वो कहावत याद ही होगी सभी को 'कुएँ का मेंढक होना' , जिसका मतलब है कि जितनी दुनिया देखी हो बस उसी के बारे में जानकारी होना और अक़्सर ऐसा होने पर लोग बाकी की दुनिया, थोड़े अलग ज़िन्दगी जीने वाले लोगों पर टिप्पड़ी करते हैं, बातें बनाते हैं, और न जाने क्या क्या...
ऐसा लोगों के व्यक्तित्व निर्धारण में भी होता है, लोगों के रहन सहन को देख, पहनावे को देख बस तार्किकता पर ऐसी दुनिया और बातें अपने इर्द गिर्द बना लेतें हैं कि मरते दम तक ये इसी छद्म दुनिया में जीते हैं और लोगों को कोसते हैं, चाहे सामने वाला कित #meri_amanat_
और क्या इस से ज़ियादा कोई नर्मी बरतूँ,
दिल के ज़ख़्मों को छुआ है तिरे गालों की तरह...
- जाँ निसार अख़्तर
कुछ ऐसे लोग ज़िन्दगी में आते हैं, रुकते हैं और घर कर जाते हैं जो बिना किसी फ़ायदे, किसी उम्मीद के हमारे लिए इतना कुछ कर जाते हैं कि उनके सामने शुक्रिया जैसे शब्दों का कोई मोल नहीं होता, उन लोगों के लिए हम कुछ भी कर लें पर जो उन्होंने किया उसकी बराबरी नहीं कर सकते... #meri_amanat_