसिद्ध थी। की एक शेर का बच्चा; भटक कर भेड़ियों के झुंड में चला गया। और भेड़ियों ने उसे दूध पिलाया और पाला।  वह तब तक भेड़ियों की तरह जिया; जबतक उसनें शेर की सच्चाई को देख न लिया।  उसने अपनी पहचान पूरी तरह से खो दी थी।  आज भी हमारे साथ ऐसा ही है। और पवित्र शास्त्र बाइबल हमें बताती है, कि हम  एक चुना हुआ  वंश, और परमेश्वर की निज प्रजा   है।  हम अंधकार से छूटकर, परमेश्वर के प्रिय पुत्र के राज्य में लाए गए हैं।  आज का हमारा विषय है।। आप प्रकाश में है।

सालों पहले, यह कहानी प्रसिद्ध थी। की एक शेर का बच्चा; भटक कर भेड़ियों के झुंड में चला गया। और भेड़ियों ने उसे दूध पिलाया और पाला। वह तब तक भेड़ियों की तरह जिया; जबतक उसनें शेर की सच्चाई को देख न लिया। उसने अपनी पहचान पूरी तरह से खो दी थी। आज भी हमारे साथ ऐसा ही है। और पवित्र शास्त्र बाइबल हमें बताती है, कि हम एक चुना हुआ वंश, और परमेश्वर की निज प्रजा है। हम अंधकार से छूटकर, परमेश्वर के प्रिय पुत्र के राज्य में लाए गए हैं। आज का हमारा विषय है।। आप प्रकाश में है। #nojotovideo

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क्या आपको पता है, परमेश्वर ने सारी सृष्टि को कैसे बनाया ? परमेश्वर ने अपने शब्द कहे, और ब्रह्मांड और इसमें कि सारी  वस्तुएं,  उत्पन्न हो गई। सारा ब्रह्मांड आज भी परमेश्वर और उसके पुत्र ईशु के; अधीन है। यही कारण है, कि यीशु के वचनों द्वारा, कई बीमार चंगे हो गए। और  कई चिन्ह और चमत्कार आज भी उसके वचनों से, विश्व के कई भागों में हो रहे हैं।।   आज का हमारा विषय है।  "हर वस्तु मसीह के अधीन है।                                     वह बोल ही रहा था; कि देखो , एक उजले बादल ने उन्हें ढक लिया , और देखो , उ

क्या आपको पता है, परमेश्वर ने सारी सृष्टि को कैसे बनाया ? परमेश्वर ने अपने शब्द कहे, और ब्रह्मांड और इसमें कि सारी वस्तुएं, उत्पन्न हो गई। सारा ब्रह्मांड आज भी परमेश्वर और उसके पुत्र ईशु के; अधीन है। यही कारण है, कि यीशु के वचनों द्वारा, कई बीमार चंगे हो गए। और कई चिन्ह और चमत्कार आज भी उसके वचनों से, विश्व के कई भागों में हो रहे हैं।। आज का हमारा विषय है। "हर वस्तु मसीह के अधीन है। वह बोल ही रहा था; कि देखो , एक उजले बादल ने उन्हें ढक लिया , और देखो , उ #nojotovideo

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ईशु परमेश्वर का आज्ञाकारी था, इसलिए उसने हमारे सारे पापों और श्रापों को; अपने ऊपर ले लिया, और क्रूस को स्विकारा। ताकि उसकी आज्ञाकारीता द्वारा;  हम परमेश्वर के ग्रहण योग्य हो सके, और आपकी आशीषे; किसी भले कार्यों के कारण नहीं; बल्कि मसीह में आपकी विरासत है।  आइए इसे आज के टॉपिक; "उसके आज्ञाकारीता के फल" में समझते हैं।                
  इसलिये जैसा एक अपराध; सब मनुष्यों के लिये, दण्ड की आज्ञा का कारण हुआ , वैसे ही एक सत्यनिष्ठा का काम भी; सब मनुष्यों के लिये , जीवन और सत्यनिष्ठ ठहराए जाने का कारण ह

ईशु परमेश्वर का आज्ञाकारी था, इसलिए उसने हमारे सारे पापों और श्रापों को; अपने ऊपर ले लिया, और क्रूस को स्विकारा। ताकि उसकी आज्ञाकारीता द्वारा; हम परमेश्वर के ग्रहण योग्य हो सके, और आपकी आशीषे; किसी भले कार्यों के कारण नहीं; बल्कि मसीह में आपकी विरासत है। आइए इसे आज के टॉपिक; "उसके आज्ञाकारीता के फल" में समझते हैं। इसलिये जैसा एक अपराध; सब मनुष्यों के लिये, दण्ड की आज्ञा का कारण हुआ , वैसे ही एक सत्यनिष्ठा का काम भी; सब मनुष्यों के लिये , जीवन और सत्यनिष्ठ ठहराए जाने का कारण ह #अनुभव #nojotovideo

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हम में से बहुत ऐसे हैं, जो आज की स्थितियों के लिए; अपने अतीत को जिम्मेदार ठहराया है,  वे अपने जीवन में; कह रहे होते हैं; कि यदि उन्हें सही समय पर यह बातें पता होती। तो आज वे बहुत बड़े मुकाम पर होते। और शायद उन्हें यह पता नहीं, जैसे ही आप येशु को अपना प्रभु स्वीकार करते हैं। उसी समय, पवित्र आत्मा आप के भीतर रहने आ गया है। और यदि हम उसे अपना नियंत्रण देते हैं; और उसके निर्देशों पर चलते हैं। तो  हमारा जीवन सुंदर और आनंदित हो जाता है। आज का हमारा विषय है ।।                                     "उसके

हम में से बहुत ऐसे हैं, जो आज की स्थितियों के लिए; अपने अतीत को जिम्मेदार ठहराया है, वे अपने जीवन में; कह रहे होते हैं; कि यदि उन्हें सही समय पर यह बातें पता होती। तो आज वे बहुत बड़े मुकाम पर होते। और शायद उन्हें यह पता नहीं, जैसे ही आप येशु को अपना प्रभु स्वीकार करते हैं। उसी समय, पवित्र आत्मा आप के भीतर रहने आ गया है। और यदि हम उसे अपना नियंत्रण देते हैं; और उसके निर्देशों पर चलते हैं। तो हमारा जीवन सुंदर और आनंदित हो जाता है। आज का हमारा विषय है ।। "उसके #अनुभव #nojotovideo

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