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nojotouser7525374500
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रतनेश पाठक_ Protest Writer

मेरे अल्फ़ाज़ों को गौर से मत पढ़ पगली प्यार हो जाएगा 😉😊

http://www.youtube.com/c/RatneshPathak99

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रतनेश पाठक_ Protest Writer

बापू तेरे उपवन को हमने तो बंज़र कर डाला
सींचा था खून पसीने से उसको तो पानी कर डाला 
सत्य अहिंसा पाठ पढ़ा के तुमने था जो ज्ञान दिया 
हिंसा के अनुयायी बन हमने बस अपमान किया 
जात धर्म के नाम पर तुमने अपना जो रुख रखा था 
उस रुख के विपरीत देश को जात धर्म मे बाँट दिया 
अरे हिन्दू मुस्लिम में भेद नही तुमने था ये पाठ पढ़ाया 
पर मुल्लों और पंडित में जन जन को हमने बाँट दिया 
हाँ बापू तेरे उपवन को हमने तो बंज़र कर डाला
सींचा था खून पसीने से उसको तो पानी कर डाला
जिस चाचा नेहरू को तूने जाने कितना सम्मान दिया 
वो नेहरू गली मोहल्ले में अब जन की गाली खाते हैं 
जिस लोकतंत्र का ख्वाब संजो के भारत का निर्माण किया
उस लोकतंत्र को देखो हमने भीड़तंत्र में बदल दिया
जिस संविधान की मूरत को संसद में था सबने पूजा 
उसी संविधान के भक्षक को संसद की गद्दी दे डाला 
अरे बापू तेरे उपवन को हमने तो बंज़र कर डाला
सींचा था खून पसीने से उसको तो पानी कर डाला
बापू मुझसे ये ना पूछो तेरी धरती कैसी है 
जैसा तूने सोचा था बिल्कुल नहीं ये वैसी है 
अब आतंकवादी मंत्री है और सैनिक देशद्रोही है
अब हत्यारों को फूल है मिलती और तिरंगा काया को 
मंत्री भी हैं गले लगाते और बुलाते रैली में
अब अस्मत की भी मोल नहीं हाँ धर्म मे तौले जाते हैं
हिन्दू या मुस्लिम पीड़ित है ये देख के पक्ष में आते हैं 
अब बापू तेरे हत्यारे भी देशभक्त कहलाते हैं 
और साथ दिया था जिसने तेरा देशद्रोही कहलाते हैं
हाँ बापू कुछ ऐसी सूरत तेरी धरती की अब है 
जिसको तूने सिंचा था वो बंजर बन अब बैठी है
अच्छा है तू नहीं है बापू पल पल छन छन मार जाता 
काया को तो छोड़ दो बापू रूह भी जलाया जाता 
तेरी लाठी तेरे सर मार के खुश हो लेते वो
और मूक बधिर ये पत्रकार फिर दोषी तुझको कह देते..
🤐🤐🤐🤐🤐🤐
👆 मेरी कलम कुछ कहती है👆
☺️ रतनेश पाठक ☺️

©रतनेश पाठक_ Protest Writer #gandhijayanti #Gandhi #Nojoto #nojohindi
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रतनेश पाठक_ Protest Writer

बापू तेरे उपवन को हमने तो बंज़र कर डाला
सींचा था खून पसीने से उसको तो पानी कर डाला 
सत्य अहिंसा पाठ पढ़ा के तुमने था जो ज्ञान दिया 
हिंसा के अनुयायी बन हमने बस अपमान किया 
जात धर्म के नाम पर तुमने अपना जो रुख रखा था 
उस रुख के विपरीत देश को जात धर्म मे बाँट दिया 
अरे हिन्दू मुस्लिम में भेद नही तुमने था ये पाठ पढ़ाया 
पर मुल्लों और पंडित में जन जन को हमने बाँट दिया 
हाँ बापू तेरे उपवन को हमने तो बंज़र कर डाला
सींचा था खून पसीने से उसको तो पानी कर डाला
जिस चाचा नेहरू को तूने जाने कितना सम्मान दिया 
वो नेहरू गली मोहल्ले में अब जन की गाली खाते हैं 
जिस लोकतंत्र का ख्वाब संजो के भारत का निर्माण किया
उस लोकतंत्र को देखो हमने भीड़तंत्र में बदल दिया
जिस संविधान की मूरत को संसद में था सबने पूजा 
उसी संविधान के भक्षक को संसद की गद्दी दे डाला 
अरे बापू तेरे उपवन को हमने तो बंज़र कर डाला
सींचा था खून पसीने से उसको तो पानी कर डाला
बापू मुझसे ये ना पूछो तेरी धरती कैसी है 
जैसा तूने सोचा था बिल्कुल नहीं ये वैसी है 
अब आतंकवादी मंत्री है और सैनिक देशद्रोही है
अब हत्यारों को फूल है मिलती और तिरंगा काया को 
मंत्री भी हैं गले लगाते और बुलाते रैली में
अब अस्मत की भी मोल नहीं हाँ धर्म मे तौले जाते हैं
हिन्दू या मुस्लिम पीड़ित है ये देख के पक्ष में आते हैं 
अब बापू तेरे हत्यारे भी देशभक्त कहलाते हैं 
और साथ दिया था जिसने तेरा देशद्रोही कहलाते हैं
हाँ बापू कुछ ऐसी सूरत तेरी धरती की अब है 
जिसको तूने सिंचा था वो बंजर बन अब बैठी है
अच्छा है तू नहीं है बापू पल पल छन छन मार जाता 
काया को तो छोड़ दो बापू रूह भी जलाया जाता 
तेरी लाठी तेरे सर मार के खुश हो लेते वो
और मूक बधिर ये पत्रकार फिर दोषी तुझको कह देते..
🤐🤐🤐🤐🤐🤐
👆 मेरी कलम कुछ कहती है👆
☺️ रतनेश पाठक ☺️

©रतनेश पाठक_ Protest Writer
  #gandhijayanti #nojohindi #Gandhi #Nojoto
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रतनेश पाठक_ Protest Writer

मेरे देश के बंधु देखो कैसी ये सरकार तुम्हारी
बेटी की इज़्ज़त ना प्यारी ऐसी है सरकार तुम्हारी
और महलों मे खामोशी से तुम सारे जो बैठे हो
अपने घर की बेटी को तुम बेटी कैसे कहते हो 
पदक को रौशन कर के वो देश का नाम बढाए थे
गर उनकी ऐसी हालत हो तो औरों की फिर क्या होगी
अब प्रश्न नहीं है सत्ता से ये प्रश्न मरे समाज़ों से 
क्या अपनी आँखों से ख़ुद को इज़्ज़त बख़्श भी पाते हो
या इस हद तक सब निर्लज्ज हो कि निर्लज्ज ही रह जाते हो।। 

उस जिह्वा का कट जाना ही बेहतर है जो नारी सम्मान मे थिरक ना सके।। 

😔 रतनाक्षर 😞
 
Ashamed to be born in a shameless socity.

©रतनेश पाठक_ Protest Writer #nojotahindi #Women
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रतनेश पाठक_ Protest Writer

वो पूछते हैं बेखबर कि क्यों हो तुम ख़फ़ा ख़फ़ा
तुम्ही बताओ रहगुजर मैं कैसे कह दूँ राज़ ये
क्या ज़ख़्म है मेरे ज़ेहन मे शूल सा ये क्या चुभे
क्या आरज़ू है मेरे दिल की स्वप्न भी हैं क्या दबे
क्यों ख्वाबों के सितारों को मैं खुद से ही छुपा रहा
कैसे कहूँ कैसे कहूँ कैसे कहूँ ये राज़ मैं
तुम्ही बताओ रहगुज़र मैं कैसे कह दूँ राज़ ये 
क्यों पन्नों पे लिखी स्याही खुद से ही मिटा रहा
कहानियाँ लिखी थी जिसमे उनको क्यों जला रहा
क्यूँ तस्वीरें जो थी गढ़ी वो तस्वीरें नहीं रहीं
क्यूँ रंगों से मैं बेवजह यूँ ही कहीं हूँ भागता 
कैसे कहूँ कैसे कहूँ कैसे कहूँ ये राज़ मैं
तुम्ही बताओ रहगुज़र मैं कैसे कह दूँ राज़ ये
वो पूछते हैं बेखबर कि क्यों हो तुम ख़फ़ा ख़फ़ा!!
😍 रतनाक्षर- रतनेश पाठक 😍

©रतनेश पाठक_ Protest Writer
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रतनेश पाठक_ Protest Writer

हमने बनाए थे रिश्ते कई भाई कई और बहने कई
और बनाया था रिश्ता वो इक सबसे पवित्र सबसे ही नेक
नाम दिया था उसको मैं क्या याद नहीं अब भूल गया
भाई बना था दोस्त बना पीठ मे खंज़र उसने चुभा
छुआ चरण को था ऐसे भला जैसे कि उसने था पुण्य करा
देखा था मैंने तेरी रासलीला रात का वक़्त और आलिंगन पुरा
आँखों को अपने भुलाऊं मैं कैसे तु ही बता खुद को समझाऊँ कैसे
तेरी वजह से था टूट गया अपनों से ही था मैं रूठ गया
रिश्तों को था मैं तो भूल गया अब रिश्ते बनाता ना भूल से भी
लिखता कहानी ना फिर से तेरी चेहरा दिखा था और नज़रें मेरी
थम सी गई थी और यादें बही शूलों से टपकी है रक्त मेरी 
रक्त ने लिख दी कहानी तेरी वर्ना तो भुला था यारी तेरी
रक्त ने लिख दी कहानी तेरी वर्ना तो भुला था यारी तेरी!! 

सुरत देख के ना कभी तुम एतबार करना 
सिरत आज़माना फिर कहीं तुम प्यार करना
यहाँ समझने वाले कम दिल तोड़ने वाले बतेरे हैं
चरण छू कर चरण खीचने वाले बतेरे हैं!
🙂 रतनाक्षर 🙂

©रतनेश पाठक_ Protest Writer #Friendship #poem #Hate #Relationship #nojohindi #Nojoto
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रतनेश पाठक_ Protest Writer

तुझपे भी कोई गीत मैं लिख दूँ कैसी है तू मीत ये लिख दूँ
पर लिखने से मैं डरता हूँ या यूँ कह दूँ कि बचता हूँ
कहीं बंधन मे ना पड़ जाऊँ या इश्क़ मुझे ना हो जाए
तेरी काले लम्बे केषु की और नशीली नयनों की
तेरी मस्त मस्त सी आँखों पर हया समेटी पलकों की 
तेरी भाल पे सजती बिंदी की और रसीली होठों की 
तेरे कोमल कोमल गालों की और मनमोहक सी सूरत की
देख जिसे मन मोह जाए और इश्क़ हृदय मे जग जाए
मैं उसका वर्णन कर जाऊँ तेरा ही चित्रण कर जाऊँ 
पर करने से मैं डरता हूँ या यूँ कह दूँ कि बचता हूँ
कहीं बंधन मे ना पड़ जाऊँ कहीं इश्क़ मुझे ना हो जाए 
तेरी कान मे सजती कुंडल की, पैरों मे छनकती पायल की
तेरी नाक मे सजती नाथीया की, हाथों मे खनकते कंगन की
तेरी बदन सजती काली तिल और उनसे बनते गहने की
देख जिसे मन मोह जाए और इश्क़ हृदय मे जग जाए
मैं उसका वर्णन कर जाऊँ तेरा ही चित्रण कर जाऊँ 
पर करने से मैं डरता हूँ या यूँ कह दूँ कि बचता हूँ
कहीं बंधन मे ना पड़ जाऊँ कहीं इश्क़ मुझे ना हो जाए
तेरी प्यारी प्यारी बातों की और भाषाई संबोधन की
तेरे हृदय के अंदर हलचल की और कदर मेरे उस बंधन की
तेरी समझ लिए उन ख्वाबों की और ख्वाबों मे आलिंगन की 
तेरे अंतर्मन की चाहत की और अधूरे सपनों की
पल पल मे होती मृत्यु की और खामोशी से सहने की
पर दोष मुझे ना देने की हाँ छुप कर नैन भिगोने की
हर इक का वर्णन कर जाऊँ तेरा ही चित्रण कर जाऊँ 
पर करने से मैं डरता हूँ या यूँ कह दूँ कि बचता हूँ
कहीं बंधन मे ना पड़ जाऊँ कहीं इश्क़ मुझे ना हो जाए
तुझपे भी कोई गीत मैं लिख दूँ कैसी है तू मीत ये लिख दूँ
पर लिखने से मैं डरता हूँ या यूँ कह दूँ कि बचता हूँ
कहीं बंधन मे ना पड़ जाऊँ या इश्क़ मुझे ना हो जाए

©रतनेश पाठक_ Protest Writer #FindingOneself  #Love #Nojoto #nojotohindi #poem
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रतनेश पाठक_ Protest Writer

जिनके हाथों सींच के भारत सोना उगला करती है, 
उनके साथ खड़े ना रह कर गद्दारी क्यूँ करते हम?
जो चीड़ के सीना धरती का सुरज को आँख दिखाते हैं, 
बादल से जा कर भीड़ते हैं पत्थर से पानी लाते हैं।
साथ नहीं गर उनके तो फिर साथ भला तुम किनके हो? 
रक्त बहा करके वो अपना पेट देश का भरते है, 
उस रक्त के एवज मे उनको हम देशद्रोही क्यूँ कहते हैं ?
पैसों से थाली खींचने वालों रक्त की कीमत क्या दोगे, 
अन्नदाता ही नहीं रहेंगे संतानों को क्या दोगे ?
क्या दोगे जवाब माटी को जिसने इनको सींचा है, 
लहु बहे जब तन से इनके माटी ने आँसू पोछा है। 
मैं साथ खड़ा हूँ इनके अब तुम अपनी राहें देख लो यारों, 
दर्पण के ज़रा सामने आओ अपनी आँखे भींच लो यारों। 
देशभक्ति की क्या परिभाषा अंतर्मन मे सीख लो तुम,
कदमों को नई राह दिखाओ गीत नया फिर गढ़ लो तुम। 
प्रश्न ना पूछे माटी तुमसे खामोशी से बैठे क्यूँ 
ज़ुल्म हुआ जब संतानों पर अपनी आँखे भींचे क्यूँ? 
तो कदम बढ़ाओ कर्ज चुकाने माटी का और उनके पूत सपूतों का, 
जिसने भारत को सींचा है उनके हक संरक्षण का। 
खामोशी ना काम आयेगी राह कोई अब चुननी है, 
कृषिप्रधान ये देश हमारा बात ध्यान मे रखनी है... 
हाँ कृषि प्रधान ये देश हमारा बात ध्यान मे रखनी है..।।

©रतनेश पाठक_ Protest Writer #farmersprotest #farmer #bharatband #Nojoto #poem
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रतनेश पाठक_ Protest Writer

ऐ नींद क्यों कर रही बगावत
क्या गढ़ रही फिर कोई कहावत
क्यों कश्मकश फिर बढ़ी है मेरे अंदर
क्या फिर कोई ख़्वाब तु है बुन रहा
गर हाँ तो सुन सुन मुझे गौर से
कह रहा कर जोड़ के 
हर नींद मे सोने वाला ख़्वाब नहीं देखता
कुछ ढूंढता शांति कुछ धड़कनों को टटोलता
कुछ करता बातें हृदयकम्प्पनों की ताल पर
कुछ ढूँढता सिकन सुप्त पड़े भाल पर
कुछ करता मोहब्बत रक्त की हर चाल पर
कुछ खुद मे खोता खुद को ही ढूँढता 
और करता आशिकी खुद से ही
खुद का ही होता वो दीवाना
तो सुन ऐ मेरी नींद मत कर तु बगावत
ना गढ़ कोई कहावत 
आ जा और सोने दे मुझे 
कि करनी है मोहब्बत फिर सुबह खुद से
तब तब कि ये रात फिर ना आ जाए।। 
😊 रतनेश शब्दबोध 😊

©रतनेश पाठक_ Protest Writer #Nojoto #nojotohindi #poem #kashmakash
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रतनेश पाठक_ Protest Writer

नीति नहीं हैं जिनके पास राजनीति वो करते हैं
विज्ञान का उपहास अंधविश्वास वो गढ़ते हैं
ताली थाली दीया बाती शंखनाद सब कर बैठे
गोबर मूत्र पापड़ नारा जाने क्या क्या रच बैठे
तापमान के ऊंच नीच पर virus तेरा मरता है
ऐसी वैसी सतहों पर इतने घंटे रहता है
शर्म नहीं तुमको है आती, साल भर क्या किया है तुमने
PM Care Fund जमा था, किसका Care किया है तुमने
क्यूँ मृतशय्या की कतार बड़ी है, अस्पताल मे भरमार कमी है
Vaccine उपलब्ध नहीं क्यों, ऑक्सीजन की कमी रही क्यों
व्यवस्था पर ध्यान नहीं और जन को दोषी कहते हो
कुंभ का आयोजन कर के नाम प्रभु का जपते हो
बिना मास्क के मंत्री घूमे, सेवक और गृहमंत्री घूमे 
भीड़ भरी उस फोटो को जब गर्व से share करते हो
तब बोलो इस जनता को क्या संदेशा देते हो
झूठे भाषण देते हो और खुद को सेवक कहते हो
खुद के नारे को खुद ही फॉलो तुम नहीं करते हो
रात को लंबा ज्ञान हो देते दो गज़ दूरी मास्क जरूरी
दिन मे रैली करते हो और लाखों भीड़ जमाते हो
फिर कहते हो जन है दोषी
अरे राम नाम का नाम लिया और सबकुछ राम पर छोड़ दिया
हाथ तुम्हारे कुछ भी ना तो सत्ता पर क्यों बैठे हो
छोड़ के सत्ता ले लो झोला और करो फ़कीरी फिर तुम
राम ने हमको जन्म दिया है राम ही हमको देखेगा
रावण जैसा राजा हो तो लंका फिर जल जायेगा
माफ़ करो हे सताधीशों तुम ना सेवक हो पाओगे
अपनी इन करतुतों से जन जन को भी खो जाओगे।।

©रतनेश पाठक_ Protest Writer #nojoto #nojotoHindi #poem 

#nirankush #corona
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रतनेश पाठक_ Protest Writer

आँखों मे अपने नीर नहीं
ना दिखती हमको पीड़ कोई
हम मानव रूप मे जन्म लिए
कहते हर जात मे अव्वल है
पर सच पूछो तो 
मानव नहीं हम पत्थर हैं
उन पशुओं से भी बदतर है
संवेदनाएं है साथ मे जिनकी
जान की कीमत समझे है 
हम मानव नहीं हम पत्थर हैं
आँखों मे अपने निर नहीं
ना दिखती हमको पीड़ कोई

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